आज साल का आखिरी सूर्य ग्रहण! इन राशियों की बढेंगी परेशानी, इन्हें होगा लाभ। ऐसे दूर करें अशुभ प्रभाव..

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last solar eclipse of the year. Hillvani News

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आज साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण लगने वाला है। जानकारों के मुताबिक यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। भारत में सूर्यास्त के पहले अपराह्न में ग्रहण आरम्भ होगा और इसे अधिकांश स्थानों से देखा जा सकेगा। हांलाकि, ग्रहण अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, आइजॉल, डिब्रूगढ़, इम्फाल, इटानगर, कोहिमा, सिबसागर, सिलचर, तामलोंग से दिखाई नहीं देगा। यह जानकारी पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय ने दी है। भारत सरकार के पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय के अनुसार “ग्रहण का अंत भारत में दिखाई नहीं देगा। क्योंकि वह सूर्यास्त के उपरांत भी जारी रहेगा। भारत में उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में अधिकतम ग्रहण के समय सूर्य पर चंद्रमा द्वारा आच्छादन लगभग 40 से 50 प्रतिशत के बीच होगा। देश के अन्य हिस्सों में आच्छादन का प्रतिशत उपरोक्त मान से कम होगा।” पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय के अनुसार “दिल्ली एवं मुम्बई में अधिकतम ग्रहण के समय चंद्रमा द्वारा सूर्य के आच्छादन का प्रतिशत क्रमश: 44 प्रतिशत एवं 24 प्रतिशत के लगभग होगा। ग्रहण की अवधि प्रारम्भ से लेकर सूर्यास्त के समय तक दिल्ली और मुम्बई में क्रमश: 1 घंटे 13 मिनट तथा 1 घंटे 19 मिनट की होगी। चेन्नई एवं कोलकाता में ग्रहण की अवधि प्रारम्भ से लेकर सूर्यास्त के समय तक क्रमश: 31 मिनट तथा 12 मिनट की होगी। ग्रहण यूरोप, मध्य पूर्व, अफ्रीका के उत्तर-पूर्वी हिस्सों, पश्चमी एशिया, उत्तर अटलांटिक महासागर तथा उत्तर हिंद महासागर के क्षेत्रों में दिखाई देगा।”

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कब से कब तक लगेगा और क्या है सूर्य ग्रहण
खगोलशास्त्रियों के मुताबिक आज 25 अक्टूबर का खंड सूर्य ग्रहण लगेगा। यह सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर की शाम को 4 बजकर 40 मिनट से शुरू होगा और शाम को 5 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। भारतीय समयानुसार यह सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को दोपहर बाद 2 बजकर 29 मिनट पर आइसलैंड में शुरू होगा और फिर शाम 6 बजकर 20 मिनट पर अरब सागर में समाप्त हो जाएगा। दिल्ली-एनसीआर में यह सूर्य ग्रहण शाम करीब 4 बजकर 29 मिनट पर शुरू होकर सूर्यास्त के साथ 6 बजकर 9 मिनट पर समाप्त होगा। वहीं भारत में अगला सूर्य ग्रहण 2 अगस्त 2027 को दिखाई देगा, जो पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। देश के सभी हिस्सों से वह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में परिलक्षित होगा। अमावस्या को सूर्य ग्रहण तब घटित होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है तथा वे तीनों एक सीध में आ जाते हैं। आंशिक सूर्य ग्रहण तब घटित होता है जब चन्द्र चक्रिका सूर्य चक्रिका को आंशिक रूप से ही ढक पाती है। सूर्य ग्रहण को थोड़ी देर के लिए भी खाली आंखों से नहीं देखा जाना चाहिए। चंद्रमा सूर्य के अधिकतम हिस्सों को ढक दे तब भी इसे खाली आंखों से न देखें। क्योंकि यह आंखों को स्थाई नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे अंधापन हो सकता है। सूर्य ग्रहण को देखने की सबसे सही तकनीक है ऐलुमिनी माइलर, काले पॉलिमर, कांच का उपयोग करें।

