मकर संक्रांति के पावन पर्व पर रावल देवता ने रुद्रप्रयाग संगम तट पर किया गंगा स्नान..

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Rawal Devta took bath in Ganga

Rawal Devta took bath in Ganga : मकर संक्रांति के पावन पर्व पर रुद्रप्रयाग संगम तट पर तल्लानागपुर पट्टी के बिजराकोट स्थित प्रसिद्ध रावल देवता और इनके साथ चल रहे अग्निवीर लाटू देवता ने गंगा स्नान किया। संगम पहुंचने पर यहां पहले से मौजूद भक्तों ने पुष्प वर्षा से रावल देवता का स्वागत किया। साथ ही रावल देवता का आशीर्वाद लेकर क्षेत्र की खुशहाली की कामना की।

बिजराकोट स्थित प्रसिद्ध रावल देवता को भगवान शिव के आठवें अंश के रूप में पूजा जाता है। इनके साथ अग्निवीर के रूप में वीर लाटू देवता भी साथ यात्रा में चल रहे हैं। ग्रामीणों की माने तो 20 साल बाद बन्याथ यात्रा का आयोजन किया गया है और 6 माह तक विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर यात्रा चारधाम कपाट खुलने के बाद भगवान केदारनाथ और बदरीविशाल के दर्शन करने को पहुंचेगी।

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धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन कर रावल देवता को गर्भगृह से बाहर लाया गया | Rawal Devta took bath in Ganga

वहीं जिला पंचायत सदस्य नरेंद्र बिष्ट ने बताया कि विगत 22 नवंबर को बिजराकोट में धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन कर रावल देवता को गर्भगृह से बाहर लाया गया। जिसके बाद बन्याथ यात्रा विभिन्न गांवों का भ्रमण कर भक्तों को आशीष देने के बाद सोमवार को मकर सक्रांति के पर्व पर रुद्रप्रयाग संगम में गंगा स्नान को पहुंची। यहां रावल देवता के साथ ही लाटू देवता ने गंगा स्नान किया।
वयोवृद्ध ग्रामीण गोपाल सिंह पंवार ने बताया कि रावल देवता की प्रथम बन्याथ यात्रा 1939 में शुरू हुई थी। इसके बाद वर्ष 2003 में यात्रा का दूसरी बार आयोजन हुआ और अब बीस साल फिर से बन्याथ का आयोजन किया गया है। क्षेत्रीय युवाओं, बुजुर्गो एवं महिलाओं के अथक प्रयास से बन्याथ का आयोजन किया गया है। जून माह में बणतोली में 9 दिवसीय महायज्ञ के साथ दिवारा यात्रा संपन्न होगी।

जनपद में बड़े उल्लास के साथ मनाया गया मकर सक्रांति | Rawal Devta took bath in Ganga

मकर सक्रांति के पावन पर्व को जनपद में भी बड़े उल्लास के साथ मनाया गया। सुबह सूर्य देव की विशेष पूजा के साथ लोगों ने खिचड़ी खाकर संक्रांति की बधाई एक-दूसरे को दी। इस अवसर पर पर्यटन विकास बोर्ड की पहल पर अलकनंदा एवं मंदाकिनी के संगम पर विशेष भजन संध्या एवं गंगा आरती का आयोजन किया गया। वहीं संगम घाट पर पर्यटन विभाग की ओर से तीन हजार दीये जलाने का कार्यक्रम रखा गया था जिसमें जिले भर के लोगों के प्रतिभाग किया दीयों की रोशनी में संगम घाट से लेकर रुद्रनाथ मंदिर तक सब जगमग हो उठा।

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