उत्तराखंड में आसमान से बरसी आफत, बादल फटने से तबाही। 5 लोग लापता, कई सड़कें बही..

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Literally rained from the sky in Uttarakhand. Hillvani News

Literally rained from the sky in Uttarakhand. Hillvani News

उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश मुसीबत बनती जा रही है। भारी बरसात के बाद नदियां उफान पर हैं। भूस्खलन से चारधाम मार्ग सहित प्रदेशभर में कई सड़कें बंद हो गईं हैं। नदियों के उफान पर आने से प्रशासन ने तटीय इलाकों में अलर्ट जारी किया है। बरसात के बाद भूस्खलन से कई मकान भी मलबे में दब गए हैं। अतिवृष्टि से देहरादून, पौड़ी, टिहरी, चमोली आदि जिलों में नुकसान हुआ है। प्रशासन द्वारा राहत व बचाव का कार्य किया जा रहा है। लेकिन, खराब मौसम प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर हो रही भारी वर्षा के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के बारे में आपदा प्रबंधन विभाग से जानकारी ली। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। प्रभावित क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन की टीमें लगातार कार्य कर रही हैं।

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प्रदेश में बादल फटने से भारी तबाही मची
उत्तराखंड में देर रात से हो रही भारी बारिश कई जिलों में भारी तबाही लेकर आई। देहरादून के पास मालदेवता सरखेत, टिहरी और यमकेश्वर इलाके में बादल फटने से भारी तबाही मची है। देहरादून की जिलाधिकारी सोनिका के मुताबिक आपदा में पांच लोग लापता बताए जा रहे हैं। जबकि तीन ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं कीर्तिनगर क्षेत्र में सुबह 7 बजे ग्राम कोठार में 14-15 कमरों का आवासीय भवन भूस्खलन होने से मलबे में दब गया है। जिससे 80 वर्षीय बचनी देवी दब गई है। आपदा में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंच गई है । कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने भी घटनास्थल का दौरा किया है। फिलहाल घटनास्थल पर आपदा बचाव का कार्य जोर-शोर से जारी है। आपदा में लापता लोगों की खोजबीन को लेकर एनडीआरएफ और एसटीएफ के लगातार अभियान चला रहे हैं। मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली है।

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आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी आपदा प्रबंधन टीम, एसडीआरएफ की टीमें और प्रशासन के अन्य अधिकारी उन इलाकों में पहुंच गए हैं जहां रात भर भारी बारिश ने कहर बरपाया है। मैं भी मौके पर पहुंचकर बचाव अभियान का निरीक्षण करने की कोशिश कर रहा हूं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मालदेवता समेत तमाम आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे। बादल फटने के कारण नदी एवं कुवा खाला में अत्यधिक पानी आने से ग्राम सरखेत में कुछ मकानों में पानी घुस आया। वहीं शहर में टपकेश्वर महादेव मंदिर के पास क्षेत्र में लगातार बारिश के बाद तमसा नदी उफान पर है। मंदिर के भीतर पानी घुस गया है। टपकेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी दिगंबर भरत गिरि ने कहा कि हम प्रार्थना करते हैं कि कोई जान-माल का नुकसान न हो। नदी पर एक पुल था जो पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है।

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खटीमा में 152 मिमी तो दून के सहस्रधारा इलाके में 97.5 मिमी बारिश रिकॉर्ड
देर रात से जारी भारी बारिश से सोंग, जाखन और सुसवा नदी पूरे उफान पर आ गई हैं। नदी किनारे रहने वालों को दूसरे स्थान पर भेजने के लिए प्रशासन प्रयास कर रहा है। राजीव नगर केशव पुरी सॉन्ग नदी से नदी का पानी आबादी तक पहुंच रहा है। हालांकि अभी कोई नुकसान की सूचना नहीं मिली है। सुसवा नदी के तेज बहाव से भूमि का कटाव भी हो रहा है। पहाड़ से लेकर मैदान तक भारी बारिश का सिलसिला जारी है। कुमाऊं के खटीमा में सबसे अधिक 152 मिमी और देहरादून के सहस्रधारा इलाके में 97.5 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है। वहीं, मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के दौरान तीन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। कल से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण टपकेश्वर महादेव मंदिर के पास बहने वाली तमसा नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। माता वैष्णो देवी गुफा योग मंदिर टपकेश्वर महादेव का संपर्क टूट गया है।

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यमुना नदी के साथ ही सहायक नदी नाले उफान पर
यमुनोत्री धाम सहित यमुना घाटी में रातभर बारिश के चलते यमुनोत्री हाईवे धरासू बैंड सहित जगह-जगह मलबा बोल्डर आने से बंद हो गया है। लगातार बारिश के कारण हाईवे खोलने में दिक्कत हो रही है रातभर बारिश के कारण यमुना नदी के साथ ही सहायक नदी नाले उफान पर आ गए हैं। बड़कोट, बनाल, ठकराल पट्टी के करीब 45 गांवों की लाइफ लाइन बड़कोट तिलाडी सड़क धंसने से आवाजाही बाधित हो गई है।

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गंगा खतरे के निशान के पास बह रही
ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे तीन धारा के पास भी बड़ा पत्थर आने से बंद हो गया है। इसके अतिरिक्त बचेली खाल रोली धार और दो जगह तोता घाटी पर मार्ग बंद है। नरेंद्रनगर के समीप भी ऋषिकेश गंगोत्री हाईवे यातायात के लिए बाधित हो गया है। चट्टान से हुए भूस्खलन से हाईवे पर भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर गिर रहे हैं। हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान के पास बह रही है। वहीं मसूरी शहर में भारी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। मसूरी-देहरादून मार्ग में बारिश के चलते जगह-जगह मलबा आ गया है। मसूरी कैम्पटी में भारी बारिश के बाद कैम्पटी फॉल उफान पर आ गया। पुलिस ने भारी बारिश के बाद पर्यटकों को सुरक्षित स्थान पर भेजा। यमकेश्वर महादेव मंदिर में भारी बारिश से तबाही मची है।

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