Chandra Grahan 2023: 5 मई को लगेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण, इस राशि के जातक रहें सतर्क…
चंद्र ग्रहण बेहद आकर्षक खगोलीय घटना होती है और लोग इन ग्रहण को देखने के लिए बेसब्री से इंतजार करते हैं। साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई शुक्रवार को लगने जा रहा है। इस साल चंद्र ग्रहण पर 12 साल बाद मेष राशि में सूर्य, बुध, गुरु और राहु का चतुर्ग्रही योग बन रहा है। ये उपछाया चंद्र ग्रहण तुला राशि और स्वाती नक्षत्र में लग रहा है। बता दें कि वैशाख पूर्णिमा और बुद्ध पूर्णिमा के दिन लग रहा ये चंद्र ग्रहण उपछाया ग्रहण होगा। इससे पहले 20 अप्रैल को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगा था। आने वाले अक्टूबर-नवंबर महीने में भी 2 ग्रहण लगेंगे। इनमें से एक सूर्य ग्रहण और एक चंद्र ग्रहण होगा। 5 मई को लगने जा रहे चंद्र ग्रहण को लेकर लोगों के मन में खासी जिज्ञासा है। आइए जानते हैं यह चंद्र ग्रहण कब लगेगा और कैसा असर डालेगा….
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ऐसे लगता है चंद्र ग्रहण
अंतरिक्ष में जब 3 खगोलीय पिंड सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक रेखा में आ जाते हैं तो ग्रहण लगता है। जब कोई ग्रह या चंद्रमा किसी अन्य खगोलीय पिंड की छाया से गुजरता है तो ग्रहण होता है। जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है तो सूर्य ग्रहण लगता है। वहीं जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया से होकर गुजरता है तो उस पर अंधेरा हो जाता है। इस घटना को चंद्र ग्रहण कहते हैं। चंद्र ग्रहण 3 तरह के होते हैं- पूर्ण चंद्र ग्रहण, आंशिक चंद्र ग्रहण और उपछाया चंद्र ग्रहण। 5 मई को लग रहा चंद्र ग्रहण उपछाया ग्रहण है। उपछाया ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया के पतले और बाहरी क्षेत्र से होकर गुजरता है।
चंद्र ग्रहण 2023 का समय
5 मई को साल का पहला चंद्र ग्रहण होगा जो कि भारतीय समयानुसार रात 8:44 बजे शुरू होगा और रात 1:28 बजे समाप्त होगा। चंद्र ग्रहण रात 10:52 बजे अपने चरम पर होगा। साल का पहला चंद्र ग्रहण 4 घंटे से कुछ ज्यादा देर चलेगा। लेकिन यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह चंद्र ग्रहण यूरोप, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, एशिया और प्रशांत, अटलांटिक और हिंद महासागर के कुछ क्षेत्रों में ही दिखाई देगा।
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चंद्र ग्रहण का असर और सूतक काल
यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। लिहाजा इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। वरना ग्रहण का सूतक काल ग्रहण लगने से कुछ घंटे पहले ही शुरू हो जाता है और इस दौरान पूजा-पाठ, शुभ कार्य आदि रोक दिए जाते हैं। मंदिरों के पट बंद कर दिए जाते हैं। कुछ भी खाने-पीने की मनाही रहती है। पके हुए भोजन, पानी, दूध, फल-सब्जी आदि में तुलसी के पत्ते डाल दिए जाते हैं, ताकि ग्रहण का नकारात्मक असर भोजन पर ना पड़े। ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करके ही भोजन किया जाता है। वहीं गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान बाहर निकलने से मना किया जाता है, ताकि ग्रहण के दौरान निकल रही हानिकारक तरंगे गर्भवती महिला और उसके बच्चे की सेहत पर बुरा असर ना डालें।
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इन राशियों के लिए शुभ नहीं है साल का पहला चंद्र ग्रहण
ज्योतिष के जानकारों का मानना है कि इस चंद्र ग्रहण का प्रभाव राशियों के जीवन पर अवश्य पड़ेगा। कुछ राशियां ऐसी भी हैं जिनपर चंद्र ग्रहण का अशुभ प्रभाव होगा। आइए जानते हैं कौन सी वो राशियां हैं जिन्हें सावधान रहने की जरूरत है…
मेष राशिः ज्योतिष के जानकारों के अनुसार मेष राशि के जातकों के लिए साल का पहला चंद्र ग्रहण अशुभ रहने वाला है। ऐसे में मेष राशि के जातकों को थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है। चंद्र ग्रहण वाले दिन कोई भी फैसला जल्दबाजी में न लें। इससे भविष्य में नुकसान हो सकता है।
वृषभ राशिः वृषभ राशि वालों के लिए भी चंद्र ग्रहण शुभ नहीं रहने वाला है। इस दिन किसी अनजान व्यक्ति से विवाद हो सकता है। साथ ही परिवार के सदस्यों के बीच मनमुटाव भी हो सकता है।
कर्क राशिः कर्क राशि के लोगों के लिए भी साल का पहला चंद्र ग्रहण शुभ नहीं माना जा रहा है। सेहत को लेकर सावधान रहने की जरूरत है। नौकरी कर रहे लोगों को थोड़ा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
सिंह राशिः सिंह राशि के लोगों के लिए भी साल का पहला चंद्र ग्रहण सही नहीं है। इस दिन कोई अप्रिय सूचना मिल सकती है। जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें। इसके लिए सोच समझकर फैसले लें।
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चंद्र ग्रहण देखना चाहिए या नहीं ?
ग्रहण दो प्रकार के होते हैं। एक सूर्य ग्रहण और दूसरा चंद्र ग्रहण। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सूर्य ग्रहण की घटना को खुली आंखों से नहीं देखना चाहिए, क्योंकि ये आपकी आंखों के लिए सही नहीं होता है। हालांकि चंद्र ग्रहण को देखा जा सकता है। लेकिन धार्मिक मान्यताओं की बात करें तो ग्रहण काल को शुभ नहीं माना जाता है। इस दौरान घर से बाहर निकलना और ग्रहण को देखना अच्छा नहीं माना जाता है, क्योंकि इस दौरान प्रकृति में विचित्र सी शक्ति उत्पन्न होती है, जो कि सभी प्राणियों पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।