उत्तराखंड में कड़ाके की ठंड.. इन जिलों में होगी बर्फबारी, मैदानी क्षेत्रों में पारा गिरने से बढ़ेगी ठंड..
Severe cold in Uttarakhand: उत्तराखंड में शुष्क मौसम के बीच पारा लुढ़कने लगा है। ज्यादातर क्षेत्रों में सुबह-शाम कड़ाके की ठंड महसूस की जा रही है। मैदानी क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे पहुंच गया है। मौसम विभाग के अनुसार आज प्रदेश में कहीं-कहीं मौसम करवट बदल सकता है। उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले के कुछ इलाकों में हल्की बारिश होने की संभावना है। जबकि, तीन हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो सकती है। इसका असर मैदानी क्षेत्रों में भी पड़ेगा। यहां तापमान में गिरावट आने से ठंड बढ़ सकती है।
पश्चिमी विक्षोभ हुआ सक्रिय। Severe cold in Uttarakhand
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार ताजा पश्चिमी विक्षोभ हिमालयी क्षेत्र में सक्रिय हो रहा है। जिससे मौसम के मिजाज में परिवर्तन के आसार हैं। आज शाम तक पर्वतीय क्षेत्रों में हिमपात और हल्की वर्षा की आशंका है। निचले इलाकों में आंशिक बादलों के बीच बूंदाबांदी हो सकती है। जिससे तापमान में गिरावट आने के आसार हैं।
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उत्तराखंड में माइनस में पहुंचा तापमान। Severe cold in Uttarakhand
मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार, प्रदेशभर में 12 दिसंबर को आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे। जबकि, सुबह के समय मैदानी इलाकों में कोहरा छाया रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने कहा, दिसंबर की शुरुआत में हुई हल्की बारिश व बर्फबारी से तापमान में गिरावट आई थी। उसके बाद करीब एक सप्ताह तक प्रदेशभर का अधिकतम तापमान एक-दो डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया। ऐसे में मंगलवार को ऊंचाई वाले इलाकों में मौसम बदलने के आसार हैं। पर्वतीय जिलों में बारिश व बर्फबारी होने से मैदानी इलाकों के भी तापमान में गिरावट आएगी। वहीं देहरादून समेत आसपास के क्षेत्रों में अधिकतम तापमान सामान्य है, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे पहुंच गया है। चारधाम समेत अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तापमान माइनस में दर्ज किया जा रहा है।
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बर्फबारी के लिए विंटर बारिश का होना जरूरी। Severe cold in Uttarakhand
वहीं बर्फबारी होने के लिए विंटर बारिश का होना बहुत जरूरी है। लेकिन, नवंबर से लेकर अभी तक कुछ दिनों को छोड़ प्रदेश के किसी भी जिले में खास बारिश नहीं हुई। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है बीते साल भी विंटर बारिश न होने की वजह से पर्वतीय जिलों में नवंबर व दिसंबर में बहुत कम बर्फबारी देखने को मिली थी। 12 दिसंबर को अगर पर्वतीय जिलों में विंटर बारिश के अच्छे आंकड़े दर्ज किए गए तो यह बर्फबारी के लिए अच्छा होगा। इससे ग्लेशियर रीचार्ज होने के साथ नदियों का जलस्तर भी बढ़ेगा। उसका सीधा असर आने वाले दिनों के तापमान पर पड़ेगा।
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