तुंगनाथ की शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में 17 वर्षों बाद आयोजित होने जा रहा है 11 दिवसीय महायज्ञ..

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Hillvani-Tungnath-Uttarakhand

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ऊखीमठ। लक्ष्मण नेगीः पंच केदारों में तृतीय केदार नाम से विश्व विख्यात भगवान तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में आगामी 22 अप्रैल से 2 मई तक आयोजित होने वाले ग्यारह दिवसीय विशाल महायज्ञ की तैयारियां जोरों पर हैं। महायज्ञ के सफल संचालन के लिए प्रधान मक्कू विजयपाल नेगी ने जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजकर कर विभिन्न विभागों से महायज्ञ में सहभागिता की मांग की है। जिलाधिकारी को भेजे ज्ञापन का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि तृतीय केदार श्री 108 तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में आगामी 22 अप्रैल से लगभग सत्रह वर्षों बाद ग्यारह दिवसीय महायज्ञ का शुभारम्भ होने जा रहा है। जिसकी तैयारियां युद्ध स्तर पर जारी है। बताया कि इस ग्यारह दिवसीय महायज्ञ में पंचांग गणना के आधार पर एक मई को भव्य जलकलश यात्रा व दो मई को पूर्णाहूति का मुहूर्त है। जिसमें अधिकाधिक हजारों की संख्या में श्रद्धालु बने रहेंगे।

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प्रधान मक्कू विजयपाल नेगी ने आगे बताया कि महायज्ञ में हर रोज हजारों की संख्या में दर्शनार्थियों/ भक्तगणों की आने की सम्भावना रहती है। महायज्ञ के सफल संचालन हेतु कई महत्वपूर्ण विभागों को महायज्ञ के दौरान अतिरिक्त से सहयोग / सुविधा प्रदान करने की नितान्त आवश्यकता है। उन्होने बताया कि वर्तमान समय में जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर नल तो बिछाए गए। मगर फेज द्वितीय का कार्य शुरू न होने के कारण सम्पूर्ण ग्राम सभा में पेयजल किल्लत बनी हुई है। महायज्ञ के दौरान पेयजल संस्थान द्वारा अतिरिक्त पेयजल व्यवस्था करवाई जाए। क्षेत्र व गांव में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध न होने के कारण महायज्ञ के दौरान एएनएम सेंटर में प्राथमिक चिकित्सा मुहैया कराने हेतु एक डॉक्टर/ फार्मासिस्ट की तैनाती की नितान्त आवश्यकता है।

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सुविधाओं की मांग करते हुए कहा कि महायज्ञ के दौरान अधिक श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए जगह-जगह पर स्वास्थ्य / पर्यटन / पीडब्लूडी विभाग के माध्यम से अस्थाई रेडीमेट शौचालयों की व्यवस्था करवाना अति आवश्यक है तथा महायज्ञ के दौरान अधिक भीड़ को देखते हुए तहसील प्रशासन ऊखीमठ के माध्यम से रात्रि विश्राम हेतु लगभग पांच टैंटों की व्यवस्था करवाई जाए। महायज्ञ के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने हेतु सुरक्षा कर्मियों की भी नितान्त आवश्यकता है तथा महायज्ञ के दौरान हर वक्त विद्युत व्यवस्था सुचारू बनी रहे इसके लिए विद्युत विभाग का सहयोग अनिवार्य होना नितान्त आवश्यक है व महायज्ञ के दौरान हर क्षेत्र से आवागमन की स्थिति को देखते हुए वर्तमान समय में भीरी, परकण्डी, पलद्वाड़ी, मक्कूमठ मोटर मार्ग जो कि नौ किलोमीटर पर सम्पूर्ण मार्ग गढ्ढों में तब्दील है जिस पर आवागमन जानलेवा बना हुआ है को संबंधित विभाग के द्वारा तत्काल सुदृढ़ीकरण किया जाना अति आवश्यक है।

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