बागेश्वर उपचुनाव में बीजेपी या कांग्रेस? कांग्रेस जल्द घोषित करेगी प्रत्याशी, जानिए किसको मिलेगा फायदा..
बागेश्वर उपचुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने जीत की तैयारियों में जुटे हुए हैं। दोनों ही पार्टियों का दावा है कि उनके प्रत्याशी की जीत होगी। भाजपा जहां एक ओर सहानुभूति कार्ड खेल सकती है तो कांग्रेस किसी हारे हुए नेता को प्रत्याशी बना सकती है। भाजपा सहानुभूति कार्ड खेलते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास के निधन के बाद खाली हुई इस सीट पर उनके किसी परिजन को ही टिकट देने पर विचार किया जा रहा है। विदित है कि भाजपा बागेश्वर उपचुनावों की तैयारी काफी पहले ही शुरू कर दी गई है। इसके तहत कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा और प्रदेश महामंत्री राजेंद्र बिष्ट को चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है। वहीं कांग्रेस बागेश्वर विधानसभा उपचुनाव में पूरी ताकत से चुनावी रणनीति और मुद्दों की सूची को धार दे रही है कि सत्तारूढ़ दल भाजपा को कड़ी टक्कर मिल सके। लोकसभा चुनाव और निकाय चुनाव से पहले इस उपचुनाव में सफलता मिलती है तो इससे पूरे प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में मजबूत संदेश जाएगा।
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भाजपा के गढ़ पर कांग्रेस का घेराव
बागेश्वर उप चुनाव की तैयारी प्रारंभ करने के लिए प्रमुख प्रतिपक्षी दल कांग्रेस 13 या 14 अगस्त को प्रत्याशी घोषित कर सकता है। बता दें कि कांग्रेस को वर्ष 2017 के बाद से लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है। उत्तराखंड में अपने खोए जनाधार को पाने के लिए पार्टी हाथ-पांव मार रही है। वर्ष 2022 में फरवरी माह में हुए विधानसभा चुनाव के बाद से अभी तक एक उपचुनाव हो चुका है। बीते वर्ष मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं चंपावत सीट से प्रत्याशी थे। मुख्यमंत्री ने भारी मतों से इस उपचुनाव में जीत हासिल की थी। वहीं वर्ष 2022 में 12141 मतों के अंतर से जीते थे चंदन रामदास अब कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास के निधन के पश्चात बागेश्वर सुरक्षित सीट रिक्त हो गई। निर्वाचन आयोग चुनाव और चुनाव परिणाम की तिथियां घोषित कर चुका है। चंदन रामदास वर्ष 2007 के बाद से वर्ष 2022 तक लगातार चौथे बार इस सीट से विधायक चुने गए थे।
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कांग्रेस ने किया बागेश्वर में उलटफेर का दावा
बागेश्वर उपचुनाव की घोषणा के साथ ही कांग्रेस ने जीत का दावा करते हुए। जल्द पार्टी प्रत्याशी घोषित करेगी। बता दें कि फरवरी 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां से रणजीत दास को टिकट दिया था, जो त्रिकोणीय मुकाबले में चंदन रामदास से 12,141 मतों से हार गए थे। तब आप पार्टी के बसंत कुमार ने 16 हजार से अधिक मत जुटाकर कांग्रेस की जीत दूर कर दी थी। लंबे समय से भाजपा के खाते में रही इस सीट पर अब कांग्रेस की नजर टिकी हुई है। वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में चंदन रामदास को 32,211 मत मिले थे, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी रणजीत दास को 20017 मत प्राप्त हुए थे। चंदन रामदास को 12141 मतों के अंतर से जीत हासिल हुई थी।
जल्द चुनाव से राहत
बागेश्वर में चुनाव सितंबर प्रथम सप्ताह में ही निपटने से कांग्रेस ने राहत की सांस ली है। वैसे उपचुनाव के लिए 25 अक्तूबर तक का समय उपलब्ध था, इस कारण कांग्रेस को उपचुनाव अक्तूबर में होने से अगले माह के अंत से प्रस्तावित पदयात्रा प्रभावित होने की चिंता थी। अब पार्टी उपचुनाव के बाद पदयात्रा पर पूरा फोकस कर पाएगी।
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सरकार विरोधी लहर से उम्मीदें
कांग्रेस को यह उम्मीद है कि धामी सरकार के एक वर्ष से अधिक कार्यकाल में एंटी इनकंबेंसी फैक्टर रंग लाएगा। भर्ती घोटाले, अग्निपथ योजना, वनंतरा रिसार्ट की महिला कर्मचारी की हत्या से उपजी एंटी इनकंबेंसी का लाभ मिलेगा। यही कारण है कि पार्टी इस उपचुनाव के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। कांग्रेस की कोशिश दमदार प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारने की है। पार्टी ने प्रत्याशी चयन के लिए समिति का गठन किया था। यह समिति अपनी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंप चुकी है। पार्टी नेतृत्व को भेजा तीन नाम का पैनल समिति की ओर से संस्तुत तीन नामों का पैनल अब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के माध्यम से पार्टी हाईकमान तक पहुंच चुका है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि दो-तीन दिन में प्रत्याशी घोषित कर दिया जाएगा। प्रयास ये किया जा रहा है कि पार्टी प्रत्याशी की घोषणा सर्वसम्मति से हो, ताकि पार्टी एकजुटता व ताकत से चुनाव लड़ सके। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि प्रदेश में भर्तियों में घोटाले हो रहे हैं। नौजवान बेरोजगारी और महंगाई से जूझ रहा है। जनता कांग्रेस की ओर टकटकी लगाए हुए हैं।
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