धार्मिक स्थलों की आड़ में वन भूमि पर अवैध कब्जे, सबसे ज्यादा कब्जे मंदिरों के नाम। पढ़ें रिपोर्ट..

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Illegal occupation of forest land under the guise of religious places. Hillvani News

Illegal occupation of forest land under the guise of religious places. Hillvani News

राज्य गठन के बाद बड़ी संख्या में धार्मिक स्थलों की आड़ में वन और सरकारी भूमि पर कब्जे किए गए हैं। मुख्यमंत्री धामी भी पहले ही धार्मिक स्थलों की आड़ में वन भूमि पर अवैध कब्जे हटाने के निर्देश दे चुके हैं। उन्होंने निर्देश में अधिकारियों को ऐसे स्थल चिन्हित करने को कहा था। जिसके बाद इस तरह के कब्जों की एक रिपोर्ट तैयार की गई तो.. उत्तराखंड में वन भूमि पर सबसे ज्यादा कब्जे मंदिरों के नाम पर किए गए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर वन विभाग ने वन क्षेत्रों में स्थापित धार्मिक संरचनाओं (मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा, मजार इत्यादि) को लेकर सर्वेक्षण की कार्रवाई शुरू की थी। इसकी पहली रिपोर्ट तैयार हो गई है। वन सीमा के भीतर कुल 167 धार्मिक अतिक्रमण चिह्नित किए गए हैं। इनमें सर्वाधिक संख्या 155 मंदिरों की है। 10 मजारें और दो गुरुद्वारे भी अतिक्रमण की श्रेणी में हैं। वहीं आपको बता दें कि अभी तक पूरे प्रदेश में करीब 10 हजार हेक्टेयर वन भूमि पर अतिक्रमण हो चुका है। अतिक्रमण में धार्मिक स्थल भी शामिल हैं।

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नैनीताल हाईकोर्ट ने वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने को लेकर सरकार को कई दफा फटकार लगा चुका है। बीते दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धार्मिक स्थलों की आड़ में वन भूमि पर हुए अतिक्रमण की बात स्वीकार की थी। इसके बाद उन्होंने वन विभाग को ऐसे अतिक्रमण चिह्नित करने के निर्देश दिए थे। इसी कड़ी में वन विभाग ने अपनी पहली रिपोर्ट तैयार कर ली है, जिसे शीघ्र ही शासन को सौंपा जा सकता है। बताते चलें कि वन भूमि पर कब्जों के मामले में उत्तराखंड पूरे देश में तीसरे नंबर पर है। प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ), वन विभाग विनोद कुमार सिंघल ने बताया कि शासन के निर्देश पर आरक्षित वन क्षेत्रों में स्थापित धार्मिक संरचनाओं के चिह्निकरण की कार्रवाई पूरी कर ली गई है। संरक्षित क्षेत्रों में चिह्नीकरण का काम जारी है। जो धार्मिक स्थल चिह्नित किए गए हैं, उनमें से कई सौ साल पुराने हैं। कई ऐसे हैं, जो वन संरक्षण अधिनियम, 1980 से भी पहले के हैं। वन क्षेत्रों में नए अतिक्रमण न हों, इसको लेकर विभाग संजीदा है।

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इन संरक्षित क्षेत्रों में जारी है सर्वेक्षण का काम
प्रदेश में वन्य जीवों के संरक्षण के लिए छह राष्ट्रीय उद्यान, सात वन्य जीव विहार, चार संरक्षण क्षेत्र, एक उच्च स्थलीय प्राणी उद्यान व एक जैव सुरक्षित क्षेत्र ऐसे हैं, जिनमें अभी धार्मिक संरचनाओं संबंधी सर्वेक्षण का काम जारी है।
वृत्त का नाम – मंदिर
गढ़वाल- 46
भागीरथी- 34
शिवालिक – 46
यमुना – 29
शिवालिक वृत्त में ही गुरुद्वारे और मजारें
शिवालिक वृत्त में दो गुरुद्वारा वन भूमि में चिह्नित किए गए हैं। वहीं, शिवालिक वृत्त में ही अकेले दस मजारे चिह्नित की गई हैं।

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