डोईवालाः हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के खौफ में जहां जमीन खरीदी वहां अब टाउनशिप की मार..

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Where the land was bought in fear of airport expansion. Hillvani News

Where the land was bought in fear of airport expansion. Hillvani News

डोईवाला में प्रस्तावित टाउनशिप के शोर ने टिहरी बांध विस्थापितों के ताजा जख्मों को फिर हरा कर दिया है। पिछले कई महीनों से देहरादून हवाई अड्डे के विस्तारीकरण का विरोध का शोर अभी थमा भी नहीं कि अब टाउनशिप ने एक और समस्या खड़ी कर दी है। टिहरी बांध विस्थापित दूसरी बार हवाई अड्डे के विस्तारीकरण की चपेट में है और लंबे समय से संघर्षरत हैं। अस्सी के दशक में टिहरी से भनियावाला विस्थापित हुए लोगों को पहला झटका तब लगा जब 2003 में हवाई अड्डे के समीप के दर्जनों परिवार विस्तारीकरण की चपेट में आ गए। इस बीच सरकार ने नवंबर 2022 में फिर से हवाई अड्डे की विस्तारीकरण को लेकर 80 मीटर की रेंज के लोगों का फिर से विस्थापन करने का एलान कर दिया। जिसकी कार्यवाही वर्तमान में गतिमान है पिछले कुछ वर्षों से बार-बार हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के भय से लोगों ने अपनी जमीन बेचनी शुरू कर दी और दूसरे स्थानों पर खरीदी ताकि निकट भविष्य में कोई स्थाई ठिकाना हो सके।

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टिहरी बांध विस्थापित क्षेत्र के कंडल गांव के सोबन सिंह राणा पूर्ण सिंह राणा, नत्थी सिंह रावत, गोविंद सिंह रावत, कुंदन सिंह राणा, बुद्धि सिंह भंडारी, भोपाल सिंह रावत, रविंद्र सिंह राणा और नरेंद्र सिंह राणा जैसे तमाम लोगों ने अठूरवाला से अपनी जमीन बेच कर माजरी ग्रांट में जमीन खरीदी ताकि बार बार विस्तारीकरण की मार न झेली पड़े। इस बीच गांव के लोग वहां पर अपने को स्थापित कर पाते सरकार ने इसी क्षेत्र में नई टाउनशिप का राग अलाप कर लोगों की नींद हराम कर दी। इन ग्रामीणों के अलावा दर्जनों की संख्या में और भी टिहरी बांध विस्थापित हैं जिन्होंने अठूरवाला से अपनी जमीन बेच कर सुरक्षित भविष्य की आस में माजरी क्षेत्र में जमीन खरीदी थी लेकिन अब वहां जाकर फिर मुसीबत में फस गए हैं।

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इन लोगों को भय सता रहा है कि अब उनके परिवार कैसे अपने पांव जमाएंगे। सरकार के एक के बाद एक फैसलों से ग्रामीण सहमे हुए हैं। कंडल अठूरवाला निवासी गजेंद्र रावत ने सरकार से अपील की है कि सरकार अपने इन एकतरफा फैसलों को टिहरी बांध विस्थापितों पर न थोपे। जिन लोगों ने अपने पुरखों की बेशकीमती जमीन राष्ट्र के नाम कुर्बान की है बार बार उन्हें ऐसे प्रताड़ित न करें। उन्होंने चेताया है कि यदि सरकार टिहरी बांध विस्थापितों के साथ इस प्रकार के आचरण को नही रोकती तो उन्हे एक बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

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