Rain havoc in Uttarakhand. Hillvani News

Rain havoc in Uttarakhand. Hillvani News

प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन ने कहर बरपाया है। प्रदेश में अभी तक चार लोगों की मौत हो चुकी हैं। अभी भी 13 लोग लापता हैं और 12 घायल है। टिहरी जिले के धनौल्टी क्षेत्र में पलक झपकते ही एक घर मलबे में तब्दील हो गया। इस हादसे में एक ही परिवार के सात लोग दबे। जबिक दो शव निकाल लिए गए हैं। धनोल्टी एसडीएम लक्ष्मी राज चौहान ने बताया कि मामले में पूरी नजर बनाई हुई है। वहीं राज्य में जगह-जगह से सामने आ रही आपदा की तस्वीरों के बाद सेनानायक एसडीआरएफ मणिकांत मिश्रा ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला है। उत्तराखण्ड राज्य में कल से हो रही मूसलाधार बारिश के बाद राज्य के विभिन्न जिलों में तबाही का मंजर है। कहीं मलबा आने से मकान क्षतिग्रस्त हो गए है तो कहीं उफनती नदी नालों में लोग फंस गए है। रातभर से एसडीआरएफ टीम युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य में पूर्ण तत्परता से कार्य कर रही है। सेनानायक एसडीआरएफ मणिकांत मिश्रा ने आपदा से सबसे ज़्यादा प्रभावित क्षेत्र में मालदेवता में रेस्क्यू ऑपरेशन की कमान संभाले हुए है। वहीं दूसरी ओर उन्होंने वाहिनी मुख्यालय के सभी अधिकारी/कर्मचारियों व एसडीआएफ कंट्रोल रूम को भी हाईअलर्ट पर रखा है और राज्य भर में गतिमान सभी रेस्क्यू ऑपरेशन की पल-पल की जानकारी लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए जा रहे है।

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उत्तराखंड में आपदा जैसे हालात हैं। बरसात के बाद मलबे में दबकर टिहरी जिले में तीन और पौड़ी जिले में भी एक व्यक्ति की मौत हुई। देहरादून में अतिवृष्टि के बाद पांच सहित प्रदेशभर में 13 लोग लापता हो गए हैं। मलबे में करीब एक दर्जन मकानों को भी नुकसान पहुंचा है। कई जिलों में नालों के उफान पर आने के बाद सड़कें भी बह गईं हैं। भारी बरसात के बाद गंगा, काली, सरयू आदि नदियां उफान पर हैं। भूस्खलन से केदारनाथ हाईवे सहित प्रदेशभर में कई सड़कें बंद हो गईं हैं। नदियों के उफान पर आने से प्रशासन ने तटीय इलाकों में अलर्ट जारी किया है। बरसात के बाद भूस्खलन से कई मकान भी मलबे में दब गए हैं। अतिवृष्टि से देहरादून, पौड़ी, टिहरी, चमोली, पिथौरागढ़ आदि जिलों में नुकसान हुआ है। प्रशासन द्वारा राहत व बचाव का कार्य किया जा रहा है। लेकिन, खराब मौसम प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर हो रही भारी वर्षा के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के बारे में आपदा प्रबंधन विभाग से जानकारी ली। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। प्रभावित क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन की टीमें लगातार कार्य कर रही हैं।

