उत्तराखंड: देवभूमि गौरवान्वित, कर्नल अमित बिष्ट और शीतल को मिला नेशनल एडवेंचर अवार्ड..
उत्तरकाशी/पिथौरागढ़: पर्वतारोहण में खास उपलब्धि हासिल करने को लेकर नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट और पिथौरागढ़ की शीतल को नेशनल एडवेंचर अवार्ड-2020 मिला है। यह अवार्ड शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने दिया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने कर्नल अमित बिष्ट और शीतल को बधाई भी दी है। नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड देश का साहसिक खेलों में दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। इसका नाम पूर्व में तेनजिंग नोर्के नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड था। यह अर्जुन अवॉर्ड के समकक्ष का पुरस्कार है। जानकारी के अनुसार 1994 में स्थापित यह राष्ट्रीय सम्मान अभी तक भारत के 139 अति विशिष्ठ नागरिकों को दिया गया है। इस सम्मान को पूर्व में तेंजिंग नार्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड से भी जाना जाता है।
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कर्नल अमित बिष्ट ने अपने 20 वर्ष के पर्वतारोहण करियर में 35 चोटियों का आरोहण किया है। जिसमें इस वर्ष जून माह में विश्व की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट का सफल आरोहण भी शामिल है। इन 35 चोटियों में से 20 चोटियां ऐसी हैं, जिन्हें आरोहण करने वाले कर्नल अमित बिष्ट पहले पर्वतारोही बने हैं। कर्नल अमित बिष्ट ने माउण्ट त्रिमुखी, प्रथम आरोहण, माउण्ट त्रिशूल, स्टोक कांगडी, फ्रेंडशिप, 6566, 6657, 6126 और 6086 प्रथम आरोहण मुम्बा, माउण्ट ब्लॉक, फ्रांस, हर्षिल हॉर्न, प्रथम आरोहण, नागा, के साथ-साथ विश्व की सबसे ऊंची चोंटी माउण्ट एवरेस्ट का भी सफलता पूर्वक आरोहण कर चुके हैं। कर्नल अमित बिष्ट, सेना मेडल को प्राप्त यह सम्मान राष्ट्र के युवाओं के लिए प्रेरणा का कार्य करेगा।
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वहीं पिथौरागढ़ की शीतल को भी नेशनल एडवेंचर अवार्ड से सम्मानित किया गया है। शीतल ने कठिन परिस्थितियों में पर्वतारोहण में खास उपलब्धि हासिल की है। माउंट एवरेस्ट के सफल आरोहण के साथ शीतल ने वर्ष 2017 में विश्व की तीसरी सबसे ऊंची चोटी कंचनजंगा (28169 फीट) का सफल आरोहण का विश्व रिकार्ड बनाया है । इस चोटी का आरोहण करने वाली शीतल सबसे कम उम्र की पर्वतारोही है। उस समय शीतल की उम्र 22 वर्ष थी। शीतल बहुत ही गरीब परिवार से आती है। उसके पिता पिथौरागढ़ में लोकल टैक्सी चलाकर परिवार का पालन पोषण करते हैं।