दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे के लिए भेंट चढ़ेंगे 11 हजार पेड़, सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी..
देहरादून: देश की राजधानी नई दिल्ली से उत्तराखंड की राजधानी देहरादून तक एक्सप्रेसवे बनाने की परियोजना को सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी मिल गई है। इस एक्सप्रेसवे के बनने से इन दोनों शहरों के बीच की दूरी तय करने में लगने वाला समय 5 से 6 घंटे तक कम हो जाएगा। हालांकि इसके लिए 11 हजार पेड़ भी काटे जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही ग्रीन ट्राइब्यूनल की तरफ से नियुक्त एक्सपर्ट पैनल के भी पुनर्गठन का निर्देश दिया है, जिसका काम पर्यावरण को हुए नुकसान के साथ ही वनरोपण कराना भी होगा।
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और अनिरुद्ध बोस की बेंच ने आदेश दिया कि इस एक्सपर्ट पैनल की अगुवाई पर्यावरण मंत्रालय में महानिदेशक (फॉरेस्ट) सी पी गोयल करेंगे। ग्रीन ट्राइब्यूनल ने पिछले साल 13 दिसंबर को उत्तराखंड के मुख्य सचिव को नियुक्त किया था, जिसकी जगह अब सुप्रीम कोर्ट ने नए एक्सपर्ट पैनल को नियुक्त किया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की तरफ से पेश हुए अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की सलाह को भी माना। कोर्ट ने एनजीओ के ऐतराज को दूर करते हुए पर्यावरणविद, हिमालयी पर्यावरण स्टडीज़ और संरक्षण संगठन के संस्थापक अनिल प्रकाश जोशी को भी समिति में शामिल किया।
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इसके साथ ही एनजीओ की सलाह पर इकोरिस्टोरेशन प्रैक्टिशनर विजय दशमना को भी शामिल किया, जिन्होंने 380 एकड़ जमीन को शहरी जंगली ‘अरावली बायोडायवर्सिटी पार्क’ में बदल दिया था। इसके साथ ही पर्यावरण से जुड़े सभी मानकों का पालन करने का निर्देश दिया गया है। विशेष तौर पर अंडरपास और फ्लाईओवर्स की ऊंचाई को लेकर। साथ ही वनरोपण के लिए भी। दिल्ली से देहरादून एक्सप्रेसवे के निर्माण में सबसे बड़ी समस्या यूपी के गणेशपुर से लेकर उत्तराखंड के अशारोडी तक का 20 किलोमीटर लंबा स्ट्रेच है। जंगल के इलाके से गुजरने वाले इस एक्सप्रेसवे के लिए 11 हजार पेड़ों को काटा जाना है। कई एनजीओ और पर्यावरणप्रेमियों की तरफ से इसका विरोध किया जा रहा है। एनजीटी ने केंद्रीय पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, वन्यजीव संस्थान, फॉरेस्ट रिसर्च सहित 12 सदस्यीय समिति का गठन किया था।
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दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे की क्या है खूबियां
देहरादून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास किया था। यह उत्तराखंड में पर्यटन और कारोबार के नजरिये से अहम माना जा रहा है। इसलिए इसे दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर नाम भी दिया गया है। वन्यजीवों की सुरक्षा की दृष्टि से राजाजी नेशनल पार्क के जंगल वाले इलाके में करीब 14 किमी एलिवेटेड रोड बन रही है। इस एक्सप्रेस-वे के बनने से दिल्ली से दून का सफर ढाई घंटे में हो सकेगा। उत्तराखंड के सीमावर्ती यूपी के गणेशपुर गांव से दून के आशारोड़ी चेकपोस्ट तक एक्सप्रेस-वे की लंबाई करीब 20 किमी है। दिल्ली से दून तक तीन चरण में एक्सप्रेस-वे बन रहा है। गणेशपुर से आशारोड़ी तक यह आखिरी चरण का काम है।
इस प्रोजेक्ट की खूबियां-
1- 19.785 किमी है आशारोड़ी से गणेशपुर (यूपी) तक लंबाई।
2- 12 किलोमीटर एलिवेटेड रोड गुजरेगी यूपी की सीमा में है।
3- 1.8 किमी एलिवेटेड रोड उत्तराखंड की सीमा में बन रही है।
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