Food Security Act लागू करने में उत्तराखंड फिसड्डी, जानें अन्य राज्यों की रैंकिंग..
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (NFSA) के ज़रिए देश के नागरिकों को राशन उपलब्ध कराया जाता है। केंद्र सरकार और अलग-अलग राज्यों की तमाम योजनाओं के तहत फ्री या कम दाम पर राशन उपलब्ध कराए जाने के बावजूद कई राज्यों में फूड सिक्योरिटी एक्ट (Food Security Act) को लागू करने में तमाम खामियां हैं। यही वजह है कि उत्तराखंड इस कानून को लागू करने में अभी भी फिसड्डी है। वहीं, इस कानून को लागू करने के मामले में ओडिशा सबसे आगे है और उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर है। नए डाटा के मुताबिक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून लागू करने के मामले में उत्तराखंड पूरे देश में 24वें नंबर पर है। यह आंकड़े राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (NFSA) के लिए जारी रैंकिंग सूचकांक 2022 के ज़रिए सामने आए हैं। इस रैंकिंग में पहला स्थान ओडिशा तो दूसरा स्थान उत्तर प्रदेश को मिला है। इस लिस्ट में पूर्वोत्तर के राज्य त्रिपुरा को पांचवां स्थान मिला है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (NFSA) लागू करने के मामले में उत्तराखंड देश के बाकी राज्यों से पिछड़ गया है। उत्तराखंड इस सूची में शीर्ष-20 में भी जगह नहीं बना पाया। हिमाचल, झारखंड के मुकाबले इस मामले में उत्तराखंड पूरे देश में 24वें पायदान पर है।
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ओडिशा पहले और यूपी दूसरे स्थान पर
इन राज्यों के अलावा हिमाचल प्रदेश 11वें, झारखंड 12वें, तेलंगाना 14वें, सिक्किम 15वें, छत्तीसगढ़ 22वें और उत्तराखंड 24वें स्थान पर है। गोवा, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, लक्षद्वीप, जम्मू-कश्मीर, अंडमान-निकाबोर, मणिपुर, मेघालय और लद्दाख में तो और भी बुरा हाल है और ये राज्य इस रैकिंग में उत्तराखंड से भी नीचे हैं। पहले नंबर पर आए ओडिशा को 0.836 अंक मिले हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश को 0.797 अंक और आंध्र प्रदेश को 0.794 अंक मिले हैं। इस लिस्ट में गुजरात चौथे स्थान पर है। उसके बाद राज्यों में दादरा-नगर हवेली, दमन दीव, मध्य प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, तमिलनाडु और झारखंड हैं। केरल की रैकिंग 11वीं है। तेलंगाना को 12वां, महाराष्ट्र को 13वां, पश्चिम बंगाल को 14वां और राजस्थान को 15वां स्थान मिला है।
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पूर्वोत्तर व हिमाचली राज्यों में भी पांचवें स्थान पर
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (NFSA) लागू करने के मामले में उत्तराखंड का यह प्रदर्शन न केवल राष्ट्रीय स्तर बल्कि पूर्वोत्तर व हिमालयी 14 राज्यों में भी काफी पीछे रहा है। इस सूची में त्रिपुरा पहले, हिमाचल प्रदेश दूसरे और सिक्किम तीसरे नंबर पर है। जबकि उत्तराखंड का स्थान पांचवां है।
क्या हैं पिछड़ेपन के मायने
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (NFSA) के हिसाब से देखें तो केंद्र सरकार की खाद्य सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं के मानक हैं। इन मानकों में डिजिटलीकरण, आधार सीडिंग सहित भुखमरी, कुपोषण को नियंत्रण करना भी शामिल है। सूचकांक में प्रदर्शन कम होने का मतलब यह है कि इन पैमानों पर उत्तराखंड के खाद्य आपूर्ति विभाग ने बेहतर काम नहीं किया है।
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