मौसम विभाग ने जारी किया रेड अलर्ट, केदारनाथ यात्रा पर लगा ब्रेक। 24 घंटे सतर्क रहने की जरूरत..
मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए जिला प्रशासन ने केदारनाथ यात्रा रोक दी है। रुद्रप्रयाग गौरीकुंड हाईवे भी सोनप्रयाग से आगे अवरुद्ध है। बाबा केदार के दर्शन के लिए तीर्थयात्रियों के आने का सिलसिला जारी है, लेकिन मौसम को देखते हुए जिला प्रशासन कोई रिस्क नहीं लेना चाहता है, जिसके चलते यात्रा रोकने का निर्णय लिया गया है। अगले 24 घंटे में कुमाऊं के ज्यादातर जिलों के अलावा गढ़वाल के कुछ इलाकों में भारी से बहुत बारिश के आसार है। इसका मौसम विभाग की ओर से रेड अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, उत्तरकाशी व रुद्रप्रयाग में भारी बारिश को देखते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
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मौसम विज्ञानियों के मुताबिक कुमाऊं क्षेत्र के कुछ इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावनाओं को देखते हुए सरकार, शासन, प्रशासन के साथ ही आपदा प्रबंधन से जुड़े अफसरों को 24 घंटे सतर्क रहने की जरूरत है। बारिश के साथ ही बिजली गिरने की भी संभावना जताई है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि भारी बारिश की मद्देनजर रेड अलर्ट जारी किया गया है। बहुत भारी बारिश के मद्देनजर आपदा प्रबंधन के लिहाज से बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। उधर, राजधानी दून व आसपास के कुछ इलाकों में भारी बारिश की संभावना है। डीएम सोनिका ने एसडीएम को निर्देशित किया कि वे अपने क्षेत्रों में सक्रिय रहें।
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मौसम विभाग के अनुसार मौसम विभाग ने 18 सितंबर को कुमाऊं क्षेत्र के जनपदों और गढ़वाल क्षेत्र के जनपदों में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बरसात होने का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। साथ ही मौसम विभाग ने देहरादून, टिहरी, उत्तरकाशी तथा रुद्रप्रयाग जनपदों में भारी वर्षा की संभावना व्यक्त करते हुए कहीं-कहीं तेज गर्जन आकाशीय बिजली गिरने की भी संभावना व्यक्त की है। मौसम विभाग का कहना है कि 17 सितंबर को भारी से बहुत भारी वर्षा होने के साथ अत्यंत भारी वर्षा गर्जन और बिजली गिरने की संभावना को देखते हुए बेहद सतर्कता बरतने की जरूरत है। संवेदनशील इलाकों में मध्यम भूस्खलन होने और चट्टान गिरने के कारण कुछ ऊंचाई वाली जगहों पर सड़कें राजमार्गों में अवरोध उत्पन्न हो सकता है। साथ ही कुछ स्थानों में नदियों और नालों के जलस्तर में उल्लेखनीय वृद्धि तथा कहीं-कहीं बिजली गिरने से जानमाल की हानि होने की संभावना हो सकती है इसलिए 17 सितंबर को बेहद सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।