उत्तराखंड : प्रदेश में लागू हो सकता है UCC, सीएम धामी ने एक बार फिर दिये संकेत..
Uniform Civil Code may be implemented in state : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर यूसीसी (UCC) जल्द लागू करने के संकेत दिए हैं। प्रदेश में नए साल में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू हो सकता है। 22 जनवरी के बाद प्रदेश सरकार कभी भी विधानसभा का विशेष सत्र आहूत कर सकती है। माना जा रहा है कि अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को होना है। इस राम भक्ति के बीच मुख्यमंत्री धामी (UCC) लागू करने की कवायद शुरू कर देंगे।
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27 जनवरी से पांच फरवरी के बीच हो सकता है विशेष सत्र | Uniform Civil Code may be implemented in state
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति नए साल में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। विशेषज्ञ समिति ने पहले ही ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार होने के संकेत दिए हैं। जनवरी महीने के तीसरे हफ्ते में समिति का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है। सूत्र बता रहे हैं कि विस का विशेष सत्र 27 जनवरी से पांच फरवरी के बीच हो सकता है। लेकिन सबकुछ तात्कालिक राजनीतिक परिस्थितियों पर भी निर्भर करेगा।
27 जनवरी को समिति का कार्यकाल समाप्त हो रहा है | Uniform Civil Code may be implemented in state
सीएम धामी 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश की जनता से राज्य में UCC लागू करने का वादा किया था। सत्ता की बागडोर हाथों में थामने के बाद अपनी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में धामी ने सबसे पहला फैसला यूसीसी को लेकर किया। बता दे कि 27 मई 2022 को विशेषज्ञ समिति बनी थी। सरकार ने समिति का कई बार कार्यकाल बढ़ाया। अब 27 जनवरी को समिति का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। सियासी जानकारों का मानना है कि लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री प्रदेश में यूसीसी लागू करने का वादा पूरा सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री इन तीनों फैसलों पर भी नए साल में निर्णय ले सकते हैं | Uniform Civil Code may be implemented in state
यूसीसी में ये खास प्रावधान हो सकते
1. महिलाओं के लिए विवाह की आयु बढ़ाकर 21 वर्ष।
2. विवाह पंजीकरण अनिवार्य होगा।
3. जो व्यक्ति अपनी शादी का पंजीकरण नहीं कराएंगे वे सरकारी सुविधाओं के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे।
4. लिव-इन जोड़ों को अपने फैसले के बारे में अपने माता-पिता को सूचित करना होगा
5. हलाला और इद्दत की प्रथा बंद होगी। बहुविवाह (एक से अधिक पत्नियां रखने की प्रथा) भी गैरकानूनी होगा।
6. पति-पत्नी को तलाक लेने का समान हक दिया जाएगा।
7. मसौदे में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर भी सिफारिश हो सकती है।
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