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देहरादून में अतिवृष्टि से सरखेत में भारी नुकसान
शनिवार तड़के देहरादून और आसपास के इलाकों में भारी बारिश ने कहर बरपाया है। मालदेवता के सरखेत में बादल फटने जैसे हालात हैं। यहां तड़के कई घरों में मलबा और पानी भर गया। एक रिसोर्ट परिवार के महिलाओं बच्चों समेत कुछ लोग फंस गए। वहीं रायपुर-थानो रोड पर क्रिकेट स्टेडियम के पास सौंग नदी में बना पुल बह गया। इससे एक कार और तीन स्कूटी सवार नदी में जा गिरे। गनीमत रही कि उन्हें समय रहते रेस्क्यू कर लिया गया। घायल आठ लोगों को जौलीग्रांट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रेमनगर नदी में एक मजदूर को भी एसडीआरएफ की टीम ने बचाया। वहीं टपकेश्वर मंदिर क्षेत्र में भी तमसा नदी उफान पर है। यहां मंदिर परिसर में भी पानी घुस गया है। एसडीआरएफ़ के मुताबिक आपदा कंट्रोल रूम देहरादून द्वारा बताया गया कि एक व्यक्ति ने पौने तीन बजे बताया गया कि ग्राम सरखेत रायपुर में बादल फट गया है। कई लोग फंसे हैं। पोस्ट सहस्त्रधारा से निरीक्षक अनिरुद्ध भंडारी अपनी टीम के साथ रवाना हुए। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण मार्ग मालदेवता पर बाधित मिला। वाहन के किसी सूरत में आगे न जाने की सूरत में टीम द्वारा बिना वक़्त गवाये तत्काल पैदल ही आगे बढ़ने का निर्णय लिया गया। घटनास्थल पर पहुंचकर पता चला कि बादल फटने के कारण नदी एवं कुवा खाला में ज्यादा पानी आने से ग्राम सरखेत में कुछ मकानों में पानी घुस आया। टीम द्वारा ग्राम सरखेत में फंसे सभी लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित कर दिया गया है। किसी भी प्रकार की जनहानि नही हुई है। चार-पांच किलोमीटर आगे कुछ लोग रिसॉर्ट में रुके हुए थे।

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टिहरी में भारी बारिश के बाद नुकसान
तहसील धनोल्टी के कुमाल्डा मालदेवता क्षेत्र में भारी वर्षा व अतिवृष्टि से नुकसान की सूचना है। राजस्व उपनिरीक्षक क्षेत्र भुत्शी और लॉर्खा में अतिवृष्टि के कारण लोगों का काफी नुकसान बताया जा रहा है। जनमानस की किसी भी प्रकार से हानि नहीं हुई है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई है। तौलिया काटल तहसील धनोल्टी क्षेत्रान्तर्गत कुमालड़ा, मालदेवता, भुत्सी, ल्वार्खा, सीतापुर में अतिवृष्टि से क्षति की सूचनाएं प्राप्त हो रही है। क्षेत्र के लिए डीएम, एसडीएम व एडीएम और साथ ही जल संस्थान व विद्युत विभाग की टीम कुमालड़ा के मौके पर पहुंचे। सिंचाई विभाग की टीम भी रवाना। सोंग नदी के उफान से इंटर कॉलेज रगड़ गांव व मार्केट में नुकसान की सूचना। 12 गांवो को जोड़ने वाले पुल को भी नुकसान। 3 परिवारों को सिप्ट किया गया है। नरेंद्रनगर से रानीपोखरी जाने वाला स्टेट हाईवे 77 कई जगह पर बंद हो गया है। थाना नरेंद्रनगर से प्राप्त जानकारी के अनुसार पीटीसी नरेंद्रनगर, हिंडोलाखाल और तचिला चाचा-भतीजा होटल के पास एनएच 94 बंद होने के कारण ट्रैफिक आगरखाल में रोका गया है। सकलाना पट्टी के ग्राम पंचायत कुमालडा ,भरवा काटल और ग्राम पंचायत धौलागिरी के सीतापुर में भारी बारिश से नुकसान बताया जा रहा है। यहां पर भगवान सिंह पंवार की सरकारी गल्ला विक्रेता की दुकान, दुकान में भरा हुआ राशन और एक मोटरसाइकिल बहने की सूचना है।

