हरीश रावत ने मोदी सरकार के बजट को बताया दुर्भाग्य, बोले- असफल सिद्ध हुआ बजट…

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उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत की केंद्र सरकार के बजट पर प्रतिक्रिया दी है। हरदा ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार का यह आखरी बजट, उस खाली लिफाफे की तरीके से है जिसको ऐसी घोषणाओं के बल पर फुलाया गया है, जिनको इस वित्तीय वर्ष में धरती पर आना ही नहीं है। दुर्भाग्य की बात है कि किसानों की आमदनी दुगनी करने की बात तो छोड़ दीजिए, किसानों की आमदनी में कितनी वृद्धि हुई यह बताने में भी यह बजट असफल सिद्ध हुआ है।

निम्न-मध्यम वर्ग और सैलरीज क्लास को इनकम टैक्स में एक ऐसी राहत दी गई है जिस राहत के बलबूते पर वह निरंतर बढ़ती हुई महंगाई का सामना नहीं कर पाएगा, एक नाम मात्र की छूट की सीमा बढ़ाकर उसका ढिंढोरा पीटा जा रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज कल्याण से जुड़ी हुई योजनाएं जो दलितों, पिछड़ों, कमजोर हों के लिए हैं उनके बजट में कमी की गई है। मनरेगा के बजट में भी कटौती की गई है। बढ़ती हुई बेरोजगारी को साधने के कोई उपाय बजट में दृष्टिगत नहीं होते हैं। महंगाई इस बजट के बाद और बढ़ेगी।

हां, अपने चहेते अभिजात्य वर्ग को अवश्य डायरेक्ट टैक्सेस के जरिए कुछ राहत पहुंचाने की चेष्टा की गई है। इस बजट से किसानों, नौजवानों, दलितों, पिछड़ों, कमजोरों में निराशा बढ़ेगी। आर्थिक असमानता, गरीब-अमीर की बीच की खाई और बढ़ेगी। उत्तराखंड के लिए भी यह बजट पूर्णतः निराशाजनक है। उत्तराखंड आशा लगाए बैठा था, कम से कम अपने अंतिम बजट में मोदी जी उत्तराखंड जैसे हिमालई राज्यों को ग्रीन बोनस देने की घोषणा करेंगे।

ग्रीन बोनस देना तो एक तरफ आपदा से कैसे निपटें उत्तराखंड जैसे राज्य उसके लिए मदद देने के मामले में बजट पूर्णतः चुप्पी है। जिस राज्य के सम्मुख जोशीमठ जैसी एक बड़ी समस्या आकर के खड़ी हुई है, उस जैसे राज्य की कैसे मदद की जाएगी इस पर एक शब्द भी नहीं कहा गया है।

 

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