भारतीय सिनेमा की वो बेहतरीन फिल्म, जिसके निर्माता थे 5 लाख किसान। मिला था राष्ट्रीय पुरस्कार..
किसानों का योगदान सिर्फ खेतों तक सीमित नहीं है। सिनेमा की दुनिया के ऊपर भी किसानों का ऐसा कर्ज है, जिसे कोई चाहकर भी पूरा नहीं कर सकता। बॉलीवुड में 70 और 80 के दशक की कई ऐसी फिल्में हैं, जो आज भी देखने में अच्छी लगती है और उनकी खूब तारीफ भी होती है। ऐसे में आज हम आपको उस सुपरहिट फिल्म के बारे में बता रहे हैं। जिसे भारत के 5 लाख किसानों ने मिलकर प्रोड्यूस किया था और इस फिल्म में बड़े-बड़े स्टार्स ने काम किया था। ये फ़िल्म थी 1976 में आई ‘मंथन’ जो ‘श्वेत क्रांति’ यानी दुग्ध क्रांति पर आधारित फिल्म थी।
जिसे अंकुर, निशांत और मंडी जैसी फिल्में निर्देशन करने वाले डायरेक्टर श्याम बेनेगल ने निर्देशित किया था। ‘मंथन‘ भारतीय सिनेमा के इतिहास की सबसे बेहतरीन फिल्मों में एक है। इस फिल्म के सह-लेखक डॉक्टर वर्गीज कुरियन थे। दुनिया कुरियन को ‘अमूल’ के कर्ता-धर्ता के तौर पर भी जानती है। कुरियन ने 1970 में ऑपरेशन फ्लड की शुरुआत की थी, जिससे भारत में ‘श्वेत क्रांति’ आई और हम दुनिया में दूध के सबसे बड़े उत्पादक बन गए। वहीं उसी दौरान में श्याम बेनेगल ने इस ऐतिहासिक सफलता पर फिल्म बनाने की ठानी ताकि ‘श्वेत क्रांति’ की यादों को सेहजकर रखा जा सके। इस तरह ‘मंथन‘ बनाने के कोशिश शुरू हुई।
बजट बना और फिर आया अनोखा आइडिया
फिल्म की कहानी आम गांव वालों की थी, जो सहकारी समिति बनाने में लगे हैं। फिल्म की ऐसी कहानी पर कोई निर्माता पैसे नहीं लगाना चाहता था और फिल्म का बजट 10-12 लाख का था। ऐसे में कुरियन ने एक उपाय निकाला और किसानों से ही पैसे जुटाने का फैसला किया। तब तक कुरियन की गुजरात में बनाई सहकारी समिति से 5 लाख किसान जुड़ चुके थे। ये सभी किसान गांवों में बनी समितियों में सुबह-शाम दूध बेचने आते थे। उन्हें एक पैकेट दूध का 8 रुपये मिलता था। समितियों को संदेश पहुंचाया गया कि एक सुबह किसानों से आग्रह कर सिर्फ एक दिन-एक समय के लिए दूध सिर्फ 6 रुपये में बेचा जाए। ओर किसानों से कहा गया कि फिल्म की कहानी उनके ऊपर ही है, जो सच बात भी थी। सभी पांच लाख किसानों ने राजी-खुशी हंसते-हंसते 2-2 रुपये फिल्म के लिए चंदा दिया और इस तरह 500,000 किसान ‘मंथन’ के निर्माता बन गए।
दिग्गज कलाकारों ने किया काम
‘मंथन‘ फिल्म में उस दौर के कई बड़े कलाकारों ने काम किया था। इस फिल्म में स्मिता पाटिल, गिरीश कर्नाड, नसीरुद्धीन शाह, कुलभूषण खरबंदा और अमरीश पुरी समेत कई कलाकारों ने जबरदस्त काम किया था। इस फिल्म की न सिर्फ देश बल्कि विदेशी में भी खूब वाहवाही हुई थी।1976 में जब फिल्म रिलीज हुई तो बड़ी संख्या में किसान सिनेमाघर पहुंचे। लाजिमी भी था, वह फिल्म के निर्माता भी थे।
फिल्म को मिला था राष्ट्रीय पुरस्कार
‘मंथन’ को साल 1976 का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। इस फिल्म को ना सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी खूब सराहना मिली। आज भी इसे देश के सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक माना जाता है। यदि नहीं देखी है, तो यह फिल्म आपको देखनी ही चाहिए। जब 1976 में यह फिल्म रिलीज हुई थी, तब गांवों से किसान ट्रक-ट्रैक्टर भर-भरकर फिल्म देखने गांव से शहर को पहुंचे थे।