उत्तराखंडः फ्री राशन पर गहराया संकट! कार्डधारकों को इस बात का इंतजार..

0
free ration. Hillvani News

free ration. Hillvani News

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के सफेद वाले राशन कार्ड नहीं बनने के कारण कई उपभोक्ता परेशान हैं। दरअसल, जब से योजना के तहत मुफ्त राशन मिलने लगा, इसके आवेदनों की संख्या बढ़ गई हैं। ऐसे में कोटा फुल होने के कारण विभाग नए राशन कार्ड नहीं बना पा रहा है। केंद्र सरकार ने एक जनवरी 2023 से एनएफएसए के तहत गरीबों को मिलने वाले राशन को मुफ्त कर दिया था। यह व्यवस्था दिसंबर 2023 तक के लिए की गई है। उत्तराखंड में इसके तहत कार्डधारकों को 1.900 किलो गेहूं और 3.100 किलो चावल प्रति यूनिट मुफ्त दिया जा रहा है।

यह भी पढ़ेंः देहरादून में पावर कट से छूटेगा पसीना, 10 दिन 9 घंटे ठप रहेगी बिजली। पढ़ें इन इलाकों में रहेगा शटडाउन..

जनवरी 2023 से पहले परिवारों को दो रुपये प्रति किलो गेहूं और तीन रुपये प्रति किलो चावल की दर से भुगतान करना होता था। जबकि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में कोविड अवधि में गरीबों को खाद्यान्न मुफ्त दिया जा रहा था। अब एक जनवरी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत सफेद राशन कार्ड धारकों को राशन निशुल्क दिया जाने लगा। इसके बाद जिला पूर्ति कार्यालय में आवेदनों की संख्या बढ़ी है। स्थिति यह रही कि जिलों में इस योजना के तहत तय कोटा मार्च में ही फुल हो गया और सफेद राशन कार्ड बनने बंद हो गए।

यह भी पढ़ेंः World Environment Day- Let’s plant trees together, save our environment..

विभाग के अनुसार वर्तमान में एनएफएसए के तहत देहरादून जिले में 1.20 लाख कार्डधारक हैं। योजना के तहत कार्डों की लिमिट भी इतनी ही है। ऐसे में अकेले देहरादून जिले में 15 हजार यूनिट के लिए आवेदन लंबित हैं। विभाग ने कोटा बढ़ाने के लिए पत्र भेजा गया है। देहरादून प्रभारी जिला पूर्ति अधिकारी विवेक शाह ने बताया कि लोगों की समस्या को देखते हुए विभाग की ओर से एनएफएसए के तहत बनने वाले कार्डों का कोटा बढ़ाने के लिए सरकार को पत्र भेजा गया है। विभाग लोगों के आवेदन जमा कर रहा है। पात्रता के आधार पर भविष्य में उन्हें कार्ड दिए जाएंगे।

यह भी पढ़ेंः एशियन कपः भारतीय फुटबाल टीम की ओर से खेलेंगे दून के शाश्वत, 16 जून से थाइलैंड में शुरू होंगे मैच..

Rate this post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

हिलवाणी में आपका स्वागत है |

X