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दिवाली की अगली सुबह से ही लग जाएगा सूतक काल
यह अजब संयोग बन रहा है कि इस बार दिवाली के अगले दिन की सुबह ग्रहण के सूतक काल में हो रही है। इस सूर्य ग्रहण का स्पर्श देश में 25 अक्टूबर को 11 बजकर 28 मिनट पर हो जाएगा।
कब समाप्त होगा सूतक काल?
यह करीब 7 घंटे 5 मिनट बाद शाम 5 बजकर 24 मिनट पर मोक्ष होगा। इसके साथ-साथ ग्रहण का सूतक 12 घंटा पूर्व यानी दिवाली (24 अक्टूबर) की रात 11 बजकर 28 मिनट से ही प्रारंभ हो जाए। इस तरह इस बार दिवाली की अगली सुबह ग्रहण के सूतक काल में होगी।
अधिकांश हिस्सों में देखा जाएगा सूर्य ग्रहण
ज्योतिषियों के मुताबिक 25 अक्टूबर, 2022 यानी 3 कार्तिका, 1944 शक संवत को सूर्य का आंशिक ग्रहण होगा। देश में यह ग्रहण दोपहर में सूर्यास्त से पहले शुरू होगा और अधिकांश स्थानों से देखा जाएगा। दरअसल यह आंशिक सूर्य ग्रहण है जो कि देश में शाम 4 बजे के बाद से दिखाई देगा।

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सूर्या ग्रहण इन राशियों की बढ़ा सकता है परेशानी
इस बार दिवाली 24 अक्टूबर को है और 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लगेगा। 26 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा होगी। इस प्रकार यह दुर्लभ संयोग कई सालों बाद बनने जा रहा है। ज्योतिष के अनुसार इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण इन राशियों की मुश्किलें बढ़ा सकता है…
कन्या राशि: अनावश्यक खर्च बढ़ सकते हैं। निवेश के लिए समय अनुकूल नहीं है। आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है। किसी तरह के ऋण का लेनदेन न करें।
धनु राशि: धनु राशि के जातकों के लिए यह सूर्य ग्रहण अशुभ फलदायी साबित होगा। इस दौरान कोई भी कार्य शुरू करना नुकसानदायक हो सकता है। आय के स्रोत कमजोर होने से इनकम में कमी आएगी। इस कारण आर्थिक संकट आ सकता है।
तुला राशि: ज्योतिष के अनुसार, तुला राशि के लोगों को विशेष रूप से सावधान रहने की जरूरत है। धन में कमी आने से आर्थिक स्थिति ख़राब हो सकती है। सेहत का ध्यान रखें।
वृष राशि: सूर्य ग्रहण के दौरान इन राशि के जातकों की सेहत ख़राब हो सकती है। इसलिए खानपान पर ध्यान रखें। धन हानि की संभावना है। ऐसे में इस दौरान किसी प्रकार का लेन-देन और निवेश न करें।
मिथुन राशि: सूर्य ग्रहण के दौरान आपको अनावश्यक खर्चों का सामना करना पड़ सकता है। जीवनसाथी के साथ अनबन हो सकती है।

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सूर्य ग्रहण चमकाएगा इन राशि वालों का भाग्‍य
कर्क राशिः सूर्य ग्रहण कर्क राशि वालों को भाग्‍य का साथ दिलाएगा। उन्‍हें हर काम में किस्‍मत का साथ मिलने लगेगा। करियर में उन्‍नति मिलेगी। प्रमोशन, नई नौकरी मिलने के योग हैं। धन लाभ होगा। भूमि-संपत्ति खरीदने की योजना पूरी होगी। परिवार में खुशियां रहेंगी।
सिंह राशिः सिंह राशि वालों को यह सूर्य ग्रहण मां लक्ष्‍मी की कृपा दिलाएगा। उन्‍हें धन लाभ होगा। अटका हुआ पैसा मिलेगा। इनकम बढ़ेगी। नौकरी करने वालों को उनकी मेहनत का फल प्रमोशन और इंक्रीमेंट के तौर पर मिल सकता है। घर के छोटे सदस्‍यों से सहयोग मिलेगा। उलझे हुए मामलों में सफलता मिलेगी।
मीन राशिः मीन राशि वालों पर सूर्य ग्रहण का शुभ असर होगा। धन लाभ होगा। हालांकि दुश्‍मनों से थोड़ा सावधान रहें। योजना बनाकर आगे बढ़ेंगे तो हर काम में सफलता पाएंगे। धैर्य रखना बहुत अच्‍छा रहेगा। यह आपके लिए तरक्‍की के नए रास्‍ते खोलेगा।

