उत्तराखंड में चौथी बार फिर महसूस किए गए भूकंप के झटके..
पिथौरागढ़: उत्तराखंड में लगातार नियमित अंतराल पर भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। आज तड़के 1 बजकर 09 मिनट पर पिथौरागढ़ में भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 4.3 मापी गई, जो इस महीने अब तक आए चारों भूकंप में से सबसे तेज रहा। इस भूकंप का केंद्र सतह से करीब 10 किलोमीटर नीचे रहा। वहीं भूकंप के झटकों से लोग दहशत में आ गए। फिलहाल इससे किसी तरह के कोई नुकसान की सूचना नहीं है। साल 2022 के पहले महीने में ही अब तक प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में चार बार भूकंप से धरती डोली है। इससे पहले 18 जनवरी को बागेश्वर में 2.5 तीव्रता, 17 जनवरी को पिथौरागढ़ में 2.8 तीव्रता और 16 जनवरी को चमोली में 2.6 तीव्रता का भूकंप आया था। पिछले कुछ समय से लगातार छोटे-छोटे भूकंप के झटकों से भू वैज्ञानिक लगातार एक बड़े भूकंप के बारे में भी बार-बार चेतावनी दे रहे हैं।
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क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेस के बाद भूकंप आता है। इनके अलावा भी भूकंप अन्य कई कारण होते हैं। जैसे ज्वालामुखी का विस्फोट, भूमि असंतुलन, जलीय भार, पृथ्वी का सिकुड़ना, प्रत्यास्थ प्रतिक्षेप सिद्धांत, प्लेट विवर्तनिकी का सिद्धांत उल्कापात, पृथ्वी के घूर्णन या परिभ्रमण के अन्तर्गत अन्य आकाशीय पिण्डों का पृथ्वी पर प्रभाव, भूपटल के नीचे गैसों के प्रसार, कई मानव जनित कारण जैसे खनन क्रिया जिसमें जीवाश्म ईंधन एवं अन्य खनन, भूमिगत जल का निष्कर्षण, बांधों का निर्माण, परमाणु विस्फोट एवं भूमिगत परमाणु परीक्षण आदि।
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भूकम्प आने पर क्या करें और क्या न करें
1- भूकम्प आने पर फौरन घर, स्कूल या दफ्तर से निकलकर खुले स्थान या मैदान में जायें।
2- बडी बिल्डिंग, पेडों, बिजली के खम्बों आदि से दूर रहें।
3- कई फंस गये हो तो दौडे नहीं। इससे भूकम्प का ज्यादा असर होगा।
4- भूकम्प आने पर खिडकी अलमारी, फंखे एंव उपर रखे भारी सामान से दूर हट जायें। ताकि इनके गिरने और शीशे टूटने से चोट न लगें।
5- अगर आप बाहर नहीं निकल पाते तो टेबल, बेड, डेस्क जैसे मजबूत फर्नीचर के नीचे घुस जाएं, और उसके पाया को कसकर पकड़ लें, ताकि झटको से वह खिसके नही।
6- कोई मजबूत चीज न हो तो किसी मजबूत दीवार से सटकर शरीर के नाजुक हिस्से जैसे सिर, हाथ आदि को मोटी किताब या किसी मजबूत चीज से ढककर घुटनों के बल टेक लगाकर बैठ जाएं।
7- खुलते बन्द होते दरवाजे के पास खड़े न हो वा चोट लग सकती है।
8- गाडी में हैं तो बिल्डिंग, होर्डिंग्स, खम्बों, फ्लाई ओवर, पुल आदि से दूर सडक के किनारे या खुले में गाडी रोक लें, और भूकम्प रूकने तक इंतजार करें ।
9- बाहर जाने के लिए लिफ्ट की बजाय सीढियों का इस्तेमाल करें।
10- भूकम्प के सम्बन्ध में किसी प्रकार की अफवाहों से बचें।