जिला पंचायत अध्यक्ष रुद्रप्रयाग ने CM को सौंपे क्षेत्र की समस्याओं के ज्ञापन, मुख्यमंत्री के सामने रखी यह मांगें..

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Memorandum of problems of the area submitted to CM. Hillvani News

Memorandum of problems of the area submitted to CM. Hillvani News

जिला पंचायत अध्यक्ष सुमन्त तिवारी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के रुद्रप्रयाग दौरे के दौरान तिलवाडा गढ़वाल मण्डल विकास निगम में मुलाक़ात करते हुए विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हुए विभिन्न क्षेत्रों में फैली समस्याओं के निराकरण की मांग की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापनों का पुलिन्दा सौपते हुए उन्होंने कहा कि 1997 में जिला बनने के बाद से यहां पर तहसीलों की समस्या बनी हुई है। जनपद का क्षेत्रफल अधिक फैला हुआ है जबकि यहां पर मात्र तीन तहसीले रेगुलर कार्य कर रही हैं, जबकि बसुकेदार उप तहसील को पूर्ण तहसील की मान्यता दी जाए, जिससे जनता के कार्यों को पूरा करने मे बड़ी दिक्क़ते आ रही हैं, इसके लिए जिले मे दो नई तहसीलों अगस्त्यम्युनि व तल्लानागपुर मे खोलने की नितांत आवश्यकता है। इसके अलावा कई सड़को एवं अन्य समस्याओं पर मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित कराते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष सुमन्त तिवारी ने कहा कि जिला आपदा की दृष्टि से भी अति संवेदनाशील है, साथ ही विश्व प्रसिद्ध श्री केदारनाथ धाम सहित बद्रीनाथ धाम का भी मुख्य पड़ाव पड़ता है, इन जनहित की मांगो को यथा शीघ्र पूर्ण करने मे अपना सहयोग देने की कृपा किजियेगा।

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वहीं चोपता क्षेत्र में बड़ी आवादी होने से स्वास्थ्य सेवाओं की परेशानी को देखते हुए यहां पर 20 बेड का आधुनिक सुविधा वाला अस्पताल बनाया जाये। चन्द्रनगर में आईटीआई संस्थान खोला जाये जिससे यहां की लगभग 40 हजार आबादी को सीधे लाभ मिल सके। बीते 25 सितम्बर को केदारनाथ से अपने घोड़े-खच्चरो कि लेकर वापस अपने गांव लौट रहे मुसाढ़ूग जखोली निवासी तीन लोगों को किसी अज्ञात वाहन द्वारा रात्रि को टककर मारी गई थी जिसमें दो लोगों की मौके पर ही मौत हुई थी ओर एक अन्य गंभीर घायल अवस्था मे पाया गया था, जिसका देहरादून में अभी इलाज जारी है, इनके परिवारों की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है साथ ही इनके अनाथ छोटे बच्चों के भरण पोषण हेतु मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से आर्थिक मदद दी जाय। मोहनखाल-चोपता-तुंगनाथ मोटर मार्ग जोकि वर्षो से वन प्रभाग केदारनाथ क्षेत्र के अधीन है जिसमें 9 किलोमीटर सड़क मार्ग की स्वीकृति ना मिलने से रुद्रप्रयाग व चमोली जिलों  का पर्यटक क्षेत्र एवं धार्मिक स्थल भी हैं इसे सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए वन स्वीकृति दिलाने की आवश्यकता है, ताकि राज्य मे बाहरी पर्यटकों की संख्या और इजाफा हो सके।

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