उद्यान घोटाले की जांच CBI करेगी या SIT, अगली सुनवाई में होगा तय। निष्पक्ष जांच हुई तो नपेंगे कई आका..
उत्तराखंड के बहुचर्चित उद्यान घोटाले की अगर तरीके से जांच हुई तो कई बाहु बलियों के नपने की आशंका है क्योंकि यह घोटाला बड़े पैमाने पर हुआ है। बहरहाल इसमें अभी HC द्वारा यह तय किया जाना है कि इस पुरे प्रकरण की जांच SIT करेगी या फिर CBI क्योंकि CBI HC सुनवाई मे यह कह चुकी है कि उनके द्वारा सभी फाइलों का अध्ययन कर लिया गया है और मामले मे केस दर्ज किया जा सकता है जबकि प्रदेश सरकार की तरफ से कोर्ट को अवगत कराया गया कि उन्होंने घोटाले की जांच के लिए एसआईटी गठित की है। जिस पर इस केस की जांच CBI करेगी या SIT इसकी सुनवाई HC मे आगामी 9 अगस्त को होगी।
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वहीं पूर्व में कोर्ट ने सीबीआई से पूछा था कि घोटाले के जो बिंदु जनहित याचिका में उठाए गये हैं, क्या उनकी प्रारंभिक जांच हो सकती है। याचिकाकर्ता ने मामले की जांच हेतु एसआईटी गठित करने का विरोध किया था उन्होंने कहा कि यह सरकार की एजेंसी है मामले में सरकार के अधिकारी शामिल हैं, जो जांच को प्रभावित कर सकते हैं। मामले में दीपक करगेती नामक व्यक्ति ने जनहित याचिका दाखिल कर उद्यान विभाग पर बड़े घोटाले का आरोप लगाया है। जिसमें फल और अन्य के पौधारोपण में गड़बडियां की गई हैं। जनहित याचिका में यह भी कहा गया है कि विभाग द्वारा एक ही दिन वर्क ऑर्डर जारी कर, उसी दिन जम्मू कश्मीर से पेड़ लाना दिखाया गया है। जिसका पेमेंट भी कर दिया गया। यही नहीं याचिका में आरोप लगाया गया है कि इस पूरे मामले में कई वित्तीय और अन्य गड़बडियां हुई हैं। जिसकी सीबीआई या फिर किसी निष्पक्ष जांच एजेंसी से जांच कराई जाए।
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शीतकालीन सत्र में निलंबित उद्यान निदेशक द्वारा पहले एक नकली नर्सरी अनिका ट्रेडर्स को पूरे राज्य में करोड़ों की पौध खरीद का कार्य देकर बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया। जब उद्यान लगाओ, उद्यान बचाओ यात्रा से जुड़े किसानों और उत्तरकाशी के किसानों द्वारा जोर शोर से इस प्रकरण को उठाया गया तो आनन फानन में अनिका ट्रेडर्स के आवंटन को रद्द करने का पत्र जारी कर दिया गया। लेकिन साथ में पौधे भी अनिका ट्रेडर्स के बांटे गए। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि इधर नैनीताल में मुख्य उद्यान अधिकारी राजेंद्र कुमार सिंह के साथ मिलकर बवेजा ने एक फर्जी आवंटन जम्मू कश्मीर की एक और नर्सरी बरकत एग्रो फार्म को कर दिया। जिसमें हुए भौतिक सत्यापन में भी गड़बड़ी का जिक्र याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में किया है। HC के आदेश पर अगर इस मामले मे निष्पक्ष जांच होती है तो कई दिग्गजो के भी नपने के आसार बन रहे हैं।
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