सावन के चौथे सोमवार को तुंगनाथ धाम में उमड़े सैकड़ों श्रद्धालु, स्वयंभू लिंग का किया जलाभिषेक..

0
Tungnath Dham. Hillvani News

Tungnath Dham. Hillvani News

सावन महीने के चौथे सोमवार को तृतीय केदार तुंगनाथ धाम में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भगवान शंकर के स्वयंभू लिंग पर जलाभिषेक कर विश्व समृद्धि की कामना की। सावन महीने के चौथे सोमवार को मूसलाधार बारिश के बाबजूद भी 9 सौ 79 तीर्थ यात्रियों के तुंगनाथ धाम में पूजा-अर्चना व जलाभिषेक कर मनौती मांगी। अभी तक तुंगनाथ धाम में 58 हजार से अधिक तीर्थ यात्री तुंगनाथ धाम पहुँच चुके हैं जो कि उत्तराखण्ड राज्य गठन के बाद सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। 26 अप्रैल को भगवान तुंगनाथ के कपाट खुलने के बाद तुंगनाथ धाम में रिकॉर्ड तोड़ यात्रियों के पहुंचने से मन्दिर समिति की आय में वृद्धि होने के साथ तुंगनाथ घाटी के तीर्थाटन-पर्यटन व्यवसाय में भी इजाफा हुआ है। तुंगनाथ धाम पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विश्व विख्यात है तथा तुंगनाथ धाम में भगवान शंकर के भुजाओं की पूजा की जाती है। तुंगनाथ धाम तुंगनाथ धाम रावण शिला व चन्द्र शिला के मध्य सुन्दर मखमली बुग्यालों के बीच बसा हुआ है। चोपता-तुंगनाथ 4 किमी पैदल मार्ग को प्रकृति ने अपने वैभवों का भरपूर दुलार दिया है इसलिए तुंगनाथ घाटी में वर्ष भर सैलानियों का आवागमन जारी रहता है।

यह भी पढ़ेंः प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के आवेदन शुरू, हर जिले से भेजे जाएंगे 3 नाम। इस डेट से पहले दें आवेदन..

जानकारी देते हुए तुंगनाथ धाम के प्रबन्धक बलवीर नेगी ने बताया कि अभी तक तुंगनाथ धाम में 26 हजार 897 पुरुष, 17 हजार 953 महिलायें, 12 हजार 525 नौनिहाल व 947 साधु-सन्यासी तुंगनाथ धाम में पूजा-अर्चना व जलाभिषेक कर विश्व समृद्धि की कामना कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि अप्रैल, मई व जून में प्रति दिन सैकड़ों श्रद्धालुओं ने तुंगनाथ धाम पहुंचकर पूजा-अर्चना की मगर जुलाई माह से तुंगनाथ धाम पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट आई है तथा सावन मास में हर सोमवार को स्थानीय श्रद्धालु तुंगनाथ धाम पहुंच रहे हैं। बताया कि सितम्बर माह से पुनः तुंगनाथ धाम पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा हो सकता है। वेदपाठी गीता राम मैठाणी ने बताया कि तुंगनाथ धाम की महिमा का वर्णन स्कन्द पुराण के केदारखण्ड में विस्तृत से किया गया है। उन्होंने बताया कि जो मनुष्य काम, क्रोध, लोभ, मोह, अंहकार का त्याग कर अपने श्रद्धा सुमन भगवान तुंगनाथ के चरणों में समर्पित करता है उसके सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं।

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंडः 12वीं पास युवाओं के लिए सुनहरा मौका, उच्च शिक्षा विभाग में निकली भर्ती। पढ़ें पूरी डिटेल..

Rate this post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिलवाणी में आपका स्वागत है |

X