उत्तराखंड का गौरव: समाज सेवा की नई पहचान बचन सिंह रावत, जनहित कार्यों के लोग हैं मुरीद..

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Hillvani-Bachan-Rawat-Uttarakhand

उत्तराखंड: जिंदगी की इस दोराहों में कुछ लोग हमें ऐसे मिलते हैं, जो हमें उस वक्त मदद करते हैं, जब हमें किसी की मदद की बहुत जरूरत होती है। ऐसे लोग हमेशा हमेशा के लिए हमारे मन में अंकित हो जाते हैं। क्योंकि उनकी मदद से हमें हमारी जिंदगी की नई दिशा मिलती है। किसी की मदद करना एक अच्‍छा गुण है जो इन दिनों लोगों में बहुत कम पाई जाती है। इन दिनों लोग अपनी जरूरतों और इच्छाओं को पूरा करने में इतने व्यस्त हैं कि वे दूसरों की अनदेखी करते हैं। दूसरों के प्रति दयालु होना अधिकांश के लिए प्रश्न से बाहर है। दयालुता विनम्र होने और दूसरों के प्रति विचार करने का गुण है। यह एक ऐसा गुण है जो हर किसी के पास नहीं है। इस दुनिया में बहुत कम लोग इस गुण से धन्य हैं और उनकी उपस्थिति उनके आसपास के लोगों के लिए एक आशीर्वाद है। हम उदारता के सकारात्‍मक पहलुओं के बारे में बहुत कुछ नहीं कह सकते। हम सभी वह व्‍यक्ति बनने की कोशिश करते हैं जिसे लोग जरूरत के समय याद करते हैं।

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ऐसा ही एक नाम है प्रसिद्ध उधोगपति और समाजसेवी बचन सिंह रावत। जो टिहरी जनपद के भिलंगना विकास खंड की पट्टी ग्यारह गांव हिंदाव के गांव अखोडी से सटे ग्राम ढुंग के मूल निवासी हैं। बचन सिंह रावत का आंध्र प्रदेश में अपना कारोबार है। अपनी मेहनत के दम पर उद्योगपतियों की सूची में शामिल बचन सिंह रावत के उदार ह्रदय और जनसेवा की ललक ने आज उन्हें समाज के बीच में एक उच्च कोटि के समाज सेवी के रूप में स्थापित कर दिया है। वर्षों से आंध्र प्रदेश में रहते हुए अपना छोटा सा कारोबार प्रारंभ करने वाले बचन सिंह रावत की मेहनत ऐसा रंग लाई कि जिसने उन्हें आंध्र प्रदेश जैसी अंतरराष्ट्रीय औद्योगिक नगरी में न सिर्फ उद्योगपति के रूप में स्थापित किया बल्कि उत्तराखंड में जन सरोकारों से जुड़कर कार्य करने की उनकी प्रबल इच्छा शक्ति ने उन्हें समाज सेवी की नई पहिचान भी दिलाई।

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आखिर कुछ तो खास है बचन सिंह रावत में जिसने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचा दिया है। लोगों के दुख-दर्द में शरीक होकर और निखरे जन सेवक बचन सिंह रावत। यूं तो आज सभी जगह लोगों की टिप्पणियों की बौछार का सामना करते जन सेवकों की भरमार हर कहीं दिखाई दे जाती है। मगर सामाजिक सरोकारों से जुड़कर संघर्षों के जरिए समस्याओं के निदान करने में अपना फर्ज और धर्म निभाने वाले तो आज बहुत कम ही मिलते हैं। सामाजिक सरोकारों के बीच जनहित के कार्यों को हल करने की कटिबद्धता, लगन व निष्ठा की बदौलत ही आज बचन सिंह रावत इस श्रेणी में शुमार किए जाते हैं। गरीब कृषक परिवार में जन्म लेने वाले इस शख्सियत की कड़ी मेहनत, लगन, निष्ठा, काम के प्रति समर्पण तथा दृढ़ इच्छाशक्ति का ही प्रतिफल है कि आज बचन सिंह रावत का नाम देश के उद्योगपतियों की सूची में शामिल हो गया है।

