8 कंपनियों को बेचने की तैयारी में केंद्र सरकार, लिस्ट में इनके नाम हैं शामिल..

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एक बार फिर सरकारी कंपनियों की बिक्री की खबर आने लगीं हैं। सरकार लंबे समय से पेंडिंग पड़े इस काम को पूरा करने के रास्ते पर एक बार फिर आगे बढ़ सकती है। आम चुनावों के चलते सरकार ने अपनी कंपनियों की बिक्री को योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया था लेकिन एक बार फिर वह इस रास्ते पर आगे बढ़ सकती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी कंपनियों की स्ट्रैटजिक सेल को योजना रिवाइव की जा सकती है। जिसमें आठ सरकारी फर्टिलाइजर कंपनियों को बेचने की तैयारी है। यह प्रोसेस अगले फाइनेंशियल ईयर में शुरू की जा सकती है। इसके साथ ही बंद पड़ी कुछ यूनिट को फिर से शुरू करके बेचा जा सकता है। साल 2022 में नीति आयोग ने आठ फर्टिलाइजर कंपनियों को स्ट्रैटजिक सेल के लिए चिह्नित किया था लेकिन सरकार ने घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए उन्हें बेचने की योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया था।

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इन कंपनियों के नाम शामिल
बिजनेस अखबार मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉर्प लिमिटेड, फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स त्रावणकोर, एफसीआई अरावली जिप्सम एंड मिनरल्स लिमिटेड, मद्रास फर्टिलाइजर्स लिमिटेड, नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड, राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स, फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड और हिंदुस्तान फर्टिलाइजर्स कॉरपोरेशन लिमिटेड शामिल हैं। इसके अलावा गोरखपुर, सिंदरी, तालचेर और रामगुंडम में मौजूद फर्टिलाइजर्स कॉरपोरेशन की गई यूनिट्स भी डिसइन्वेस्टमेंट लिस्ट में शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अभी इस बारे में योजना चर्चा के स्तर पर है और जल्दी ही फाइनल निर्णय लिया जा सकता है। वित्त मंत्रालय और डिपार्टमेंट ऑफ फर्टिलाइजर्स ने इस बारे में सवालों का जवाब नहीं दिया।

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क्या होगा असर
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार केंद्र सरकार अभी आयात पर निर्भरता कम करने और आत्मनिर्भरता पर काम कर रही है। उसके बाद ही फर्टिलाइजर पीएसयू के विनिवेश पर काम किया जाएगा। सरकार की योजना इस साल के अंत तक यूरिया के आयात में 30 फीसदी कमी लाना है। सरकार ने फर्टिलाइजर्स पर दी जाने वाली सब्सिडी में भारी कटौती की है। हालांकि हिस्सेदारी बिक्री से सब्सिडी पर कोई असर नहीं होगा। जानकारों का कहना है कि पुराने प्लांट को फिर से चालू करने और नए प्लांट स्थापित करने से घरेलू उत्पादन में 20 फीसदी तेजी आई है और आयात में 10 फीसदी गिरावट आई है। 2024 में सरकार ने 7.04 मीट्रिक टन यूरिया आयात किया जो पिछले साल 7.57 मीट्रिक टन था।

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