उत्तराखंडः दिव्यांग बहन को ऐसे बोर्ड परीक्षा दिला रहा भाई, देखें दिल को छूने वाला वीडियों…
पिथौरागढ़ः भाई-बहन का रिश्ता अनमोल होता है। दोनों एक दूसरे से जितना लड़ते झगड़ते हैं उतना ही एक दूसरे से प्यार भी करते हैं। भाईयों के लिए उनकी बहनें बेहद खास होती है और अगर बात उनकी खुशी की हो तो फिर तो वो उनकी हर ख्वाहिश पूरी करने में जुट जाते हैं। बहनों की छोटी-छोटी जरूरतें पूरी करने की हर संभव कोशिश करते हैं। भाई-बहन से जुड़े काफी वीडियो सोशल मीडिया पर अक्सर ही वायरल होते रहते हैं। लेकिन एक वीडियो आजकल उत्तराखंड के पिथौरागढ़ का सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसे देखकर आप भावुक हो जाएंगे। कैसे एक दिव्यांग बहन को उसका भाई परीक्षा केंद्र तक परीक्षा दिलाने के लिए ले जा रहा है जो वाकई भावुक कर देने वाला वीडियो है।
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अमूमन एक भाई बहन को डोली पर बैठाकर तब विदा करता है जब उसकी शादी हो। लेकिन पिथौरागढ़ जिले के चमाली गांव के भाई अपनी दिव्यांग बहन को डोली में बैठाकर उसे परीक्षा केंद्र तक ले जा रहे है और ला रहे है। बहन 10वीं की बोर्ड परीक्षा दे रही है। दिव्यांग बहन के सपनों को पंख लगाने के लिए भाई के इस कदम की चारों तरफ सराहना हो रही है। चमाली गांव निवासी पारस कोहली, उनकी बहनें सानिया और संजना जीआईसी चमाली में पढ़ते हैं। पारस और सानिया 12वीं जबकि संजना 10वीं की बोर्ड परीक्षा दे रही हैं। दिव्यांग संजना चलने-फिरने में असमर्थ है।
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परीक्षा केंद्र उनके गांव से 14 किमी दूर जीआईसी शैलकुमारी में बनाया गया है। परीक्षा के लिए संजना, पारस और सानिया ने लोधियागैर में कमरा लिया है। संजना को यहां से करीब आधा किलोमीटर दूर परीक्षा केंद्र ले जाने के लिए पारस, सानिया और उनके रिश्तेदार आकाश डोली का सहारा लेते हैं। जीआईसी शैलकुमारी के प्रधानाचार्य भुवन प्रकाश उप्रेती का कहना है कि संजना को परीक्षा के दौरान कोई दिक्कत ना हो इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है। मुख्य शिक्षा अधिकारी जितेंद्र सक्सेना ने कहा कि बच्ची का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। परीक्षा में उसे एक घंटे का अतिरिक्त समय दिया जा रहा है।
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छह साल पहले हुआ था पिता का निधन, मां हैं भोजन माता
दिव्यांग छात्रा संजना ने बताया कि उनके पापा गोविंद राज का छह साल पहले निधन हुआ था। वह छोलिया नर्तक थे। पिता के निधन के बाद परिवार को चलाना काफी मुश्किल हो गया। उनकी मां प्राथमिक विद्यालय डुंगरी में भोजन माता हैं। संजना की बड़ी बहन सानिया और बड़े भाई पारस का कहना है कि उनकी बहन शिक्षक बनना चाहती है। दिव्यांगता उसके सपने को पूरा करने में आड़े नहीं आए इसलिए वह डोली से बहन को स्कूल पहुंचाकर उसके सपने साकार करना चाहते हैं। जिलाधिकारी पिथौरागढ़ डॉ. आशीष चौहान का कहना है कि संजना जीआईसी चमाली परीक्षा केंद्र में ही पेपर दे सके इसके लिए सीईओ को निर्देशित कर दिया गया है। संजना के सपनों को साकार करने के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।