उत्तराखंड में बनने वाली 3 दवाओं के लाइसेंस हुए कैंसिल, जानें क्या रही वजह?
उत्तराखंड के औषधि विभाग ने राज्य में बनने वाली तीन दवाओं के लाइसेंस गुरुवार को निरस्त कर दिए। इनमें एक दवा उल्टी, एक गैस जबकि एक विटामिन की है। राज्य के ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि सीडीएससीओ ने देशभर में बन रही तमाम दवाओं की जांच कराई थी। इनमें उत्तराखंड में बन रहीं तीन दवाओं के सैंपल मानक के अनुसार नहीं मिले। उन्होंने बताया, इन दवाओं को बनाने वाली कंपनियों-एग्रोन फार्मा, लाइफ मैक्स और कर्नानी फार्मा को नोटिस जारी किया गया है। इनका उक्त दवा संबंधी लाइसेंस भी निरस्त कर दिया गया है। साथ ही इन दवाओं के सबस्टैंडर्ड बैच, बाजार से वापस मंगाने को भी कहा है।
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बता दें, देश के दवा नियामक प्राधिकरण ने पैरासीटामॉल, पैन डी, कैल्सियम और विटामिन डी 3 सप्लीमेंट के अलावा डायबिटीज की गोलियों समेत 50 से ज्यादा उन दवाओं की लिस्ट तैयार की है जिन्हें इसकी रिपोर्ट में ‘मानक गुणवत्ता से रहित’ दवा के रूप में वर्गीकृत किया गया है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की ओर से अगस्त के लिए दवा संबंधी अलर्ट में जिन दवाओं की खेप को चिह्नित किया है उनमें अल्केम लेबोरेटरीज, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड, हेटेरो लैब्स लिमिटेड, कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड, नेस्टर फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड, प्रिया फार्मास्यूटिकल्स और स्कॉट-एडिल फार्माशिया लिमिटेड जैसी कंपनियां शामिल हैं। सीडीएससीओ की ओर से जारी अलर्ट में शेल्कल, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स के साथ विटामिन सी सॉफ्टजेल, विटामिन सी और डी3 टैबलेट और सिप्रोफ्लोक्सासिन टैबलेट जैसी दवाओं के नमूने शामिल हैं।
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उच्च रक्तचाप की दवाएं टेल्मिसर्टन और एट्रोपिन सल्फेट के अलावा एमोक्सिसिलिन और पोटेशियम क्लैवुलनेट टैबलेट जैसे एंटीबायोटिक्स को भी ‘मानक गुणवत्ता से रहित’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है। भारतीय फार्माकोपिया के अनुसार, कुछ दवाओं की खेप ‘विघटन परीक्षण’ में विफल रहीं और आईपी के अनुसार कुछ ‘जल’ परीक्षण में विफल रहीं, जबकि कुछ को नकली के रूप में चिह्नित किया गया। सीडीएससीओ के अनुसार, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, राजस्थान, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, ओडिशा, पंजाब, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, दिल्ली, उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने औषधि का लाइसेंस देने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों ने अगस्त 2024 के लिए मानक गुणवत्ता रहित (एनएसक्यू) अलर्ट के संबंध में कोई आंकड़ा नहीं दिया है।
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