मौसम अपडेटः 7 जिलों में बारिश का ऑरेंज अलर्ट। भारी वर्षा के कारण बढ़े 130 नए भूस्खलन संभावित क्षेत्र..
उत्तराखंड में आज भी मौसम बिगड़ा रहेगा। देहरादून समेत सात जिलों में आज कहीं-कहीं भारी बारिश होने के आसार हैं। मौसम विभाग ने देहरादून, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, नैनीताल, चंपावत और ऊधमसिंह नगर के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से मिली जानकारी के अनुसार इन सात जिलों में बिजली चमकने और तेज गर्जन के साथ कई दौर की बौछार वाली बारिश होने की आशंका है। जबकि अन्य जिलों में तेज गर्जन और बिजली चमकने के साथ हल्की बारिश हो सकती है। कल यानी 22 जुलाई को उत्तरकाशी, देहरादून और हरिद्वार के लिए मौसम विभाग ने बारिश का ऑरेंज और अन्य जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।
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मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार देहरादून, पौड़ी, टिहरी, हरिद्वार, नैनीताल, चंपावत और ऊधमसिंह नगर में कहीं-कहीं भारी वर्षा हो सकती है। इसे लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जबकि, अन्य जिलों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। प्रदेश में इस वर्षाकाल में लगातार हो रही तेज वर्षा के कारण पर्वतीय क्षेत्रों में कई जगह नए भूस्खलन संभावित क्षेत्र बन गए हैं। लोक निर्माण विभाग ने हाल ही में किए गए सर्वें में पूरे प्रदेश में 333 भूस्खलन क्षेत्र चिह्नित किए हैं। इनमें सबसे अधिक 96 टिहरी जिले में हैं। इसे देखते हुए विभाग ने इन सभी क्षेत्रों के निकटवर्ती लोक निर्माण विभाग के कार्यालयों को सचेत करते हुए यहां पर्याप्त संख्या में कर्मचारी, जेसीबी मशीन व अन्य उपकरण तैनात करने के निर्देश दिए हैं।
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लोक निर्माण विभाग ने मानसून से पहले प्रदेश में आल वेदर रोड समेत चल रहे अन्य निर्माण कार्यों के दृष्टिगत 203 भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र चिह्नित किए थे। इन स्थानों पर 350 से अधिक जेसीबी व कार्मिक तैनात किए गए हैं। इस बीच भारी वर्षा के कारण कई ऐसे नए क्षेत्र उभर आए हैं, जहां भूस्खलन हुआ है और वहां आने वाले समय में भी भूस्खलन की आशंका बनी हुई है। टिहरी, अल्मोड़ा, रुद्रप्रयाग, चमोली व पौड़ी उन जिलों में शामिल हैं, जहां सबसे अधिक ऐसे क्षेत्र हैं जो भूस्खलन के हिसाब से संवेदनशील बने हुए हैं। इसे देखते हुए हाल ही में लोक निर्माण विभाग मंत्री सतपाल महाराज ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन सभी स्थानों पर पर्याप्त संख्या में जेसीबी मशीन, उपकरण व कार्मिकों की तैनाती की जाए, ताकि इन क्षेत्रों से गुजरने वालों को परेशानी का सामना न करना पड़े।
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