जौलीग्रांट में 17 लाख की लागत से डायवर्सिटी गैलरी और इंटरप्रिटेशन सेंटर बनकर तैयार…

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Diversity gallery and interpretation center in jollygrant

Diversity gallery and interpretation center in jollygrant : वन अनुसंधान रेंज जौलीग्रांट में करीब 17 लाख की लागत से बॉयो डायवर्सिटी गैलरी (जैव विविधता) और इंटरप्रिटेशन सेंटर बनकर तैयार हो चुका है। रविवार को मुख्य वन संरक्षक अनुसंधान संजीव चतुर्वेदी के निरीक्षण के बाद गैलरी और सेंटर को आम लोगों के लिए खोला जा सकता है। जौलीग्रांट में इसी वर्ष 2.93 हेक्टेयर वन भूमि में वन अनुसंधान केंद्र जौलीग्रांट स्थापित किया गया है। जिसका कार्य अंतिम चरण में है। इसी अनुसंधान केंद्र में बॉयो डायवर्सिटी गैलरी और इंटरप्रिटेशन सेंटर बनकर तैयार हो गए हैं। जिसका उद्देश्य जैव विविधता के बारे में आम लोगों, विद्यार्थियों, रिसर्चर को जागरूक कर दुर्लभ और अतिदुर्लभ प्रजाति के वन्य जीवों, पक्षियों, वनस्पतियों और जड़ी-बूटियों को संरक्षित करना है।

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बॉयो डायवर्सिटी गैलरी में मिलेगा जंगल जैसा फील | Diversity gallery and interpretation center in jollygrant

बॉयो डायवर्सिटी गैलरी में लगाई गई 110 थ्रीडी फोटो के साथ वन्य जीवों और पक्षियों आदि की आवाजें सुनाई देंगी। जिन्हें देखकर लोगों को जंगल में होने का एहसास मिलेगा। गैलरी में पेशेवर वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफरों द्वारा ली गई ओरिजनल फोटो हैं। जिसमें वन्य जीवों, पक्षियों, वनस्पतियों आदि के बारे में भी पूरी जानकारी दी गई है।
जबकि इंटरप्रिटेशन सेंटर में जंगली मशरूम, उत्तराखंड में पाए जाने वाली मिट्टी के प्रकार और जंगलों की मानव जीवन में उपयोगिता को आधुनिक तरीके से दर्शाया गया है। दोनों को ही वातानुकूलित बनाया गया है।

दुर्लभ वन्य प्राणियों को थ्रीडी के माध्यम से दिखाया जाएगा | Diversity gallery and interpretation center in jollygrant

बायो डायवर्सिटी गैलरी में उत्तराखंड में पाए जाने वाले दुर्लभ व अतिदुर्लभ वन्य जीवों, पक्षियों और वनस्पतियों को थ्रीडी के माध्यम से दिखाया गया है। जिसमें रिक्का, बरहाली, सुप्याली सांप, फ्लोंली, रोंगछू, किलमोडा, लांगली, च्यूर, ब्रदीतुलसी, बुढ्ढा लिंगडा, अतीस, घिंगारू, पदम, कालमेघ, द्रोपदीमाला, जम्बू, कीडा जड़ी, पाषानभेद, सालमपंजा, टंगसेन, न्यौंली, चमखड़िक, भोटिया बादाम, क्षीर काकोली, बियौंणा समेत कुल 110 वन्य जीव, पक्षी आदि शामिल हैं।

उत्तराखंड में पाए जाने वाली जड़ी बूटी भी इंटरप्रिटेशन सेंटर में दिखेगी | Diversity gallery and interpretation center in jollygrant

इंटरप्रिटेशन सेंटर में जंगली मशरूम, कीड़ाजड़ी, गुच्ची, उत्तराखंड के पहाड़ों की विभिन्न प्रकार की पहाड़ी मिट्टी और पहाड़ की जमीन से लेकर अंदर तक की मिट्टी को कांच के टावर में रखा गया है। जिसमें उस मिट्टी के बारे में पूरी जानकारी भी दी गई है। वहीं जंगल के एक मॉडल से दर्शाया गया है कि जंगलों के बिना इंसान को भोजन, पानी और हवा नहीं मिल सकते हैं।

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