उत्तराखंडः पंचायत चुनाव में बंटी मौत! कैसे खुलेगा चुनावी शराब का राज? सैंपल पर बढ़ी मुश्किलें..

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Death divided in Panchayat elections. Hillvani News

Death divided in Panchayat elections. Hillvani News

हरिद्वार के फूलगढ़ में शनिवार सुबह सूरज निकलने से पहले ही मातम मच चुका था। कई घरों से चीख-चीखकर रोने की आवाजें आ रही थीं। जिन्हें सुनकर इलाके के लोग सिहर उठे। मृतकों के घर पहुंच कर जब उन्होंने मंजर देखा तो सन्न रह गए। शुक्रवार की रात से शनिवार की सुबह तक पांच लोग दम तोड़ चुके हैं, इससे पहले शुक्रवार दिन में दो लोगों की मौत हुई थी। ये सभी मौतें कच्ची शराब पीने से हुई हैं। सूचना मिलने पर पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। अधिकारी यह पता लगाने में जुटे हैं कि मरने वालों ने कहां से शराब खरीदी और इस शराब के कारोबार में कौन-कौन से लोग जुटे हुए हैं। हालांकि यह पहली घटना नहीं है जिसमें कच्ची शराब पीने से लोगों की मौत हुई हो। इससे पहले साल 2019 में रुड़की में 41 लोगों की मौत हो गई थी।

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कैसे खुलेगा चुनावी शराब की मौत का राज?
कच्ची शराब जहरीली थी या नहीं, इस बड़े सवाल का हल भला कैसे निकलेगा? क्योंकि गांव से शराब तो बरामद हुई नहीं है। मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से एकमात्र उम्मीद जगी है, अब उसी पर ही पुलिस महकमे की निगाहें गढ़ी हुई है। फूलगढ़ में शराब ने कई जिंदगियां लील लीं। कई घर उजड़ गए यह बात साफ है। पर बड़ा सवाल यह है कि आखिर कच्ची शराब कैसे बनाई गई थी। आखिर उसमें किस पदार्थ का इस्तेमाल किया गया था कि उसके सेवन की कीमत आमजन को जान देकर गंवानी पड़ी। गांव में पहुंचे जिला प्रशासन, पुलिस महकमे से लेकर आबकारी विभाग के अफसर भी इस सवाल का जवाब खोजने के लिए माथापच्ची करते रहे। पर भला इस सवाल का जवाब उन्हें कैसे मिलता क्योंकि ग्रामीणों ने जो शराब पी थी, उसका कोई सैंपल तक नहीं मिल सका है। शराब के सैंपल को हासिल करने के लिए अफसर जोर लगाते रहे लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली। सिस्टम का मानना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ही अब केवल मौत की वजह पता चल सकती है, ऐसे में ही दूध का दूध पानी का पानी होगा कि शराब में आखिर क्या मिला हुआ था, जिसके सेवन से जान चली गई।

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पंचायत चुनावी शराब से सात की मौत
पथरी क्षेत्र के गांव शिवगढ़ और फूलगढ़ में चुनाव में बांटी गई कच्ची शराब के कारण सात लोगों की मौत हो गई। चार शवों को पुलिस ने कब्जे में लिया है। एक शव का सुबह ही अंतिम संस्कार कर दिया गया, जबकि दो की मौत बीते शुक्रवार को हुई थी। माना जा रहा है कि प्रत्याशियों की ओर से बांटी गई कच्ची शराब पीने के कारण ग्रामीणों की मौत हुई है। घटना का पता आज शनिवार सुबह चला, जब फूलगढ़ गांव में एक के बाद एक चार मौत हो गई। दो लोगों की तबीयत बीती रात बिगड़ी थी। उन्होंने परिजनों को बताया था कि कच्ची शराब पीने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ी है। शनिवार सुबह सूचना मिलते ही डीआईजी/एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत, एसपी देहात प्रमेंद्र डोबाल, एसडीएम पूरण सिंह राणा समेत आलाधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने चार शवों को कब्जे में लिया। उधर पुलिस ने प्रधान पद के दो प्रत्याशियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।

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कच्ची शराब पीने से इनकी हुई मौत
बिरमपाल (60) पुत्र बलजीत सिंह, अरुण (40) पुत्र चंद्रभान, राजू उर्फ राजबीन (45) पुत्र सेवाराम, अमरपाल (36) पुत्र गोपाल, निवासीगण फूलगढ़ पथरी हरिद्वार की शनिवार को मौत हुई है। मनोज (32) पुत्र धर्मवीर की संदिग्ध हालात में मौत हुई है। मनोज के साथ कुछ युवकों ने मारपीट भी की थी। जिस संबंध में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। बीते शुक्रवार को तेजपाल (55) पुत्र रामसिंह फुलगढ़ और ईशम (32) पुत्र राजिंदर शिवगढ़ की मौत हुई थी। फूलगढ़ के पूर्व प्रधान मोहन सिंह ने बताया कि दोनों ने शराब पी थी। सभी की मौत कच्ची शराब पीने के बाद खून की उल्टियां होने से हुई है। बताया जा रहा है कि पंचायत चुनाव में शराब बांटी जा रही है। पुलिस प्रशासन की टीम गांव पहुंच गई है। छानबीन की जा रही है। गांव में मातम छाया है।

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शराब कांड में एसओ निलंबित, एसआईटी करेगी जांच
फूलगढ़ शराब कांड को लेकर डीजीपी अशोक कुमार के निर्देश के बाद डीआईजी-एसएसपी डॉ योगेंद्र सिंह रावत ने एसओ पथरी रविंद्र सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। वहीं इस मामले की जांच को लेकर एसआईटी गठित करने की कवायद शुरू कर दी गई है। उधर हरिद्वार शराब कांड मामले में आबकारी आयुक्त की बड़ी कार्रवाई करते हुए आबकारी निरीक्षक समेत 9 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। इस संबंध में आबकारी आयुक्त हरि चंद्र सेमवाल ने आदेश जारी किया है। शनिवार को फूलगढ़ शराब कांड की गूंज देहरादून तक हुई। डीजीपी अशोक कुमार ने मीडिया के समक्ष जहां पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। वहीं प्रथम दृष्टया लापरवाही सामने आने के बाद एसओ पथरी रविंद्र सिंह को निलंबित करने के निर्देश दिए। डीजीपी ने मामले की जांच एसआईटी से भी कराए जाने की बात कही है।

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