अंकिता के परिजनों से मिले CM धामी, अंकिता के पिता बोले मुझे 25 लाख नहीं.. दरिंदों की मौत चाहिए।

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CM Dhami met Ankita's family members. Hillvani News

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज पौड़ी ज़िले के डोभ श्रीकोट गांव में अंकिता भंडारी के माता-पिता से उनके आवास पर मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने परिजनों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि अंकिता को न्याय दिलाने के लिए उत्तराखंड सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। कहा कि पूरी सरकार उनके साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि फास्ट ट्रेक कोर्ट में सुनवाई कराते हुए अंकिता के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी। परिजनों को बताया कि अंकिता हत्याकांड के मामले की जांच को डीआईजी पी रेणुका देवी के नेतृत्व में एक एसआईटी टीम गठित की गई है, जिसने अपनी जांच प्रारंभ कर दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस हत्याकांड के तीनों आरोपितों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है और जांच में जिन भी लोगों की भूमिका संदेह के दायरे में है उन पर भी कानून सम्मत कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। इस दौरान उनके साथ स्वास्थ्य मंत्री धनसिंह रावत भी मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता की धनराशि भी प्रदान की।

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वहीं अंकिता भंडारी के पिता वीरेंद्र भंडारी ने धामी सरकार के सामने आज एक मांग रखी है। कहा कि हमे 25 लाख रुपये नहीं चाहिए, बल्कि अंकिता के हत्यारों को मौत की सजा दी जानी चाहिए। सीएम धामी से सवाल पूछले हुए वीरेंद्र कहते है कि अगर ऐसे जघन्य अपराध आपके परिजनों के साथ होता तो आप क्या करते? वीरेंद्र ने मुख्यमंत्री धामी से सवाल किया कि अगर अंकिता की जगह आपकी बहन या आपकी लड़की होती तो आप पर क्या बीतती? धामी सरकार की ओर से 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता पर वह कहते हैं कि वह इससे संतुष्ट नहीं है। उनका साफतौर से कहना है कि ‘मौत के बदले मौत’ होनी चाहिए। उनकी सरकार से मांग है कि अंकिता के हत्यारे को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। मालूम हो कि इससे पहले अंकिता की मां ने भी जिला प्रशासन पर सवाल उठाए थे। आरोप लगाया था कि सरकार ने दबाब बनाते हुए बिटिया का अंतिम संस्कार कर दिया था। मां ने सरकार से सवाल पूछा था कि शाम छह बजे कौन का अंतिम संस्कार किया जाता है? अंकिता हत्याकांड के बाद लोगों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। लोगों द्वारा प्रदर्शन कर आरोपियों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग उठाई जा रही है।

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