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भारी बारिश के चलते नदियां व खाले ऊफान पर
विकासनगर पछुवादून क्षेत्र में देर रात से जबरदस्त मूसलाधार बारिश हो रही है। नदियों व नाले खालों का जल स्तर बढ जाने से जगह जगह जलभराव हो गया है। आसन नदी, यमुना, टौंस का जल स्तर बढ जाने कुल्हाल बांध परियोजना से रात ग्यारह बजे से उत्पादन ठप है। जबकि ढकरानी व ढालीपुर बांध परियोजना से भी शनिवार सुबह सात बजे बाद उत्पादन बंद कर दिया है। यमुना नदी में ग्यारह हजार क्यूसेक पानी आ रहा है। जबकि 14 हजार पीपीएम सिल्ट आने से बिजली परियोजनाओं से उत्पादन बंद करना पडा। उधर विकासनगर बाजार, हरबर्टपुर में कई स्थानों पर जलभराव हुआ है। मेहूवाला खालसा में खाले में पानी भर जाने से धान व गन्ने की फसलों को नुकसान हुआ है। भारी बारिश व जलभराव के चलते जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है।

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पौड़ी गढ़वाल में बरसात के बाद कई सड़कें बंद
देर रात बारिश के चलते विधानसभा यमकेश्वर के अंतर्गत तीन मुख्य सड़क मार्ग एसएच-9 रूट में लक्ष्मण झूला, दुगड्डा और धुमाकोट, नीलकंठ मोटर रोड और नालीखाल पोखरी खेत मुख्य सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। बारिश से अन्य स्थानीय संपर्क मार्ग भी जगह जगह अवरुद्ध होने की सूचना है। लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड दुगड्डा मुख्य सड़क मार्गों को खोलने के लिए गट्टू घाट, पोखाल और गरुड़ चट्टी में जेसीबी तैनात की गई है। पौड़ी के डीएम डॉ विजय कुमार ने बताया है कि यमकेश्वर में बारिश से 2 मकानों को नुकसान हुआ है। यमकेश्वर के बिनक गांव में घर की दीवार गिर जाने से एक महिला की मौत की सूचना है। प्रशासन मौका मुयना कर रहा है।
ऋषिकेश में भारी बारिश के बाद गंगा चेतावनी निशान के पार
ऋषिकेश में भारी बारिश से गंगा के जलस्तर ने चेतावनी निशान को पार कर लिया है। बारिश से बरसाती नदी नाले उफान पर हैं। जबकि, हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान के पार पहुंची। सुबह 8.30 बजे 294.05 जलस्तर था। नदियां के उफान पर आने से प्रशासन द्वारा तटीय इलाकों में अलर्ट जारी किया है।
केदारनाथ हाईवे बंद
रुद्रप्रयाग में बीती रात से भारी बारिश के कारण केदारनाथ हाईवे नेल के पास मलवा आने के कारण बंद रहा। जबकि बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग में सिरो बगड़ के पास बंद है। कई जगहों पर ग्रामीण मार्गों के पुस्ते भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। केदारनाथ यात्रा सुचारू चल रही है।

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बाढ़ के खतरे को देखते हुए परिवारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया
पहाड़ और मैदान में हो रही मूसलाधार वर्षा से चंद्रभागा नदी का जलस्तर उफान पर है बाढ़ के खतरे की संभावना देखते हुए पुलिस प्रशासन ने चंद्रभागा नदी के किनारे रहने वाले परिवारों को शनिवार सुबह सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। वही रानीपोखरी क्षेत्र में महादेव खाले के रोद्र रूप लेने से आसपास क्षेत्र में घरों और खेतों में पानी घुस गया सिंचाई विभाग की टीम बाढ़ के पानी की निकासी के लिए राहत बचाव का कार्य कर रही है।
हरिद्वार शहर में जलभराव
हरिद्वार में देर रात से हो रही बारिश के कारण शहर में जलभराव हुआ है। भगत सिंह चौक, ज्वालापुर कटहरा बाजार, चौक बाजार पुरानी सब्जी मंडी, कैथवाडा कनखल लाटोंवाली आदि क्षेत्रों में हुआ जलभराव से लोगों की बढ़ी मुश्किलें।
चमोली में 45 से ज्यादा सड़कें बंद
बरसात के बाद भूस्खलन से चमोली जिले में 45 से ज्यादा सड़कें बंद हो गईं हैं। सड़कें बंद होने से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, राहत की बात है कि बद्रीनाथ हाईवे सुचारू है। प्रशासन द्वारा बंद सड़कों को खोलने का काम किया जा रहा है, लेकिन खराब मौसम बाधा बन रहा है।

