मास्टर स्ट्रोक: पंजाब में बड़ा सियासी उलटफेर, दलित नेता चन्नी बने नए मुख्यमंत्री..

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पंजाब का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका ऐलान कर दिया गया है। कांग्रेस विधायक चरणजीत सिंह चन्नी को विधायक दल का नेता चुना गया है और वही राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे। पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने रविवार शाम को चन्नी को विधायक दल का नेता चुने जाने की जानकारी ट्वीटर के माध्यम से दी। आपको बता दें कि इससे पहले दावा किया जा रहा था कि सुखजिंदर सिंह रंधावा को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। रंधावा के अलावा अंबिका सोनी, सुनील जाखड़ आदि भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल थे। पंजाब के मुख्यमंत्री बनने जा रहे चरणजीत सिंह चन्नी कांग्रेस विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचे हैं। उनके साथ नवजोत सिंह सिद्धू और हरीश रावत भी मौजूद हैं।

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चरणजीत सिंह चन्नी के पंजाब का अगला सीएम चुने जाने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। कैप्टन ने कहा कि चरणजीत सिंह चन्नी को मेरी शुभकामनाएं। मुझे उम्मीद है कि वह पंजाब के सीमावर्ती राज्य को सुरक्षित रखने और सीमा पार से बढ़ते सुरक्षा खतरे से हमारे लोगों की रक्षा करने में सक्षम होंगे। वहीं सुखजिंदर रंधावा ने कहा कि वह निराश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस आलाकमान का फैसला है और मैं इसका स्वागत करता हूं। मैं निराश नहीं हूं। चन्नी मेरा छोटा भाई जैसा है। चरणजीत सिंह चन्नी 2007 से विधायक हैं और श्री चमकाैर साहिब से विधायक हैं। कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की कैबिनेट में भी मंत्री थे। चरणजीत सिंह चन्नी काफी समय से कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बागी सुर अपनाए हुए थे।

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चरणजीत सिंह चन्नी चमकौर साहिब से लगातार 3 बार विधायक बने। 2007 में वो आजाद जीते थे। इसके बाद 2 बार कांग्रेस की टिकट पर विधायक बने। 2015 से 2016 तक पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे। चन्नी रामदासिया सिख कम्युनिटी से हैं। 2017 में जब कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुआई में कांग्रेस सरकार बनी तो उन्हें टेक्निकल एजुकेशन और इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग मंत्री बनाया गया। अमरिंदर सिंह के खिलाफ अगस्त में हुई बगावत की अगुआई करने वालों में चन्नी प्रमुख थे। उन्होंने कहा था कि पंजाब के मुद्दों को हल करने के लिए हमें अमरिंदर पर भरोसा नहीं रहा। कांग्रेस आलाकमान का पंजाब में एक दलित सिक्ख को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाना दलितों और सिक्खों दोनों के साथ रखने की मंशा से उठाया गया कदम है।

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सूत्रों के मुताबिक इससे पहले मुख्यमंत्री के लिए सुखजिंदर सिंह रंधावा के नाम पर सहमति बन गई थी, लेकिन नवजोत सिद्धू उनके नाम पर राजी नहीं थे। सिद्धू ने खुद को मुख्यमंत्री बनाने का दावा ठोंका था, लेकिन वे पंजाब कांग्रेस के प्रधान हैं, इसलिए हाईकमान ने उनके नाम को हरी झंडी नहीं दी। इसके बाद सिद्धू खेमे ने दलित मुख्यमंत्री बनाने की बात कही। सिद्धू की तरफ से चन्नी का नाम रखने के पीछे खास वजह है। दरअसल, सिद्धू ऐसा मुख्यमंत्री चाहते हैं जो उनकी बात सुने, लेकिन सुखजिंदर रंधावा का स्वभाव उस तरह का नहीं है।

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