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वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान लोगों की मदद
विगत पिछले वर्षों से देश प्रदेश में वैश्विक महामारी कोरोना ने जन्म लिया। कई लोगों के ऊपर रोजी रोटी का संकट छाया। ऐसी विकट परिस्थितियों में जब सब कुछ ठहर सा गया था। मानव जीवन पर आई इस विपदा की घड़ी में सैकड़ों मील दूर से ऊंचे हौसलों से लबरेज बचन सिंह रावत के हाथ जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे बढ़े थे। उस दौरान उत्तराखंड के कई गांव में समाजसेवी बचन सिंह रावत अपने विश्वासपात्र समाजसेवियों के जरिए कई जनपदों के गांव में मदद पहुंचाई साथ ही स्वास्थ्य संबंधी उपकरण व दवाइयां भी पहुंचाई। वर्ष 2020 में वैश्विक महामारी कोरोना काल के दौरान भी बचन सिंह रावत ने आपदा राहत कोष में डीएम टिहरी के माध्यम से 2 लाख 81 हजार की धनराशि प्रदान करने के अलावा उस वक्त भी राशन किट्स सहित मेडिकल उपकरण और दवाइयां जरूरतमंदों को उपलब्ध करवाई थी।

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छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहन हेतु करते हैं मदद
बचन सिंह रावत जरूरतमंद लोगों के लिये हमेशा मददगार साबित होते हैं और साथ ही होनहार छात्र छात्रों को प्रोत्साहित करने में भी बचन सिंह रावत हमेशा आगे खड़े रहते हैं। बचन सिंह रावत ने खुद विकट परिस्थितियों में अपनी शिक्षा ग्रहण की है तो वह गरीब छात्र छात्राओं का दर्द भी समझते हैं। इसी से उभरने के लिए छात्रों को अपनी शिक्षा में और बेहतर नतीजे लाने के लिए बोर्ड परीक्षाओं में अब्बल आने वाले छात्र छात्राओं को भी पुरस्कार देते हैं। वह हर वर्ष बोर्ड परीक्षाओं में अब्बल छात्र-छात्राओं को लेपटाप पुरुस्कार स्वरूप भेंट करते हैं, जिससे ग्रामीण परिवेश में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहन मिल सके।

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लोक कलाकारों से लगाव, मदद के लिए आए आगे
प्रसिद्ध उधोगपति और समाजसेवी बचन सिंह रावत ने एक समारोह में कलाकार हित में मदद का बचन दिया था कि वह कुछ धनराशी शीघ्र ही उन कुछ कलाकार परिवार को ढाढ़स के रूप में वितरित की जाएगी। जिन्होंने अपने कलाकार परिजन को पिछले डेढ़ साल के भीतर खो दिया है। कुछ दिनों पूर्व ही बचन सिंह रावत ने उफ़तारा को डेढ़ लाख रुपए का चेक कलाकारों की मदद हेतु भेंट किया है। उन्होंने कुछ समय पहले उफ़तारा के समारोह में ही कलाकारों के हित में मदद करने का बचन दिया था। इनकी इस मदद ने कलाकारों की हिम्मत बढ़ाने का कार्य किया है।

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बचन सिंह रावत बखूबी अपने सेवा कार्य को धरातल पर उतारने का काम कर रहे हैं। राजनीति के रंग से कोसों दूर, जनसेवा के रंग से सराबोर व उद्योग जगत में अपनी धाक जमाने वाले टिहरी जिले के बचन सिंह रावत कोरोना जैसी संकट की इस घड़ी में भले ही स्वयं उत्तराखंड न पहुंच पाए हों लेकिन जनसेवा का उनका मिशन उनके सहयोगियों के जरिये यहां निरंतर जारी रहा। बचन सिंह रावत आज सामाजिक और उद्योग के क्षेत्र में जहां हैं, अपने बलबूते उच्च कोटि के व्यवहार और मेहनत की बदौलत हैं। सलाम है देवभूमि उत्तराखंड के इस लाल को….

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