खुलासाः उत्तराखंड सचिवालय रक्षक भर्ती में भी हुआ था पेपर लीक, 10-10 लाख में बिका था पेपर..

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Paper leak also happened in Uttarakhand Secretariat Guard Recruitment. Hillvani News

Paper leak also happened in Uttarakhand Secretariat Guard Recruitment. Hillvani News

स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के बाद उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा में भी पेपर लीक की पुष्टि हुई है। प्राथमिक जांच के बाद एसटीएफ ने रायपुर थाने में छह आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। जांच में सामने आया है कि परीक्षा से पहले ही प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी ने पेपर को एक पेन ड्राइव में दूसरे आरोपी को दे दिया था। पेपर अभ्यर्थियों को 10-10 लाख रुपये में बेचा गया। सभी छह आरोपी स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में भी नामजद हैं। एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा की जांच के दौरान सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा में धांधली की बात भी सामने आई थी।

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पेपर अभ्यर्थियों को 10-10 लाख रुपये में बेचा
डीजीपी के आदेश पर प्राथमिक जांच में पता चला कि इसका पेपर भी लखनऊ स्थित आयोग की आउटसोर्स प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वाले कंप्यूटर ऑपरेटर प्रदीप पाल ने लीक किया था। उसने यह पेपर परीक्षा से एक दिन पहले पेन ड्राइव में लिया और दूसरे कर्मचारी जयजीत को दे दिया था। जयजीत ने यह पेपर पीआरडी के कर्मचारी मनोज जोशी निवासी सेरा, पाटी, जिला चंपावत को दे दिया। वहां से यह पेपर सितारगंज न्यायालय के कनिष्ठ सहायक मनोज जोशी को दिया गया। इसके बाद कुलवीर सिंह निवासी सादीपुर, बास्टा, चांदपुर, बिजनौर और दीपक चौहान निवासी मखडै़त पटवारी, टिहरी गढ़वाल को मुहैया कराया गया। सभी आरोपियों ने पेपर अभ्यर्थियों को 10-10 लाख रुपये में बेचा था। इस मामले में प्रदीप पाल, जयजीत, कुलवीर सिंह, दीपक चौहान, मनोज जोशी, मनोज जोशी (न्यायालय सहायक) के खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

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हाकम सिंह से भी बताया जा रहा कनेक्शन
हाकम सिंह पर एसटीएफ ने पूरी तरह शिकंजा कस लिया है। सूत्रों के अनुसार इस मामले में भी हाकम सिंह का ही कनेक्शन सामने आया है। हालांकि, प्राथमिक जांच के आधार पर अभी इस मामले में उसे आरोपी नहीं बनाया गया है। बताया जा रहा है कि अभ्यर्थियों के सामने आने के बाद ही हाकम सिंह के नाम का खुलासा हो सकता है। इसके बाद उसे भी आरोपी बनाया जा सकता है।

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