Uttarakhand Politics: क्या सब ठीक है या चल रहा शह-मात का खेल, जानें क्या है मामला..
Uttarakhand Politics: उत्तराखंड में जैसे जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे वैसे राजनीतिक पार्टियों और नेताओं के बीच सरगर्मी बढ़ती जा रही है। पार्टियों के एक दूसरे पर आरोप तो नेता भी आरोपों की झड़ी लगाने में पीछे नहीं हैं। कांग्रेस पार्टी में तो गुटबाजी व आपसी झगड़े सभी के समक्ष है लेकिन सत्ताधारी पार्टी में भी यही देखा जा रहा है। इसको देखकर लगता है कि उत्तराखंड में बीजेपी में भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। विधानसभा चुनाव 2022 में प्रचंड बहुमत का दावा करने वाली सत्ताधिन बीजेपी में गुटबाजी और शह मात का खेल चल रहा है। देखा जा रहा है कि कांग्रेस छोड़ कर आए बागी नेताओं को लगता है कि पार्टी का एक धड़ा नहीं चाहता कि कांग्रेस से आए नेता बीजेपी में रहें, वह बीजेपी छोड़कर चले जाएं। जहां चुनाव को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष हर महीने उत्तराखंड का दौरा कर रहे हैं। वहीं यही स्थिति रही तो चुनाव से पहले बीजेपी के भीतर किसी बड़े राजनीतिक घटनाक्रम का होना किसी तरह के आश्चर्य की बात नहीं होगी। आए दिन प्रदेश में नेताओं की आपसी कलह देखी जा रही है तो कोई अपना दर्द बयां कर रहा है।
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देहरादून की रायपुर विधानसभा सीट की बात करें तो यहां से सीटिंग विधायक उमेश शर्मा काउ पहला चुनाव 2012 में कांग्रेस से जीते थे, इसके बाद वो भी 2017 के चुनाव से पहले कई नेताओं के साथ बीजेपी में शामिल हो गए थे। हाल ही में रायपुर में उमेश शर्मा काऊ और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच गहमा गहमी हुई थी। इस गहमागहमी का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। जिससे उमेश शर्मा काऊ की फजीहत हो गयी। अब इसे लेकर उमेश शर्मा के बचाव में हरक सिंह रावत और सुबोध उनियाल आए। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार हरक सिंह रावत ने विधायक के साथ हुई बदसलूकी के मामले को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम से बातचीत की। इनका मानना है कि 2016 में भाजपा में शामिल हुए सभी नेताओं का भाजपा में सम्मान नहीं हो रहा है माना जा रहा है इसको लेकर आने वाले समय में यह तमाम कांग्रेस से आए नेता बैठक भी कर सकते हैं।
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कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के साथ भी यही हो रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने अपने खास शमशेर सिंह सत्याल को कर्मकार कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष बनाकर विभागीय मंत्री हरक सिंह रावत को परेशान करने का काम किया गया था। हरक भी त्रिवेंद्र के बाद तीरथ रावत और अब पुष्कर सिंह धामी को भी सत्याल को हटाने के लिए कई बार कह चुके हैं लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। हरक मामले को लेकर बहुत नाराज हैं और उन्होंने आज कहा भी कि जब हमें बीजेपी में लाया गया था तो अमित शाह द्वारा सम्मान की सुरक्षा की पूरी गारंटी दी गयी थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। हरक ने कहा कि पार्टी के भीतर एक धड़ा ऐसा है जो यह चाहता है कि हम सब बीजेपी छोड़ कर चले जाएं और यह वो लोग चाहते हैं जिनकी अपनी कोई राजनीतिक हैसियत नहीं है। बीते दिन इन सभी मसलों को लेकर मंत्री हरक सिंह रावत, मंत्री सुबोध उनियाल और विधायक उमेश शर्मा काउ के बीच बैठक भी हुई। सुबोध उनियाल ने भी कहा कि राजनीति में लोग सम्मान के लिए आते है, इससे बड़ी कोई चीज नहीं है।
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