उत्तराखंडः अब जल्द दौड़ेगी नियो मेट्रो, ये रहेगा रूट और यहां बनेंगे स्टेशन..

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Hillvani-Neo-Metro-Uttarakhand

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देहरादून: उत्तराखंड में भी जल्द नियो मेट्रो दौड़ती नजर आएगी। प्रदेश सरकार ने देहरादून में नियो मेट्रो चलाने का प्रस्ताव मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेज दिया है। अब केंद्र की अंतिम मंजूरी के बाद करीब पांच साल बाद देहरादून के इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू होने की उम्मीद जगी है।  प्रदेश सरकार लंबे समय से देहरादून में मेट्रो चलाने के लिए प्रयास कर रही है। लिहाजा, केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद आने वाले समय में दूनवासी मेट्रो में सफर कर सकेंगे। उत्तराखंड में मेट्रो चलने का जो सपना जनता ने साल 2016 में देखा था, उसको लेकर धरातल पर 2022 तक भी कुछ नहीं हो पाया है। करीब 6 सालों में मेट्रो के नाम पर उत्तराखंड में केवल मेट्रो कॉर्पोरेशन का गठन किया गया और यहां एमडी से लेकर दूसरे कर्मचारियों की नियुक्ति भी कर दी गई। अब कई दौर के मंथन और डीपीआर पर विचार करने के बाद प्रदेश सरकार ने आखिरकार नियो मेट्रो के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। आवास विभाग के इस प्रस्ताव को पिछले माह विचलन से मंजूर करते हुए अंतिम मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेज दिया गया है। अब केंद्र के पाले में इस मामले को लेकर गेंद है।

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अब इसको राजनीतिक दृष्टिकोण से देखें तो राज्य में चुनाव चल रहे हैं और 2022 में किसकी सरकार आएगी इसका इंतजार किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट को लेकर राजनीतिक जानकार कहते हैं कि आने वाली सरकार का भी काफी अहम रोल होगा। बता दें कि सरकार बड़े बजट के इस प्रोजेक्ट में खर्च होने के कारण बार-बार कभी मेट्रो, कभी लाइट मेट्रो, कभी रोपवे के विकल्प पर बदलाव करती रही है। अब नियो मेट्रो के विकल्प को फाइनल किया गया है। क्योंकि इसमें काफी कम बजट लगता है। खबर ये भी है कि प्रदेश सरकार प्रथम चरण में केंद्र सरकार के साथ पचास प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ देहरादून के दो रूटों पर नियो मेट्रो चलाना चाहती है। दूसरे चरण में देहरादून को मेट्रो के जरिए हरिद्वार-ऋषिकेश से जोड़ा जाएगा। इस पूरे प्रोजेक्ट पर 1600 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है, राज्य सरकार इसके लिए लोन लेगी। केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद, सरकार जमीन अधिग्रहण की कार्यवाही करेगी।

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नियो मेट्रो के रूट और स्टेशन
1 एफआरआई से रायपुर (13.9 किमी)
स्टेशन : एफआरआई, आईएमए ब्लड बैंक, दून स्कूल, कनॉट प्लेस, घंटाघर, गांधी पार्क, सीएमआई, आराघर, नेहरू कॉलोनी, अपर बद्रीश कॉलोनी, अपर नत्थनपुर, ओएफडी, हाथीखाना, रायपुर।
2 आईएसबीटी से गांधी पार्क (दूरी 8.5 किमी) 
स्टेशन : आईएसबीटी, सेवलाकला, आईटीआई, लालपुल, चमनपुरी, पथरीबाग, रेलवे स्टेशन, कोर्ट

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नियो मेट्रो रूट में फिर किया गया बदलाव
पहले आईएसबीटी रूट के ट्रैक को जाखन तक ले जाने का प्लान था। लेकिन राजपुर रोड पर जमीन अधिग्रहण में ज्यादा दिक्कतों के चलते प्रथम चरण में इस रूट को गांधी पार्क तक सीमित किया गया है। गांधी पार्क में यह ट्रैक एफआरआई-रायपुर रोड ट्रैक में मिल जाएगा। नियो मेट्रो की लागत मूल मेट्रो के मुकाबले करीब एक हजार करोड़ रुपये कम आ रही है। केंद्र सरकार भी छोटे शहरों में नियो मेट्रो बनाने पर ही जोर दे रही है। 

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शैलेश बगोली, सचिव आवास ने बताया कि, केंद्र सरकार की नियो मेट्रो पॉलिसी के तहत ही उक्त प्रस्ताव भेजा गया है। केंद्र से मंजूरी के बाद हमें लोन लेने का इंतजाम करना होगा। इसके बाद प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो पाएगा। तेजी से बढ़ते शहर की जरूरत को देखते हुए हमें आधुनिक ट्रांसपोर्ट माध्यम की सख्त जरूरत है।

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