दून पुलिस ने बॉलीवुड को छोड़ा पीछे.. अस्पताल की चौथी मंजिल के वार्ड में वाहन लेकर घुसी, मचा हड़कंप। देखें वीडियो..
ये किसी फिल्म की शूटिंग नही है ये वो रियल घटना है जो उत्तराखंड के सबसे बड़े अस्पताल ऋषिकेश एम्स की घटना है। यहां पुलिस फिल्मी तरीके से अस्पताल के अंदर अपनी गाड़ी के साथ एंटर करती है और चौथी मंजिल से एक मुजरिम को अरेस्ट कर साथ ले जाती है। जिसके लिए अस्पताल में अफरातफरी का भी माहौल बन जाता है और अस्पताल में मरीजों के बेड को हटा हटा कर पुलिस की बुलेरो के लिए रास्ता तैयार किया जा रहा है। घन्य है उत्तराखंड और देहरादून की मित्र पुलिस जो एक अपराधी को उठाने के लिए जो अस्पताल की चौथी मंजिल में गाड़ी पहुंचा देती है। वो तो गनीमत रहा की अफरातफरी में कोई मरीज हताहत नहीं हुआ।
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मरीजों में हड़कंप मच गया।
आपको बता दें कि एम्स ऋषिकेश के इतिहास में ऐसी पहली घटना घटी, जिससे हर कोई हैरान है। पुलिस का वाहन चौथी मंजिल के वार्ड में अचानक घुस गया, जिससे यहां मरीजों में हड़कंप मच गया। मरीजों के बेड के बीचों-बीच से गति से पुलिस का वाहन गुजरा। दरसअसल आपको बता दें कि एम्स में एक नर्सिंग ऑफिसर ने ऑपरेशन के दौरान महिला चिकित्सक से छेड़खानी की। घटना से जेआर व एसआर आक्रोशित हो गए और आरोपी को गिरफ्तार कर उनके सामने से ले जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस को आरोपी को अभिरक्षा में लेने के लिए करीब दो घंटे तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। एम्स प्रशासन ने चिकित्सक को निलंबित कर दिया है।
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महिला चिकित्सक से छेड़खानी का मामला
घटना सोमवार शाम सात बजे की है। बताया जा रहा है कि जनरल सर्जरी विभाग के ऑपरेशन थिएटर में दो महिला चिकित्सक व एक पुरुष चिकित्सक के साथ ही एक पुरुष नर्सिंग ऑफिसर सतीश कुमार मौजूद थे। ऑपरेशन के दौरान नर्सिंग ऑफिसर सतीश कुमार ने एक महिला चिकित्सक को छेड़ने का प्रयास किया। आरोपी है कि उसने महिला चिकित्सक को व्हाट्सएप पर अनुचित मैसेज भी भेजे। इतना ही नहीं, आरोपी ने फांसी लगाने संबंधी स्टीकर भेजकर मानसिक उत्पीड़न और डराने का प्रयास भी किया। पीड़ित महिला चिकित्सक ने इस संबंध में सोमवार देर शाम ही एम्स प्रशासन के साथ पुलिस चौकी में लिखित शिकायत दर्ज कराई।
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जूनियर रेजीडेंट व सीनियर रेजीडेंट डाक्टरों का प्रदर्शन
मंगलवार दोपहर तक कोई कार्रवाई न होने पर आक्रोशित जूनियर रेजीडेंट व सीनियर रेजीडेंट डाक्टरों ने परिसर में प्रदर्शन शुरू कर दिया। इन चिकित्सकों की मांग थी कि आरोपी को गिरफ्तार कर उनके सामने से ले जाया जाए। चिकित्सकों ने आरोप लगाया कि आरोपी को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए ऑपरेशन थिएटर की उपस्थिति रजिस्टर में छेड़छाड़ की गई। हालांकि, पुलिस ने प्रदर्शन के बीच देर शाम करीब साढ़े पांच बजे आरोपी सतीश कुमार को हिरासत में लिया।
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आरोपी को लेने चौथी मंजिल पर पहुंचा वाहन
आरोपी सतीश कुमार की सुरक्षित हिरासत के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। आरोपी के साथ कोई अनहोनी घटना न हो इसके लिए पुलिस अपना वाहन सीधे चौथी मंजिल पर लेकर गई। यहां करीब डेढ़ घंटे से अधिक देर तक चले ड्रामे के बाद पुलिस किसी तरह आरोपी को वाहन में बिठाकर बाहर लाई। आक्रोशित जेआर व एसआर ने पुलिस वाहन को रोकने का प्रयास भी किया। इस दौरान पुलिस कर्मियों व चिकित्सकों की नोकझोंक हुई।
मरीजों के बीच से गुजरा पुलिस का वाहन
एम्स के आकस्मिक विभाग में उस समय हड़कंप मच गया, जब मरीजों के बेड के बीचों-बीच से गति से पुलिस का वाहन गुजरा। यह एम्स ऋषिकेश के इतिहास में पहली घटना है। आरोपी को चिकित्सकों की भीड़ से बचाने के लिए पुलिस अपने वाहन को इमरजेंसी वार्ड के अंदर से लाई।
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