उत्तराखंड में भी पड़ेगा सूर्य ग्रहण का प्रभाव, बंद रहेंगे धामों के कपाट। ऐसे दूर करें अशुभ प्रभाव..

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last solar eclipse of the year. Hillvani News

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दिवाली के ठीक एक दिन बाद 25 अक्तूबर को सूर्य ग्रहण लगेगा। साल का यह दूसरा सूर्य ग्रहण होगा। सूर्य ग्रहण की वजह से उत्तराखंड में भी इसका प्रभाव पड़ने वाला है। केदारनाथ, बदरीनाथ सहित चारों धाम और सभी छोटे बड़े सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। इस दौरान किसी भी श्रद्धालु को दर्शन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समित के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि 25 अक्तूबर को लगने वाल सूर्य ग्रहण की वजह से बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के कपाट को बंद किया जाएगा। बताया कि सूर्य ग्रहण की अवधि समाप्त होने पर शाम को विशेष पूजा-अर्चना के बाद ही श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी। सूर्य ग्रहण का समय शाम 4 बजकर 29 मिनट पर शुरू होगा और शाम 5 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगा।

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भारत के कुछ हिस्सों से ही इसे पूर्ण रूप से देखा जा सकेगा। बता दें कि जब धरती और सूर्य के बीच परिक्रमा करते हुए चंद्रमा आ जाता है तो इसे सूर्यग्रहण कहते हैं। इस कारण सूर्य कुछ समय के लिए ढक जाता है। पर यह ग्रहण पृथ्वी के हर हिस्से से नहीं दिखेगा। इस बार ग्रहण यूरोप व एशिया के कुछ देशों से ही नजर आएगा। उत्तर भारत के ज्यादातर इलाकों से आंशिक सूर्य ग्रहण ही नजर आएगा। वहीं साथ ही बता दें कि नवंबर में चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है। आठ नवंबर को दोपहर 1 बजकर 32 मिनट से शाम 7 बजकर 27 मिनट तक इसका समय रहेगा। यह वर्ष 2022 का दूसरा चंद्रग्रहण होगा जो भारत में दिखाई देगा। चंद्रग्रहण तब लगता है जब परिक्रमा करते हुए चंद्रमा पृथ्वी व सूर्य की छाया में आ जाता है।

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दिवाली की अगली सुबह से ही लग जाएगा सूतक काल
यह अजब संयोग बन रहा है कि इस बार दिवाली के अगले दिन की सुबह ग्रहण के सूतक काल में हो रही है। इस सूर्य ग्रहण का स्पर्श देश में 25 अक्टूबर को 11 बजकर 28 मिनट पर हो जाएगा।
कब समाप्त होगा सूतक काल?
यह करीब 7 घंटे 5 मिनट बाद शाम 5 बजकर 24 मिनट पर मोक्ष होगा। इसके साथ-साथ ग्रहण का सूतक 12 घंटा पूर्व यानी दिवाली (24 अक्टूबर) की रात 11 बजकर 28 मिनट से ही प्रारंभ हो जाए। इस तरह इस बार दिवाली की अगली सुबह ग्रहण के सूतक काल में होगी।
अधिकांश हिस्सों में देखा जाएगा सूर्य ग्रहण
ज्योतिषियों के मुताबिक 25 अक्टूबर, 2022 यानी 3 कार्तिका, 1944 शक संवत को सूर्य का आंशिक ग्रहण होगा। देश में यह ग्रहण दोपहर में सूर्यास्त से पहले शुरू होगा और अधिकांश स्थानों से देखा जाएगा। दरअसल यह आंशिक सूर्य ग्रहण है जो कि देश में शाम 4 बजे के बाद से दिखाई देगा।

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इन उपायों से दूर करें सभी अशुभ प्रभाव
सूर्य ग्रहण के समय ना करें यह चीजः सूर्य ग्रहण की वजह से वातावरण में नकारात्मक शक्तियां मौजूद रहती हैं, जिसकी वजह से खाने में अशुद्धियां बढ़ जाती हैं। लोगों को सलाह दी जाती है कि ग्रहण के समय खाने-पीने की चीजों से बचें। ऐसा करने से स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव बढ़ जाता है। ग्रहण में बालक, वृद्ध और रोगी को छोड़कर किसी को भी भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए।
सूर्य ग्रहण के बाद करें ये दानः सूर्य ग्रहण के बाद लाल कपड़ा, तांबे के पात्र, मसूर दाल, गेंहू और लाल फल का दान करना बेहत उत्तम माना गया है। वैदिक सभ्यता के अनुसार ग्रहण के बाद इन चीजों का दान करने से कुंडली में मौजूद ग्रहों के सभी दोष दूर होते हैं और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही ध्यान रखें कि सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से ना देखें। ग्रहण के समय सूर्य से हानिकारक किरणें निकलती हैं, जो आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
सूर्य ग्रहण में ऐसे करें पूजाः सूर्य ग्रहण के समय मानसिक पूजा करनी चाहिए। मानसिक पूजा में ईश्वर को स्पर्श नहीं किया जाता, मन ही मन ईश्वर का ध्यान किया जाता है। इसके साथ ही आप ग्रहण के समय महामृत्युंजय मंत्र, आदित्य हृदय स्तोत्र, भगवान शिव के मंत्र आदि का जप कर सकते हैं। ऐसा करने से ग्रहण का अशुभ प्रभाव परिवार से दूर रहता है और ईश्वर की कृपा भी बनी रहती है।

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सूर्य ग्रहण में पीपल की ऐसे करें पूजाः सूर्य ग्रहण के दिन सुबह स्नान व ध्यान करने के बाद पीपल के पेड़ की पूजा करें और दूध और जल से पीपल की जड़ की सीचें। इसके बाद तेल का दीपक जलाएं और पांच तरह की मिठाई अर्पित करें। इसके साथ ही पीपल के पेड़ की सात परिक्रमा करें और मन ही मन ईश्वर का ध्यान या मंत्र जप करें और आशीर्वाद मांगे। ऐसा करने से परिवार से नकारात्मक शक्ति दूर रहती है और परिवार के सदस्यों की तरक्की होती है।
सूर्य ग्रहण के बाद इनकी पूजा फलदायीः सूर्य ग्रहण के बाद एक काली गाय को घर की चौखट पर लेकर आएं। ध्यान रहे कि काली गाय पर कोई और निशान ना हो। इसके बाद उसे 8 बूंदी के लड्डू और हरा चारा खिलाएं और परिवार समेत उसकी परिक्रमा करें। फिर काली गाय की पूंछ से अपने सिर पर आठ बार झाड़ लें। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और परिवार में खुशहाली बनी रहती है। साथ ही घर से ग्रहण का अशुभ प्रभाव भी दूर हो जाता है।
सूर्य ग्रहण के बाद करें यह उपायः सूर्य ग्रहण के समय तिल, नींबू और पका हुआ केला बहते हुए जल में बहा दें। इसके बाद परिवार के सभी सदस्यों से कुछ न कुछ सिक्के इकट्ठे करें और मंदिर में दान कर दें। ऐसा करने से घर के सभी सदस्यों के उपर जो भी नकारात्मक शक्तियां होंगी, वे दूर हो जाएंगी और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहेगा।

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