उत्तराखंडः गुरुजी की पढ़ाई की डिग्री ही निकली फर्जी, हो गए निलंबित। बीईओ को जांच के आदेश…
रुद्रप्रयागः प्रदेश में फर्जी शिक्षकों पर शिक्षा विभाग व एसआईटी की टीम लगातार शिकंजा कस कर रही है। राज्य में अभी तक कई फर्जी शिक्षक मिले हैं, जिनके दस्तावेज एसआईटी जांच में अमान्य पाए गए हैं। ऐसा ही एक ताजा मामला जनपद रुद्रप्रयाग से प्रकाश में आया है। रुद्रप्रयाग जनपद में तैनात एलटी शिक्षक की बीएड की डिग्री फर्जी पाई जाने के मामले निलंबित कर दिया गया है। इस संबंध में अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा गढ़वाल मंडल महावीर सिंह बिष्ट ने एलटी शिक्षक को सेवा से निलंबित कर दिया है। अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा गढ़वाल मंडल के द्वारा रुद्रप्रयाग जिले में तैनात शिक्षक गुलाब सिंह को फर्जी बीएड डिग्री मामले में सस्पेंड कर दिया गया।
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विभागीय जांच कर 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश
एसआईटी जांच में शिक्षक की डिग्री फर्जी पाई गई। जिसके बाद निलंबित एलटी शिक्षक को बीईओ अगस्तमुनि दफ्तर से अटैच कर दिया गया है। साथ ही शिक्षक स्कूल में अपनी सेवा नहीं दे पाएगा और रोज बीईओ दफ्तर में हाजरी देनी होगी। अपर निदेशक ने बीईओ अगस्तमुनि शिवलाल आर्य को पूरे मामले की विभागीय जांच कर 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही शिक्षक के विरुद्ध थाना अगस्तमुनि में फर्जीवाड़ा मामले में एफआईआर भी दर्ज की गई है। यदि विभागीय जांच में शिक्षक पर आरोप सही पाए जाते हैं तो सेवा समाप्त की कार्रवाई की जाएगी।
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ये है कारण
रुद्रप्रयाग जिले के राजकीय इंटर कॉलेज पठालीधार में तैनात हिंदी के सहायक अध्यापक गुलाब सिंह ने वर्ष 2004 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से बीएड किया था। शिक्षक के खिलाफ विभाग में शिकायत भी की गई। जिसके बाद शिकायत पर एसआईटी ने 23 सितंबर 2020 में शिक्षा की बीएड डिग्री जांच के लिए संबंधित विश्वविद्यालय को प्रेषित किया था। विश्वविद्यालय के सचिव ने अपनी जांच रिपोर्ट में संबंधित शिक्षक का अनुक्रमांक और एनरोलमेंट नंबर अपने कॉलेज से जारी नहीं होने की बात कही। एडी बिष्ट ने बताया कि एसआईटी जांच में प्रथमदृष्टा बीएड की अंक तालिका और प्रमाण पत्रों पर संदेह होने के साथ ही इनके फर्जी होने के चलते शिक्षक को निलंबित किया गया है। बताया कि शिक्षक ने इसी डिग्री से नियुक्ति पाई है।
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