ध्यान देंः आज से बदले जाएंगे 2000 के नोट। जानें नोट बदलने को लेकर ये 5 कंफ्यूजन, साथ ही उठ रहे सवाल…
रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआइ) ने दो हजार रुपये के नोट चलन से बाहर करने का निर्णय लिया है। हालांकि, आमजन को इससे कोई परेशानी न होने उसके लिए आज से बैंकों में दो हजार के नोट के बदले छोटे नोट दिए जाएंगे। देशभर के बैंक इस व्यवस्था के लिए तैयार हैं। प्रमुख बैंकों ने अतिरिक्त काउंटर भी लगा दिए हैं। हालांकि, बैंक अधिकारियों को अधिक भीड़ उमड़ने की उम्मीद नहीं है। साथ ही बैंक ने ग्राहकों से अपील की है कि हड़बड़ी की कोई आवश्यकता नहीं है। आसानी से आगामी 30 सितंबर तक नोट बदले जाएंगे। साथ ही बैंक खाते में भी दो हजार रुपये के नोट जमा कराए जा सकेंगे।
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दो हजार का नोट बंद नहीं
बैंक के मुताबिक दो हजार के नोट को बंद नहीं किया गया है। इन नोटों को सिर्फ चलन से बाहर किया गया है। यानी इन नोट को धीरे-धीरे चलन से खत्म किया जाएगा। आसानी से दो हजार के नोट बैंक में देकर छोटे नोट लिए जा सकते हैं। इसके लिए बैंक पूरी तरह तैयार हैं और कई बैंक में अतिरिक्त काउंटर लगा दिए गए हैं। बैंक अधिकारियों का कहना है कि इस बार वर्ष 2016 नोटबंदी जैसी स्थिति होने की उम्मीद नहीं है। ग्राहकों के पास बहुत समय है, वे धीरे-धीरे दो हजार के नोट बदल सकते हैं।
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ऐसे बदलें दो हजार के नोट
1- अपने बैंक खाते में दो हजार रुपये के नोट जमा कराएं या उन्हें किसी भी बैंक शाखा में बदल लें।
2- किसी भी बैंक में 23 मई से 30 सितंबर 2023 तक नोट बदले जा सकते हैं।
3- एक समय में 20 हजार रुपये की सीमा तक दो हजार के नोट यानि 10 नोट जमा करा सकते हैं।
4- नोट बदलने के लिए किसी प्रकार का कोई पहचान पत्र दिखाने या कोई फार्म भरने की जरूरत नहीं।
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2000 के नोट बदलने को लेकर ये 5 कंफ्यूजन
कंफ्यूजन नंबर – 1. 2000 के नोट बदलने के लिए ग्राहक को कोई डेटा नहीं देना होगा?
अगर नोट बदलने के लिए कोई रिकॉर्ड नहीं देना है तो क्या एक आदमी एक दिन में कई बैंकों में जाकर जमा नहीं कराएगा? जब डेटा नहीं लिया जाएगा तो फिर कोई भी किसी भी बैंक में जाकर नोट बदल सकता है। इसका गलत फायदा वैसे लोग उठा सकते हैं, जिसके पास ब्लैक मनी के तौर पर 2000 के नोट पड़े हैं। वो किसी को भी लाइन में लगवाकर नोट बदलवा लेगा। कुछ इसी तरह के मामले 2016 की नोटबंदी के दौरान शुरुआती दिनों में सामने आए थे।
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कंफ्यूजन नंबर – 2. एक दिन में कितने 2000 के नोट बदल या बैंक में डिपॉजिट कर सकते हैं?
केंद्रीय बैंक ने अपने सर्कुलर में कहा है कि एक बार में लोग 2000 के 10 नोट बदल पाएंगे। यानी कुल 20 हजार रुपये के नोट बदल सकते हैं। लेकिन ये साफ नहीं है कि एक दिन में कुल कितने 2000 के नोट बदल या अपने अकाउंट में डिपॉजिट कर सकेंगे। इससे ये होगा कि एक बार लोग नोट बदलकर फिर उसी उसकी लाइन में दोबारा लग जाएंगे तो फिर क्या होगा? यही नहीं, RBI के मुताबिक (At A Time) कोई भी 20 हजार रुपये तक के नोट बदल सकते हैं। यानी चाहें तो एक दिन लोग कितनी बार भी 20-20 हजार करके नोट बदल सकते हैं।
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कंफ्यूजन नंबर- 3. किसी भी बैंक में जाकर 2000 के नोट बदल सकेंगे, अगर उसमें अकाउंट नहीं भी है तो भी नियम के मुताबिक बदल सकते हैं?
अब ऐसे में लोग दिनभर घूम-घूमकर अलग-अलग बैंकों में 20-20 हजार करके 2000 के नोट बदलेते रहेंगे। बैंक को कैसे पता चलेगा कि ये शख्स आज एक बार से अधिक बैंक में नोट बदल चुके हैं। एक बैंक दूसरे बैंक से नोट बदलने का डेटा कैसे साझा करेगा, जो कि 2016 जैसा ही कंफ्यूजन पैदा करता है। यही नहीं, कालेधन वाले तो इसका भरपूर गलत फायदा उठा सकता है। जब डेटा ही नहीं लिया जाएगा, तो एक ही दिन में वो बार-बार नोट बदलने बैंक पहुंचेंगे।
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कंफ्यूजन नंबर- 4. इस 2000 रुपये के नोट को वापस लेने के पीछे सही मकसद क्या है?
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि 2000 के नोटों को छापने का फैसला 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के दौरान करेंसी की कमी को पूरा करने के लिए लिया गया था। अब यह मकसद पूरा हो चुका है। अब दूसरी करेंसी पर्याप्त मात्रा में हैं। लेकिन कंफ्यूजन ये है कि 2000 के नोट वापस लेने के पीछे कालेधन पर प्रहार का भी जिक्र किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि बड़े पैमाने पर लोग 2000 के नोट गलत तरीके से अपने पास दबा रखे हैं। बड़े नोट होने के कारण इसका गलत फायदा उठाया जा रहा है। ऐसे में 2000 के नोट वापस लेने के पीछे आखिर मकसद क्या है, ये अभी तक एक सवाल रूप में है। जब 2000 के नोट की छपाई 2018-19 में बंद हो गई थी तो फिर इतना लंबा वक्त वापस लेने में क्यों लगा?
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कंफ्यूजन नंबर-5. 2000 के नोट की लाइफ साइकल खत्म तो साथ ही में आए 500 के नोट का क्यों नहीं? क्या 1000 के नोट जारी करेगी सरकार?
साल 2016 में नोटबंदी के बाद आरबीआई ने एक साथ 2000 के और 500 रुपये के नए नोट जारी किए थे। अब RBI का कहना है कि 2000 के नोट की लाइफ साइकल खत्म हो गया है कि इसलिए बाजार से वापस लिए जा रहे हैं। यहां कंफ्यूजन ये है कि उसी के साथ आरबीआई 500 रुपये के नए नोट भी जारी किए थे, जो अब भी चलन में हैं। फिर 2000 के नोट की लाइफ साइकल खत्म होने का तर्क हजम नहीं हो रहा है। सवाल तो ये भी है कि अब आरबीआई भी कह रहा है कि 2000 के नोट लाने का मकसद पूरा हो चुका है। ऐसे में क्या 2000 के नोट की वापसी के बाद क्या केंद्रीय बैंक फिर से 1000 रुपये के नोट जारी करने पर विचार करेगा? इसके अलावा 30 सितंबर के बाद क्या 2000 के अवैध करार दे दिए जाएंगे।
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