इतिहास में पहली बार विश्वव प्रसिद्ध जागेश्वर धाम के कपाट होंगे बन्द, पहली बार बदला आरती का समय..

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doors of Jageshwar Dham temple will be closed during Sutak kal

Doors of Jageshwar Dham temple will be closed during Sutak kal : अल्मोड़ा स्थित विश्व प्रसिद्ध जागेश्वर धाम लाखो भक्तो की आस्था का केंद्र हैं। यहाँ भक्त देश विदेश से दर्शन करने के लिए पहुचते हैं। इतिहास में पहली बार सूतक काल में मंदिर के कपाट बंद होंगे। अब तक ग्रहण और सूतक काल नहीं माना जाता था। 29 अक्तूबर की मध्यरात्रि में 1:04 बजे से चंद्र ग्रहण शुरू हो रहा है। इसको देखते हुए जागेश्वर धाम में शनिवार शाम 5:20 बजे कपाट बंद होंगे, जो इतिहास में पहली बार होगा। रामदत्त जोशी के पंचांग और निर्णय सिंधु के अनुसार पुजारी मंदिर में सायंकालीन आरती करेंगे।

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सायं 5:20 बजे होंगे कपाट बंद | doors of Jageshwar Dham temple will be closed during Sutak kal

पुजारी हेमंत भट्ट, शुभम भट्ट, लक्ष्मी दत्त भट्ट, ज्योतिष पंडित खीमानंद भट्ट, पंडित भैरव दत्त भट्ट ने बताया कि कुमाऊं के पंचांग के अनुसार गोधुली का समय देव पूजन के लिए उत्तम बताया गया है। उन्होंने बताया कि ग्रहण से तीन प्रहर पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। दिन में चार प्रहर होते हैं। दिन और रात का समय 12-12 घंटे तय किया गया है। लेकिन जाड़ों में दिन 12 घंटे का नहीं होता है। इसलिए शनिवार सायं 5:20 बजे से पहले सायंकालीन आरती पूरी कर कपाट बंद करने का निर्णय लिया गया है।

ग्रहण के दौरान पूरी तरीके से रहेंगे कपाट बंद | doors of Jageshwar Dham temple will be closed during Sutak kal

जागेश्वर ज्योतिर्लिंग के पुजारी हेमंत भट्ट, महामृत्युंजय मंदिर के पुजारी शुभम भट्ट और लक्ष्मी भट्ट ने बताया कि पूर्वजों के समय से ही पूर्व में इस धाम में नित्य पूजा तय समय पर ही हुआ करती थी। समस्त पुजारियों ने करीब दो साल पहले ही निर्णय लिया था कि ग्रहण के दौरान कपाट पूरी तरह बंद किए जाएंगे। इसलिए इस बार पहली दफा सूतक काल के दौरान सायंकालीन आरती का समय बदला है। भविष्य में भी ग्रहण से तीन प्रहर पूर्व पहले ही मंदिरों के कपाट बंद किए जाएंगे।

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