CM धामी भ्रष्टाचार पर सख्त। 4 मामलों में 5 अधिकारियों पर शिकंजा कसने की तैयारी, जांच के आदेश दिए..
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भ्रष्टाचार पर एक बार फिर सख्त रुख अपनाया। उन्होंने परिवहन निगम के उप महाप्रबंधक वित्त भूपेंद्र कुमार के विरुद्ध पद के दुरुपयोग, भ्रष्टाचार में लिप्तता की गंभीर शिकायत पर खुली विजलेंस जांच के आदेश दिए। आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के मामलों में उन्होंने अन्य चार व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के निर्देश भी दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस नीति से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। राज्य निगम कर्मचारी अधिकारी महासंघ उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गोसाईं ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर भूपेंद्र कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए विजिलेंस जांच की मांग की थी। पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि उप महाप्रबंधक ने अनुबंधित वाहन स्वामियों से मिलीभगत कर धनराशि अपने पारिवारिक सदस्यों के बैंक खातों में जमा कराई।
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परिवहन निगम के उप महाप्रबंधक वित्त भूपेंद्र कुमार के विरुद्ध मिली वित्तीय अनियमितता एवं अन्य शिकायतों को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया। उन्होंने इस मामले में खुली विजलेंस जांच के आदेश दिए। मुख्यमंत्री ने मौजा जाखन कोचर कालोनी, पश्चिम आफिसर्स कालोनी राजपुर रोड पर गलत तरीके से जमीनों पर अवैध कब्जा करने के मामले में दोषियों सेवानिवृत्त लेखपाल कुशाल सिंह राणा व राजेंद्र डबराल के विरुद्ध मुकदमा चलाने की अनुमति दी। इसी प्रकार हरिद्वार जिले की तहसील लक्सर में लेखपाल महिपाल सिंह पर जमीन की सही रिपोर्ट लगाने के एवज में रिश्वत मांगने के मामले में अब मुकदमा चलाया जाएगा। गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के वरिष्ठ भंडारक रजनीश कुमार पांडे के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में भी मुख्यमंत्री ने मुकदमा चलाने के आदेश दिए हैं।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लक्ष्य पर सरकार आगे बढ़ेगी। सतर्कता विभाग को घूसखोरी व कदाचार पर अंकुश लगाने के साथ ही भ्रष्ट कार्मिकों को चिह्नित कर उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए समय-समय पर कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में इन पांच अधिकारियों के खिलाफ विभिन्न निर्णय लिए गए हैं। पिछले साल जारी हेल्पलाइन नंबर 1064 पर भी शिकायतें मिल रही हैं। इन पर गंभीरता से जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए जा रहे हैं।
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