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गंगा नदी का जलस्तर बढ़ना शुरू
पहाड़ों पर हुई भारी बारिश के बाद रात के समय गंगा नदी का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया। रात बारह बजे के आसपास पानी खतरे के निशान 294 मीटर से भी करीब आधा मीटर ऊपर आ गया। इससे प्रशासन में हड़कंप मच गया। खतरे की संभावना को देखते हुए तहसील प्रशासन ने रात में ही चारों बाढ़ राहत चौकियों पर कर्मचारी तैनात कर दिए गए। साथ ही बाढ़ के लिहाज से संवेदनशील गंगा व सोलानी नदी के आसपास बसे तीस गांवों में भी रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया। हालांकि शनिवार सुबह से गंगा का जलस्तर घटना शुरू हुआ तो प्रशासन को मामूली राहत मिली। एसडीएम लक्सर गोपालराम बिनवाल ने बताया कि गंगा का पानी फिलहाल खतरे के निशान से थोड़ा नीचे आ गया हे। लिहाजा कहीं भी खतरे की कोई बात नहीं है। फिर भी प्रशासन आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए चौकस है। एसडीआरएफ की टीम भी लक्सर में बुला ली गई है।
इन गांवों को किया गया रेड एलर्ट
भोगपुर, बाड़ीटीप, फतवा, गंगदासपुर, महाराजपुर कलां, महाराजपुर खुर्द, सोंपरी, बहादराबाद, भिक्कमपुर, पण्डितपुरी, गिद्धावाली, बालावाली, डुमनपुरी, कलसिया, कुड़ी भगवानपुर, माड़ाबेला, चांदपुरी खादर, चंदपुरी बांगर, दल्लावाला, जैनपुर, लादपुर, रणसुरा, मलकपुर, मुबारिकपुर, मौहम्मदपुर, डौसनी, कुँवाखेड़ा, ढाढेकी, मथाना, सहीपुर, हस्तमौली, याहियापुर आदि गांवों में अलर्ट जारी किया गया है।

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बरिश से डेढ दर्जन सड़कें बंद, लोगों की बढ़ी परेशानी
बागेश्वर में शुक्रवार की शाम से जिले में लगातार बारिश हो रही है। बारिश के चलते डेढ़ दर्जन सड़कें बंद हैं। जिला मुख्यालय से लगे आरे के बाद पहाड़ी दरकने से बागेश्वर- कपकोट मोटर मार्ग बंद हो गया है। इस कारण लोगों को परेशानी हो रही है। लगातार हो रही बारिश से कई मकान भी ध्वस्त हो गए हैं, हांलाकि अभी कहीं से भी किसी तरह की जनहानिक की शिकायत नहीं है। सरयू के उफनाने से नगर में पानी का भी संकट गहरा गया है। ग्रामीण क्षेत्र बिजली गुल रहने से लोगों के मोबाइल शोपीस बन गए हैं। इधर जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि बंद मार्ग खोलने का काम शुरू हो गया है।
पिथौरागढ़ सहित पूरे जिले में बारिश, 14 सड़कें बंद
जनपद में लगातार बारिश से जन जीवन प्रभावित है। 14 से अधिक सड़कें बारिश के बाद बंद हैं। जिससे 2 लाख से अधिक की आबादी को दिक्कत हो रही है। जिले में 22 घंटे से अधिक समय से बारिश हो रही है। पिथौरागढ़ में सर्वाधिक 62 एमएम बारिश हुई है। गंगोलीहाट में 39, बेरीनाग में 47 एमएम बारिश दर्ज की गई है। डीडीहाट में 40.5, मुनस्यारी में 42.2 व धारचूला में 23.66 एमएम हुई है। बारिश के बाद तवाघाट एनएच बंद है। 14 अन्य सड़कों के बंद रहने से भी जन जीवन पटरी से उतर गया है। कई जगह सड़कों के तालाब में बदलने से यातायात संचालन में दिक्कतें आ रही हैं।

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