उत्तरकाशी : सिलक्यारा सुरंग के निर्माण को दोबारा शुरू करने की तैयारी, NHIDCL के विशेषज्ञ करेंगे निगरानी..

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Construction of Silkyara Tunnel will restart

Construction of Silkyara Tunnel will restart : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित सिलक्यारा सुरंग के निर्माण को दोबारा शुरू करने की तैयारी तेज हो गई है। इस कड़ी में बड़कोट सिरे से निर्माण शुरू करने के साथ ही सिलक्यारा की ओर से भी पानी हटाने का काम शुरू हो गया है। जिसके बाद मलबे को सुरक्षित तरीके से हटाया जाएगा। बता दे 41 मजदूरों के फंसने के बाद से सुरंग बंद पड़ी।
सिलक्यारा सुरंग साढ़े चार किलोमीटर लंबी है। सुरंग में बीच का करीब 480 मीटर हिस्सा बचा है। इसका निर्माण होने के बाद सुरंग तैयार हो जाएगी। बताया जा रहा है कि NHIDCL ने इस सुरंग का निर्माण इसी साल पूरा करने का लक्ष्य रखा है।

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सुरक्षित तरीके से हटाया जाएगा मलबा | Construction of Silkyara Tunnel will restart

नेशनल हाईवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेश (NHIDCL) के निदेशक अंशु मनीष खल्खो ने बताया कि जांच समिति की प्राथमिक रिपोर्ट के तहत मंत्रालय से सिलक्यारा सुरंग निर्माण में अतिरिक्त सुरक्षा बरतने संबंधी निर्देश मिल चुके हैं। उन्होंने बताया कि सुरंग के बड़कोट सिरे से निर्माण कार्य पहले ही शुरू कराया जा चुका है।
अब सिलक्यारा की ओर से भीतर पानी जमा होने की सूचना मिली है। उन्होंने बताया कि सुरंग के भीतर रिसाव की सामान्य प्रक्रिया है लेकिन करीब दो माह से काम बंद होने से भीतर पानी जमा हो गया है। इस पानी को निकालने का काम शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि पानी निकालने के बाद सुरक्षित तरीके से मलबा हटाया जाएगा और सुरंग निर्माण का काम इधर से भी शुरू होग

सुरंग के भीतर फंसे थे 41 मजदूर | Construction of Silkyara Tunnel will restart

बताया कि इस बार सुरंग के भीतर की भूगर्भीय संरचना की भी निगरानी की जा रही है। NHIDCL के विशेषज्ञ सुरंग निर्माण के दौरान निगरानी करेंगे। किसी सूरत में लापरवाही नहीं होने दी जाएगी। गौरतलब है कि 12 नवंबर को सिलक्यारा सुरंग में मलबा गिरने से 41 मजदूर भीतर फंस गए थे। इन सभी को 17 दिन लंबे रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया था। इसके बाद मंत्रालय ने जांच बैठा दी थी। जांच समिति ने दस दिन के भीतर मंत्रालय को प्राथमिक जांच रिपोर्ट सौंप दी थी। अब विस्तृत जांच रिपोर्ट आनी बाकी है।

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