युवाओं और किसानों का धामी सरकार ने रखा खास ध्यान। युवाओं को विदेश में मिलेगा रोजगार, इतना खर्च उठाएगी सरकार..

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Dhami government took special care of youth and farmers. Hillvani News

Dhami government took special care of youth and farmers. Hillvani News

उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के युवाओं और जनता के लिए बीते दिन हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए है। अब प्रदेश के युवाओं को अब जापान, जर्मनी जैसे देशों में रोजगार मिलेगा। इसके लिए मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना के तहत सरकार ये सुविधा देने जा रही है। वहीं, केंद्र में नीति आयोग की तर्ज पर अब उत्तराखंड में सेतु (स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर एंपावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखंड) को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। यह भी तय किया गया है कि किसी भी स्कूल, अस्पताल आदि के लिए अब जमीन की तलाश को हर जिले में डीएम की अध्यक्षता में साइट सेलेक्शन कमेटी गठित की जाएगी।

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प्रदेश के युवाओं को विदेश में मिलेगा रोजगार
उत्तराखंड सरकार का एक साल पूरा होने पर मुख्यमंत्री धामी ने मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना की घोषणा की थी। अब इस योजना के तहत एएनएम, जीएनएम पास युवाओं को जर्मनी, जापान आदि देशों में नर्सिंग, बुजुर्गों की देखभाल, हॉस्पिटैलिटी के लिए रोजगार दिलाया जाएगा। इसके लिए 11 संस्थाओं से प्रस्ताव मिल चुके हैं। चुने हुए युवाओं को विदेशी भाषा सीखने के कुल खर्च में से 20 प्रतिशत सरकार वहन करेगी। इसके अलावा अगर प्रशिक्षण, वीजा व हवाई टिकट के खर्च के लिए लोन लेगा तो एक लाख तक की रकम के लोन के ब्याज का 75 प्रतिशत खर्च भी सरकार वहन करेगी।

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नीति आयोग की तर्ज पर सेतु का ढांचा
प्रदेश में अब नीति आयोग की तर्ज पर सेतु (स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर एंपावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखंड) के ढांचे को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में यह काम करेगा। इसके उपाध्यक्ष नियोजन मंत्री या सीएम की ओर से नामित मंत्री होंगे। इसमें मुख्य कार्यकारी अधिकारी पद पर बाहरी विशेषज्ञ रखा जाएगा। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी पद पर अपर सचिव स्तर का अधिकारी होगा। प्रतिवर्ष दो करोड़ रुपये केंद्र से मिलेंगे। इसमें तीन सेंटर फॉर इकोनॉमी एंड सोशल डेवलपमेंट, सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी एंड गुड गवर्नेंस और सेंटर फॉर एविडेंस बेस्ड प्लानिंग। छह सलाहकार आर्थिकी एवं रोजगार, सामाजिक अवसंरचना, पब्लिक पॉलिसी एवं सुशासन, शहरी एवं अर्द्ध शहरी विकास, सांख्यिकी एंव डेटा, अनुश्रवण एवं मूल्यांकन बाहर से विशेषज्ञ लिए जाएंगे।

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घोड़ा खच्चर खरीदने पर भी मिलेगी सब्सिडी
प्रदेश में मुख्यमंत्री उत्तराखंड राज्य पशुधन मिशन को कैबिनेट ने मंजूर कर दिया है। इसके तहत 125 विश्वस्तरीय वेटरेनरी हॉस्पिटल बनेंगे तो 575 पशु चिकित्सालयों का कंप्यूटरीकरण किया जाएगा घोड़ा खच्चर से भी उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा। अब इसमें खोड़ा खच्चर की खरीद भी शामिल की गई है। इसके तहत दुधारू पशु, भेड़-बकरी, मुर्गी के साथ ही व्यवसाय के लिए खोड़ा खच्चर खरीदने पर भी लोन के ब्याज में 9 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी।
चारा नीति को मंजूरी, नहीं होगा चारे का संकट
कैबिनेट ने उत्तराखंड चारा नीति 2023 को मंजूरी दी है। इसके तहत हरा और सूखा चारा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 66 करोड़ खर्च का प्रावधान किया गया है। यह नीति पांच साल के लिए होगी। इसके तहत 10 भूसा भंडारण गृह बनाए जाएंगे। प्राकृतिक आपदा होने पर प्रदेश में चारे की निर्बाध आपूर्ति के लिए कारपस फंड बनाया जाएगा।

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पिरूल एकत्र करने पर 50 प्रतिशत बढ़ोतरी
अभी तक प्रदेश में पिरूल एकत्र करने वालों को सरकार दो रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से भुगतान करती है। इसमें बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर बुधवार को कैबिनेट ने मुहर लगा दी। इसके तहत अब तीन रुपये प्रति किलो का भुगतान होगा।
मानव-वन्यजीव संघर्ष निवारण प्रकोष्ठ बनेगा
कैबिनेट ने प्रदेश में मानव-वन्यजीव संघर्ष निवारण प्रकोष्ठ के गठन को मंजूरी दी है। यह प्रकोष्ठ जहां मानव-वन्यजीव संघर्ष के कारणों को तलाशकर इसके निवारण को सुझाव सरकार को देगा तो वहीं मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटना पर मुआवजा भी तत्काल उपलब्ध कराएगा। इसके लिए दो करोड़ का कारपस फंड बनाया जाएगा।

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इन अहम बिंदुओं पर कैबिनेट में चर्चा
अतिक्रमण: हर विभाग अपनी जमीन का ऑफलाइन व डिजिटल रिकॉर्ड रखेगा। विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। यह तय किया जाएगा कि कौन सा अधिकारी कितने किमी दायरे में अतिक्रमण के प्रति जवाबदेह होगा। अतिक्रमण पर नजर रखने के लिए तकनीकी का इस्तेमाल होगा। हर महीने सैटेलाइट तस्वीरें ली जाएंगी।
नई सरकारी इमारतें: आमतौर पर शहरों में सरकारी जमीनें शहर से दूर होने पर वहां नए अस्पताल, स्कूल, कॉलेज या विभागों के दफ्तर बन जाते हैं। इससे जनता को असुविधा होती है। लिहाजा, सभी जिलों में जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में साइट सेलेक्शन कमेटी बनेगी। यह कमेटी किसी भी नए सरकारी प्रोजेक्ट के लिए सबसे सुविधाजनक जमीन के बारे में बताएगी। हो सकता है कि वह अधिग्रहण या खरीदने लायक निजी भूमि भी हो।

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