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इन उपायों से दूर करें सभी अशुभ प्रभाव
सूर्य ग्रहण के समय ना करें यह चीजः सूर्य ग्रहण की वजह से वातावरण में नकारात्मक शक्तियां मौजूद रहती हैं, जिसकी वजह से खाने में अशुद्धियां बढ़ जाती हैं। लोगों को सलाह दी जाती है कि ग्रहण के समय खाने-पीने की चीजों से बचें। ऐसा करने से स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव बढ़ जाता है। ग्रहण में बालक, वृद्ध और रोगी को छोड़कर किसी को भी भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए।
सूर्य ग्रहण के बाद करें ये दानः सूर्य ग्रहण के बाद लाल कपड़ा, तांबे के पात्र, मसूर दाल, गेंहू और लाल फल का दान करना बेहत उत्तम माना गया है। वैदिक सभ्यता के अनुसार ग्रहण के बाद इन चीजों का दान करने से कुंडली में मौजूद ग्रहों के सभी दोष दूर होते हैं और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही ध्यान रखें कि सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से ना देखें। ग्रहण के समय सूर्य से हानिकारक किरणें निकलती हैं, जो आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
सूर्य ग्रहण में ऐसे करें पूजाः सूर्य ग्रहण के समय मानसिक पूजा करनी चाहिए। मानसिक पूजा में ईश्वर को स्पर्श नहीं किया जाता, मन ही मन ईश्वर का ध्यान किया जाता है। इसके साथ ही आप ग्रहण के समय महामृत्युंजय मंत्र, आदित्य हृदय स्तोत्र, भगवान शिव के मंत्र आदि का जप कर सकते हैं। ऐसा करने से ग्रहण का अशुभ प्रभाव परिवार से दूर रहता है और ईश्वर की कृपा भी बनी रहती है।

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सूर्य ग्रहण में पीपल की ऐसे करें पूजाः सूर्य ग्रहण के दिन सुबह स्नान व ध्यान करने के बाद पीपल के पेड़ की पूजा करें और दूध और जल से पीपल की जड़ की सीचें। इसके बाद तेल का दीपक जलाएं और पांच तरह की मिठाई अर्पित करें। इसके साथ ही पीपल के पेड़ की सात परिक्रमा करें और मन ही मन ईश्वर का ध्यान या मंत्र जप करें और आशीर्वाद मांगे। ऐसा करने से परिवार से नकारात्मक शक्ति दूर रहती है और परिवार के सदस्यों की तरक्की होती है।
सूर्य ग्रहण के बाद इनकी पूजा फलदायीः सूर्य ग्रहण के बाद एक काली गाय को घर की चौखट पर लेकर आएं। ध्यान रहे कि काली गाय पर कोई और निशान ना हो। इसके बाद उसे 8 बूंदी के लड्डू और हरा चारा खिलाएं और परिवार समेत उसकी परिक्रमा करें। फिर काली गाय की पूंछ से अपने सिर पर आठ बार झाड़ लें। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और परिवार में खुशहाली बनी रहती है। साथ ही घर से ग्रहण का अशुभ प्रभाव भी दूर हो जाता है।
सूर्य ग्रहण के बाद करें यह उपायः सूर्य ग्रहण के समय तिल, नींबू और पका हुआ केला बहते हुए जल में बहा दें। इसके बाद परिवार के सभी सदस्यों से कुछ न कुछ सिक्के इकट्ठे करें और मंदिर में दान कर दें। ऐसा करने से घर के सभी सदस्यों के उपर जो भी नकारात्मक शक्तियां होंगी, वे दूर हो जाएंगी और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहेगा।

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साल 2022 में सूर्य और चंद्र ग्रहण

  • पहला सूर्य ग्रहण (आंशिक) – 30 अप्रैल, 2022
  • पहला चंद्र ग्रहण (पूर्ण) 15-16 मई, 2022
  • दूसरा सूर्य ग्रहण (आंशिक): 25 अक्टूबर, 2022
  • दूसरा चंद्र ग्रहण (पूर्ण): 7-8 नवंबर, 2022
    भारत के प्रमुख शहरों में सूर्य ग्रहण शुरू होने का समय
    1- दिल्ली में सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार शाम 4:29 बजे शुरू होगा।
    2- मुंबई में सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार शाम 4:49 बजे शुरू होगा।
    3- कोलकाता में सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार शाम 4:52 बजे शुरू होगा।
    4- चेन्नई में सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार शाम 5:14 बजे शुरू होगा।
    5- ग्रहण की अवधि (शुरुआत से सूर्यास्त के समय तक) दिल्ली और मुंबई दोनों के लिए क्रमशः 1 घंटा 13 मिनट और 1 घंटा 19 मिनट होगी।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Hillvani इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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