उत्तराखंड: फिर बढ़ेंगी बिजली की दरें। प्रदेशवासियों को लगेगा महंगाई का करंट..

0
Electricity rates will increase again in Uttarakhand Hillvan
Watch, Like, Share & Subscribe..

देहरादून: उत्तराखंड में बिजली के दाम एक बार फिर बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू। ऊर्जा निगम ने बिजली की दरें बढ़ाने का प्रस्ताव बुधवार को विद्युत नियामक आयोग को भेज दिया। नए सिरे से बिजली की दरें बढ़ाने का प्रस्ताव यूपीसीएल की बोर्ड बैठक से पास कर दिया गया है। बोर्ड ने बिजली दरों में 12.5 प्रतिशत इजाफा किए जाने का प्रस्ताव मंजूर किया। इस प्रस्ताव पर यदि विद्युत नियामक आयोग की भी मुहर लगती है, तो बिजली उपभोक्ताओं पर प्रति यूनिट 70 पैसे प्रति यूनिट तक का अतिरिक्त भार पड़ेगा। 

यह भी पढ़ें: जल्द लगने वाला है चंद्र ग्रहण, आपके लिए शुभ रहेगा या अशुभ। जानें राशि के अनुसार..

बाजार से महंगी बिजली खरीदने के कारण यूपीसीएल पर हर महीने 300 करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय भार पड़ रहा है। इस अतिरिक्त वित्तीय भार के कारण मार्च, अप्रैल महीने में ही यूपीसीएल की हालत खस्ता हो गई है। अभी कई और महीने ये दिक्कत कायम रहेगी। क्योंकि यूपीसीएल को गैस से छह रुपये प्रति यूनिट की दर से मिलने वाली 7.5 मिलियन यूनिट गैस की बिजली नहीं मिल पा रही है। कोल और गैस की कमी के कारण बाजार में भी बिजली के रेट उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं। चार से पांच रुपये प्रति यूनिट में बाजार से आसानी से मिलने वाली 12 रुपये प्रति यूनिट पर भी नहीं मिल रही है। इसी को आधार बनाते हुए यूपीसीएल ने बोर्ड में दरें बढ़ाने का प्रस्ताव रखा।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंडः हरिद्वार से श्राद्ध कर लौट रही गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त। दर्दनाक हादसे में महिला सहित 3 लोगों की मौत, एक गंभीर घायल

हर महीने 140 रुपये तक का पड़ेगा असर 
यूपीसीएल ने बिजली दरों में 12.5 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव रखा है। इससे 70 पैसे प्रति यूनिट का भार उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। महीने में 200 यूनिट तक बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं पर 140 रुपये महीने तक का अतिरिक्त भार पड़ेगा। यूपीसीएल ने सितंबर महीने तक 944 करोड़ रुपये के पड़ने वाले अतिरिक्त भार की भरपाई को ये प्रस्ताव आयोग को भेजा है। आपको बता दें कि गत एक अप्रैल को ही नई बिजली दरें लागू हुई थीं। इसके बाद देशभर में गहराए बिजली संकट, बाजार में बिजली की कमी से ऊर्जा निगम का आर्थिक गणित गड़बड़ा गया। ऊर्जा निगम ने इसी को बिजली दरें बढ़ाने का आधार बनाया है। ऊर्जा निगम मैनेजमेंट का तर्क है कि उसे अप्रैल में ही बाजार से 386 करोड़ रुपये की अतिरिक्त बिजली खरीदनी पड़ी।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के शराबियों ने बनाया रिकॉर्ड, NFHS में हुआ खुलासा। यहां के पुरुष शराब पीने में सबसे आगे..

सरकार से लगा झटका: यूपीसीएल को सरकार की ओर से भी वित्तीय सहायता मिलती नजर नहीं आ रही है। महंगी बिजली खरीद सस्ती दरों पर जनता को उपलब्ध कराने से यूपीसीएल पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है। इस बोझ की भरपाई को सरकार से 350 करोड़ की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने की मांग की गई थी। शासन के सूत्रों के अनुसार वित्त विभाग ने इस पर आपत्ति लगा दी है। यूपीसीएल को बाजार से लोन लेने की सलाह दी गई है। एमडी यूपीसीएल अनिल कुमार का कहना है कि विद्युत नियामक आयोग को प्रस्ताव भेजा जा रहा है। प्रस्ताव बोर्ड से पास हो गया है। इसे जल्द आयोग को भेज दिया जाएगा। आयोग से अपील की जाएगी कि इस प्रस्ताव को मंजूरी दे। ताकि यूपीसीएल आम जनता को पर्याप्त मात्रा में पूरे समय बिजली उपलब्ध करा सके।

यह भी पढ़ें: बड़ी खबरः धामी कैबिनेट की बैठक हुई खत्म। बैठक में कुल 7 प्रस्ताव आए सामने, सभी पर लगी मुहर..

Watch, Like, Share & Subscribe..
Rate this post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिलवाणी में आपका स्वागत है |

X