आस्था का सैलाबः सिद्धपीठ सुरकंडा मंदिर में रोपवे सेवा शुरू, श्रद्धालुओं में इजाफा। देखें रोपवे की तस्वीरें…
टिहरी गढ़वालः आखिरकार लंबे इंतजार के बाद सिद्धपीठ मां सुरकंडा देवी मंदिर के लिए रोपवे सेवा शुरू कर दी गई है। अब भक्तों को डेढ़ किमी चढ़ाई नहीं चढ़नी पड़ेगी। सिद्धपीठ सुरकंडा मंदिर के लिए रोपवे सेवा शुरू होने से अब श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ने लगी है। सेवा शुरू होने के तीन दिनों में ही 12 सौ श्रद्धालु रोपवे से सफर कर सुरकंडा देवी के दर्शनों के लिए मंदिर पहुंचे। सुरकंडा मंदिर के लिए 21 अप्रैल से रोपवे की सेवा शुरू की गई, तब से हर दिन रोपवे से मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में दोगुना इजाफा हुआ है।
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श्रद्धालुओं में हो रहा लगातार इजाफा
पहले दिन 21 अप्रैल लगभग 240, दूसरे दिन 400 और शनिवार को तीसरे दिन 551 श्रद्धालु रोपवे से सुरकंडा मंदिर पहुंचें। सुरकंडा देवी रोपवे में श्रद्धालुओं को शुद्ध और ठंडे पानी के लिए एक वाटर कूलर और आरओ भी लगाया गया है। मंदिर परिसर में भी जल्द ही एक और वाटर कूलर और आरओ लगाने की तैयारी चल रही है। यात्री सुविधाओं का विस्तार करने के लिए आसपास यात्री प्रतिक्षालय और शौचालयों का निर्माण भी किया जाएगा। रोपवे के टिकट के लिए कद्दूखाल में काउंटर सेंटर बनाया गया है।
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Online पेमेंट की सुविधा और कम किराया
टिकट के लिए गूगल, पेटीएम और ऑनलाइन माध्यम से भुगतान करने की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। सभी तकनीकी जांच के बाद सुरकंडा देवी रोपवे का अनौपचारिक शुभांरभ कर दिया गया है। इसका किराया भी ऊपर और नीचे आने का मात्र 177 रुपये रखा गया है। रोपवे शुरू होने पर श्रद्धालुओं ने काफी खुशी है। अब हर दिन यात्री रोपवे से सफर कर सकेंगे।
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कोरोना महामारी के चलते लगा ज्यादा वक्त
सुरकंडा देवी मंदिर के लिए वर्ष 2015-16 में पीपीपी मोड में रोपवे बनाने की स्वीकृति प्रदान की गई थी। 2017 में पार्टनरशिप कंपनी ने रोपवे निर्माण का कार्य शुरू किया। सर्दियों में काम की गति धीती रहने और पिछले 2 साल कोरोना संक्रमण काल में रोपवे निर्माण करने में काफी दिक्कतें आई है लेकिन उसके बावजूद रोपवे निर्माण कार्य लगातार जारी रहा। आखिरकार बीते नवरात्र में रोपवे का कार्य पूरा हुआ।
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32 करोड़ की लागत में बना रोपवे
32 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए रोपवे में 16 डिब्बे लगाए गए हैं। एक डिब्बे में छह लोग सफर कर सकते हैं। 523 मीटर लंबे रोपवे से लोग महज पांच से दस मिनट में मंदिर पहुंच जाएंगे। सुरकंडा देवी मंदिर समिति के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि देवी दर्शन के लिए हर दिन सैकड़ों श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे हैं। ज्यादातर स्थानीय लोग पैदल ही मंदिर जा रहे हैं। बावजूद रोपवे सेवा शुरू होने से भी दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ती जा रही है।
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ऐसे पहुंचें मां सुरकंडा देवी मंदिर
सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जौलीग्राट है। यहां से बस या टैक्सी मिल जाएगी। सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन ऋषिकेश, हरिद्वार व देहरादून में है। सड़क मार्ग से मां सुरकंडा मंदिर पहुंचने के लिए हर जगह से वाहनों की सुविधा है। देहरादून से वाया मसूरी होते हुए 73 किमी दूरी तय कर कद्दूखाल पहुंचना पड़ता है। यहां से दो किमी पैदल दूरी तय कर मंदिर पहुंचा जा सकता है। जबकि ऋषिकेश से वाया चंबा होते हुए 82 किमी की दूरी तय कर भी यहां पहुंचा जा सकता है। यहां यात्रियों के ठहरने के लिए धर्मशालाओं की सुविधा है।
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