भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए पहुंची राकेश्वरी मन्दिर रासी..

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Doli of Lord Madmaheshwar reached Rasi for second night stay. Hillvani News

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पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मन्दिर रासी पहुंच गयी है। रविवार को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए गिरीया गांव पहुंचेगी तथा 21 नवम्बर को शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में विराजमान होगी तथा 22 नवम्बर से भगवान मदमहेश्वर की शीतकालीन पूजा विधिवत शुरू होगी। रविवार को ब्रह्म बेला पर मदमहेश्वर धाम के प्रधान पुजारी शिव शंकर लिंग ने गौण्डार गांव में पंचाग पूजन के तहत भगवान मदमहेश्वर सहित सभी देवी-देवताओं का आवाहन कर आरती उतारी तथा निर्धारित समय पर भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौण्डार गांव से राकेश्वरी मन्दिर रासी के लिए रवाना हुई। भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के राकेश्वरी मन्दिर रासी आगमन पर ग्रामीणों ने पुष्प अक्षत्रों से भव्य स्वागत किया तथा लाल-पीले वस्त्र अर्पित कर तथा विभिन्न पूजा सामग्रियों से अर्घ्य अर्पित कर क्षेत्र के समृद्धि की कामना की। केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत ने भी देर सांय रासी गांव पहुंचकर भगवान मदमहेश्वर व भगवती राकेश्वरी की सायंकालीन आरती में शामिल होकर क्षेत्र के खुशहाली व विश्व समृद्धि की कामना की।

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वहीं दूसरी ओर भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश से ऊखीमठ आगमन पर मन्दिर समिति द्वारा ओकारेश्वर मन्दिर को भव्य रूप से सजाने की तैयारियां शुरू कर दी है जबकि भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के ऊखीमठ आगमन पर जी आई सी के खेल मैदान में कल से शुरू होने वाले त्रिदिवसीय मदमहेश्वर मेले की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है। जानकारी देते हुए मेला सचिव प्रकाश रावत ने बताया कि क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ त्रिदिवसीय मदमहेश्वर मेले का आगाज होगा। इस मौके पर प्रधान बीर सिंह पंवार, कुन्ती नेगी, पूर्व प्रधान भगत सिंह पंवार, भण्डारी मदन सिंह पंवार, डोली प्रभारी मनीष तिवारी, सूरज नेगी, प्रकाश शुक्ला, दिनेश पंवार, बृजमोहन, शिव सिंह रावत, जगत सिंह पंवार, रवीन्द्र भटट्, हरेन्द्र खोयाल देवानन्द गैरोला सहित गौण्डार, रासी व उनियाणा के हक-हकूकधारी, जनप्रतिनिधि, मन्दिर समिति के अधिकारी, कर्मचारी व ग्रामीण मौजूद थे।

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