आरक्षण विधेयक राजभवन ने लौटाया! सरकार सदन से फिर करेंगी पास, जानें किसे मिलेगा फायदा..

0
Reservation Bill returned by Raj Bhavan. Hillvani News

Reservation Bill returned by Raj Bhavan. Hillvani News

उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को राजकीय सेवाओं में 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण के विधेयक को राजभवन ने विधानसभा को लौटा दिया है। छह साल पहले इस विधेयक को विधानसभा से पारित कर राजभवन भेजा गया था, लेकिन तब से विधेयक राजभवन में लम्बित था। राजभवन के इस कदम से राज्य आंदोलनकारियों के आरक्षण पर एक बार फिर से उम्मीद बंधी है। माना जा रहा है कि सरकार आरक्षण विधेयक को दोबारा सदन से पास कराकर राजभवन को भेज सकती है। ऐसी स्थिति में राजभवन को विधेयक को मंजूरी देनी ही पड़ेगी। राजभवन की ओर से अब विधेयक को पुनर्विचार के लिए विधानसभा को भेजा गया है। इससे अब राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण मिलने की उम्मीद जग गई है। हरीश रावत सरकार 2016 में राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी सेवाओं में 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए विधानसभा में विधेयक लाई थी।

यह भी पढ़ेंः Panchayat Elections: आचार संहिता लागू! 6 सितंबर से नामांकन, 26 को वोटिंग और 28 को नतीजे..

दोबारा विधेयक लाने का रास्ता खुला
हरीश रावत सरकार 2016 ने विधानसभा में इस विधेयक को पारित कर राजभवन को भेजा गया था। लेकिन इस विधेयक को राजभवन से मंजूरी नहीं मिल पाई थी। विधेयक के राजभवन में ही अटक जाने से यह विधेयक कानून का रूप नहीं ले पाया। साथ ही सरकार के सामने दोबारा से विधेयक को विधानसभा में लाने का रास्ता भी बंद था। लेकिन अब राजभवन से विधेयक लौटाए जाने से छह साल से बंद दरवाजा खुलने की उम्मीद बंध गई है। सरकार के पास इस विधेयक को दुबारा विधानसभा से पारित कराने का विकल्प खुल गया है। हालांकि दुबारा इस विधेयक को राजभवन की मंजूरी के लिए भेजना होगा। राजभवन की मंजूरी के बाद ही राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण मिल पाएगा।

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंड में भर्ती घोटालों की बाढ़! 8 अन्य भर्तियों में धांधली के मिले सबूत, जल्द होगा मुकदमा दर्ज..

नौकरी के लिफाफे चयन के बावजूद अब भी बंद
राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में दस प्रतिशत आरक्षण पर रोक के चलते, इस कोटे से चयनित कई युवाओं के नौकरी के लिफाफे चयन के बावजूद अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में बंद हैं। सरकार ने दिसंबर 2018 में राज्य आंदोलनकारियों को मिले आरक्षण को हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में समाप्त कर दिया। इससे पहले आयोग सहायक लेखाकार, आबकारी और परिवहन विभाग में प्रवर्तन सिपाही, वैयक्तिक सहायक सहित कई विभागों के लिए भर्ती परीक्षाओं में युवाओं का इस कोटे के तहत चयन भी हुआ लेकिन इस बीच आरक्षण समाप्त होने से आयोग ने इन युवाओं का परिणाम जारी नहीं किया।

यह भी पढ़ेंः बड़ी खबरः विधानसभा बैकडोर भर्ती मामले में CM धामी ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र।

विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद इन राज्य आंदोलनकारियों को मिलेगा लाभ
यदि राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण के विधेयक को मंजूरी मिलती है तो राज्य में बड़ी संख्या में लोगों को फायदा मिलेगा। इसके दायरे में राज्य निर्माण आंदोलन के दौरान शहीद हुए 47 शहीदों के परिजनों के साथ ही 62 गोली खाने वाले घायलों व उनके परिजनों, आंदोलन के दौरान जेल गए लोगों, गंभीर रूप से घायल हुए लोगों और सक्रिय आंदोलनकारियों व उनके परिजनों को एक बार फिर लाभ मिल सकेगा। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी सेवा में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने के विधेयक को विस्तार से समझने के बाद राज्यपाल ने इसे विधानसभा को पुनर्विचार के लिए लौटा दिया है। इस विधेयक पर कानूनी राय के बाद यह कदम उठाया गया है।

यह भी पढ़ेंः रुद्रप्रयाग: पहाड़ी शैली में बनकर तैयार हुआ जनपद का पहला हार्टी टूरिज्म भवन। डीएम और विधायक ने किया शुभारंभ..

Rate this post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिलवाणी में आपका स्वागत है |

X