कैबिनेट बैठक.. राज्य आंदोलनकारी क्षैतिज आरक्षण बिल, अनुपूरक बजट, GST संशोधन समेत इनको मिली मंजूरी..
उत्तराखंड कैबिनेट बैठक में 20 प्रस्तावों पर मुहर लगी। इसके साथ ही राज्य आंदोलनकारी क्षैतिज आरक्षण बिल को भी मंजूरी मिल गई। विधानसभा सत्र में विधेयक आएगा, जोकि 2004 से लागू होगा। वहीं अप्रचलित विधेयकों को निरस्त करने के लिए विस में निरसन विधेयक लाया जाएगा। इसे भी कैबिनेट ने मंजूरी दे है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में 20 प्रस्ताव पास हुए। बैठक में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पहले अनुपूरक बजट, आयुष नीति, भर्ती परीक्षाओं से संबंधित कार्मिक के प्रस्ताव पर पर चर्चा हुई। उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के बिल को मंजूरी मिल गई है। विधेयक विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सदन में पेश होगा।
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कैबिनेट के प्रमुख निर्णय
1- राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत आरक्षण विधेयक पर लगी मुहर।
2- राज्य के सरकारी विश्वविद्यालयों के लिए अंब्रेला एक्ट बनाएंगे, विधेयक को स्वीकृति
3- राज्य के निजी विश्वविद्यालयों के लिए अंब्रेला एक्ट के लिए विधेयक को स्वीकृति, राज्य के विद्यार्थियों को 25 प्रतिशत प्रवेश व शुल्क में छूट।
4- अनुपूरक बजट को मंजूरी
5- जीएसटी संशोधन विधेयक को मंजूरी
6- लोक ऋण विधेयक को स्वीकृति
7- दैनिक वेतन, आउट सोर्सिंग, संविदा कर्मचारियों को मातृत्व, पितृत्व, बाल्य देखभाल अवकाश को मंजूरी
8- आयुष नीति को मंजूरी
9- स्टेट इंस्टीट्यूटऑफ होटल मैनेजमेंट रामनगर का ढांचा स्वीकृति
10- इंदिरा मार्केट रिडेवलपमेंट परियोजना को मंजूरी
11- आपदा प्रबंधन विभाग में 148 पदों को मंजूरी
12- एकल पद पर भर्ती परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों की 25 प्रतिशत प्रतीक्षा सूची भी बनेगी।
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शासनादेश को ही कर दिया था समाप्त
रवींद्र जुगरान के मुताबिक, बीते एक दशक से भी ज्यादा समय से उत्तराखंड आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। यहां तक कि सैकड़ों चयनित अभ्यर्थियों को भी विभिन्न सरकारी विभागों में नियुक्ति नहीं मिल पाई है क्योंकि उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने इस शासनादेश को ही समाप्त कर दिया था। राज्यपाल ने इस विधेयक को संदेश के साथ विधानसभा को वापस लौटा दिया था। कानून बनने पर इसका लाभ उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन के शहीदों के परिजनों, विभिन्न गोलीकांडों में घायल आंदोलनकारियों, जेल व घायल आंदोलनकारियों के आश्रितों व सक्रिय आंदोलनकारियों के आश्रितों को भी मिलेगा। उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी सम्मान परिषद के पूर्व अध्यक्ष भाजपा नेता रवींद्र जुगरान का कहना है कि विधेयक पारित होने के बाद कानून बनने पर भाजपा की धामी सरकार के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि होगी।
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