Uttarkashi Tunnel Collapse: बड़ी लापरवाही आई सामने, यह बनी भूस्खलन की वजह। CM धामी ले रहे पल-पल की अपडेट..

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Uttarkashi Accident. hillvani News

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Uttarkashi Tunnel Collapse: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिलक्यारा में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन पर निरंतर निगरानी बनाए हुए हैं। मुख्यमंत्री धामी ने कमिश्नर गढ़वाल, आईजी गढ़वाल तथा राहत एवं बचाव में लगी एजेंसियों से सिलक्यारा में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन तथा टनल में फंसे श्रमिकों की कुशलक्षेम की पल-पल की अपडेट ले रहे हैं। बुधवार को एक कार्यक्रम में इंदौर, मध्य प्रदेश में होने के बावजूद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कमिश्नर गढ़वाल तथा आईजी गढ़वाल से निरंतर संपर्क में हैं तथा सिल्क्यारा में संचालित हो रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की निरंतर अपडेट ले रहे हैं। इसके साथ ही राहत एवं बचाव के कार्यों में लगी एजेंसियों से भी मुख्यमंत्री हर पल की अपडेट ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने युद्ध स्तर पर चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए संबंधित अधिकारियों एवं राहत एवं बचाव एजेंसियों का हौसला बढ़ाया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आज हमारे समक्ष बड़ी चुनौती आ खड़ी हुई है जिसका सामना हमें पूरी हिम्मत, हौसले और धैर्य से सफलतापूर्वक करना है। राज्य सरकार, प्रशासन के साथ ही केंद्रीय एजेंसियों एवं केंद्र सरकार का हमें इसमें पूरा सहयोग मिल रहा है। केंद्र सरकार एवं केंद्रीय गृह मंत्री रेस्क्यू ऑपरेशन पर निरंतर निगरानी बनाए हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वयं घटना एवं राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी ली है।

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कंपनी की बड़ी लापरवाही आई सामने, फूटा मजदूरों का गुस्सा। Uttarkashi Tunnel Collapse
उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग के निर्माण में लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है। सुरंग के जिस संवेदनशील हिस्से में भूस्खलन हुआ वहां उपचार के लिए गार्टर रिब की जगह सरियों का रिब बनाकर लगाया गया है। सुरंग निर्माण से जुड़े लोगों का कहना है कि यहां गार्टर रिब लगाया गया होता तो भूस्खलन नहीं होता। बीते रविवार को निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन की घटना घटी जिसके चलते 40 मजदूर सुरंग के अंदर फंसे हुए हैं। निर्माण में लगी कंपनी की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। सुरंग के एक मशीन ऑपरेटर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कंपनी से जुड़े लोगों की लापरवाही से आज 40 लोगों का जीवन संकट में है। बताया कि सिलक्यारा सुरंग के मुहाने से 200 मीटर अंदर जहां भूस्खलन हुआ है वह हिस्सा संवेदनशील है जिसमें गार्टर रिब की जगह 32 एमएम की सरियों से बना रिब लगाया गया। जो कि मलबे का दबाव नहीं झेल पाया। बताया कि यहां गार्टर रिब लगाया गया होता तो शायद यह हादसा नहीं होता।

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सुरंग में फंसे मजदूरों की कुशलता के लिए किया हवन-यज्ञ। Uttarkashi Tunnel Collapse
आलवेदर रोड परियोजना के अंतर्गत यमुनोत्री राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में तीन दिन से फंसे मजदूरों की कुशलता के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों ने हवन-यज्ञ किया। लोगों का कहना है कि शनिवार की रात्रि को सिलक्यारा के समीप सुरंग में मलबा गिरने से 40 मजदूर सुरंग में फंस गए। जिन्हें सकुशल निकालने के लिए प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीम लगातार रेस्क्यू अभियान चलाए हुए है। लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है।
सिलक्यारा सुरंग पहुंची मशीनों की खेप। Uttarkashi Tunnel Collapse
उच्च क्षमता की ऑगर मशीन के हिस्सों की पहली खेप सिलक्यारा सुरंग पर पहुंच गई है। प्रशासन और पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी से टनल तक मशीन के हिस्सों को पहुंचाना शुरू कर दिया है। दिल्ली से हरक्यूलिस विमानों से एयरलिफ्ट कर मशीन को चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी में तीन खेपों में पहुंचाया गया। दिल्ली से नई मशीन के पार्ट्स की दूसरी खेप लेकर चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर उतरे हरक्यूलिस विमान में मशीन के पार्ट्स फंस गए हैं। जिन्हें दो घंटे से अधिक समय से निकालने में लगा।

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स्थल का निरीक्षण कर जांच की कार्रवाई शुरू। Uttarkashi Tunnel Collapse
गौरतलब है कि सिल्क्यारा पोलगांव निर्माणाधीन रोड टनल में भूस्खलन की घटना के बाद से ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तत्काल मुख्यमंत्री आवास में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्देश दिये कि मौके पर तैनात जिला प्रशासन के अधिकारियों एवं वहां पर कार्य कर रही एजेंसियों से निरन्तर समन्वय बनाकर रखें, राहत सामग्री की किसी भी प्रकार की आवश्यकता पड़ने पर, शीघ्र उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन द्वारा सिल्क्यारा सुरंग में हुए भूस्खलन के अध्ययन एवं कारणों की जांच के लिए निदेशक उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की अध्यक्षता में गठित समिति में शामिल विशेषज्ञों ने स्थल का निरीक्षण कर जांच की कार्रवाई शुरू कर दी है। राहत एवं बचाव के कार्य तेजी से चल रहे हैं।

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