बाबा केदार के रक्षक भैरव नाथ के कपाट शनिवार को विधि विधान से होंगे बंद, शाम 4 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगा केदारनाथ मंदिर..
Bhairav Nath doors will closed : उत्तराखंड की चारधाम यात्रा अपने अंतिम पड़ाव पर चल रही है. 15 नवंबर की सुबह केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जायेंगे. कपाट बंद होने की विधि भी शनिवार से शुरू हो जायेगी. वहीं केदारपुरी में स्थित बाबा केदार के रक्षक द्वारपाल माने जाने वाले भैरव नाथ के कपाट शनिवार को पूजा-अर्चना और यज्ञ-हवन के पश्चात शीतकाल के लिए दोपहर 3 बजे से बंद हो जाएंगे. इस दौरान केदारनाथ मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगा मंदिर फिर शाम 4 बजे दर्शन के लिए खोल दिया जाएगा.
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दोपहर 3 बजे श्री भैरवनाथ जी के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे | Bhairav Nath doors will closed
बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि केदारनाथ धाम में स्थित बाबा भैरवनाथ जी के कपाट बंद होने के बाद श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने तक श्री केदारनाथ यात्रा चलती रहेगी. उन्होंने आगे बताया कि शनिवार दोपहर 12 बजे तक भगवान केदारनाथ के दर्शन होंगे. उसके पश्चात साफ-सफाई के बाद मंदिर दर्शनार्थियों के लिए बंद रहेगा.
वहीं उनका कहना है कि दोपहर 1 बजे मंदिर समिति के पुजारी, धर्माचार्य, वेदपाठी, अधिकारीगण और तीर्थ-पुरोहित भैरवनाथ जी के कपाट बंद करने के लिए भैरव शिला प्रस्थान करेंगे. इस अवसर पर भैरवनाथ जी का आह्वान किया जाएगा. पूजा-अर्चना यज्ञ-हवन के बाद दोपहर 3 बजे श्री भैरवनाथ जी के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे.
17 नवंबर को गुप्तकाशी से रवाना होगी पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली | Bhairav Nath doors will closed
जानकारी के मुताबिक बाबा केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली कपाट बंद होने के बाद धाम से रवाना हो जाएगी. जिसके बाद यह लिनचोली, जंगलचट्टी, गौरीकुंड, सोनप्रयाग और सीतापुर यात्रा के अपने पड़ाव पूरे करते हुए रामपुर में पहली रात्रि विश्राम करेगी. जिसके बाद पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली 17 नवंबर को गुप्तकाशी से रवाना होकर शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान हो जाएगी.
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