ध्यान देंः गाड़ी ट्रांसफर का लागू हुआ नया नियम, अब विक्रय व पहचान-पत्र से नहीं चलेगा काम.. पढें..

0
new rule of vehicle transfer. Hillvani News

new rule of vehicle transfer. Hillvani News

अगर आप किसी से पुराना दुपहिया वाहन या कार खरीद रहे हैं तो केवल विक्रय-पत्र व पहचान-पत्र की छाया-प्रति लेने से काम नहीं चलेगा। वाहन ट्रांसफर कराने के दौरान आरटीओ कार्यालय देहरादून में वाहन मालिक का आना अनिवार्य कर दिया गया है। कार्यालय में वाहन मालिक का सत्यापन व हस्ताक्षर मिलान कराया जाएगा। उसके बाद ही वाहन ट्रांसफर किया जाएगा।
वाहन ट्रांसफर कराने में एक और परेशानी
यही नहीं, इस बीच वाहन साफ्टवेयर में हुए एक बदलाव से वाहन ट्रांसफर कराने में परेशानी और बढ़ गई है। नई व्यवस्था के तहत अब वाहन तभी ट्रांसफर होगा, जब उसके पुराने मालिक के आधार कार्ड में पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी जाएगा और यह ओटीपी साफ्टवेयर में दर्ज किया जाएगा। अब तक ट्रांसफर की एप्लीकेशन कंप्यूटर में आगे ही नहीं बढ़ेगी।

यह भी पढ़ेंः गंगा घाटों पर किया यह काम तो नहीं मिलेगा प्रवेश, सख्ती से जाएगा रोक। जानें क्यों?

पहले खरीदार के मोबाइल पर आता था ओटीपी
अभी तक वाहन ट्रांसफर की प्रक्रिया के दौरान केवल खरीदार के मोबाइल पर ओटीपी जाता था, लेकिन शुक्रवार से पुराने मालिक और खरीदार यानी दोनों के मोबाइल पर ओटीपी आएगा। शनिवार को इस कारण आरटीओ कार्यालय में एक भी पुराना वाहन ट्रांसफर नहीं हो सका।
आरटीओ कर्मचारियों ने खड़े कर दिए हाथ
बताया गया कि जब तक पुराना मालिक ओटीपी नहीं बताएगा, तब तक ट्रांसफर की फीस भी नहीं कट रही। ऐसे में शनिवार को लोग यहां से वहां दौड़ लगाते रहे। कोई कहता रहा कि पुराना मालिक बाहर गया है तो कोई उसकी बीमारी का हवाला देता रहा, लेकिन आरटीओ कर्मचारियों ने इससे हाथ खड़े कर दिए।

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंडः बैंककर्मी ने दोस्तों संग मिलकर ग्राहक को लगया लाखों का चूना। खाते से ऐसे निकाली धनराशि, 3 गिरफ्तार..

नए जमाने में लगवा रहे अंगूठा
गाड़ी ट्रांसफर के दौरान आरटीओ कर्मी विक्रेता और खरीदार से फार्म पर अंगूठा लगवा रहे। नियमानुसार फार्म में हस्ताक्षर या अंगूठा लगाने के विकल्प होते हैं। यदि आपने हस्ताक्षर किए हैं तो अंगूठा लगवाने का कोई नियम नहीं, फिर भी मनमाने ढंग से कर्मी लोगों को परेशान कर रहे। इसकी बड़ी वजह यह है कि गाड़ी ट्रांसफर करने से पहले गाड़ी की पुरानी फाइल निकालनी होती है। उक्त फाइल से गाड़ी मालिक के हस्ताक्षर मिलान किए जाते हैं, लेकिन इस प्रक्रिया को दरकिनार कर अंगूठा लगवाया जा रहा। सत्यापन की प्रक्रिया में एक से दो घंटे लाइन में लगाकर परेशान किया जा रहा।

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंडः बेमौसमी बारिश से फसलों को करोड़ों का नुकसान, विभाग ने भेजी रिपोर्ट। जानें क्या हैं मुआवजे के मानक..

वहीं सुनील शर्मा आरटीओ प्रशासन देहरादून का कहना है कि आरटीओ कार्यालय में किसी भी व्यक्ति को परेशान होने नहीं दिया जाएगा। साफ्टवेयर में बदलाव के कारण पुराने मालिक के मोबाइल पर ओटीपी से जुड़ी जो परेशानी आ रही है, इसके लिए मुख्यालय में बात की जा रही है। वहीं, पुराने मालिक को बुलाने का नियम केवल वाहन ट्रांसफर में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए लागू किया गया है। अगर किसी को कोई परेशानी आ रही है तो वह सीधे आकर मुझसे या अन्य अधिकारियों से बात कर सकता है। नियम आमजन को परेशान करने के लिए नहीं, बल्कि उनकी सहूलियत के लिए हैं।

यह भी पढ़ेंः कलयुगी मां का खौफनाक रूप.. 4 बच्चों की हत्या कर की आत्महत्या, 5वें बच्चे को कोख में ही मार डाला…

Rate this post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

हिलवाणी में आपका स्वागत है |

X